मोती रत्न के फायदे: मानसिक और पारिवारिक सुख का आसान उपाय

मोती रत्न के फायदे। मोती के लाभ। Moti Ratna ke Fayde

मोती रत्न moti gemstone पर्ल

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मोती रत्न को बेहद अच्छा और प्रभावकारी रत्न माना जाता है क्योंकि जब व्यक्ति इस रत्न को विधिपूर्वक धारण करता है तो उसे अपने जीवन के तमाम क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होते हैं जैसे – स्वास्थ्य, मानसिक शांति, सामरिक सफलता, बुद्धि विकास, पारवारिक सुख, प्रेम संबंध, वैवाहिक जीवन आदि सभी क्षेत्रों में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। मोती रत्न के लाभ कुछ इस प्रकार हैं-

  • स्वास्थ्य लाभ: मोती रत्न शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह रक्तचाप को कम करता है और तनाव को कम करता है। मोती रत्न के लाभ से जातक सेहत में पहले से ज्यादा सुधार महसूस कर पाता है।
  • मानसिक शांति: मोती रत्न मानसिक शांति और स्थिरता को बढ़ाता है। यह मनोवैज्ञानिक अवसाद को कम करने में मदद करता है और मन को शांत रखता है। मानसिक तनाव को कम करके शांत करता है मोती रत्न।
  • सामरिक सफलता: मोती रत्न सामरिक और व्यापारिक सफलता को प्रोत्साहित करता है। यह करियर में स्थिरता लाता है और सफलता की ओर आपको प्रेरित करता है। मोती रत्न के प्रभाव से व्यापारिक सफलता के अवसर बढ़ जाते हैं।
  • बुद्धि के विकास: मोती रत्न बुद्धि और मनोयोग को विकसित करता है। यह आपको विचारशील बनाता है और समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है। जिससे जातक शिक्षा के क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित कर पाता है।
  • परिवारिक सुख: मोती रत्न परिवार में खुशहाली और सुख को बढ़ाता है। यह परिवार के सदस्यों के बीच में प्रेम और सम्बंधों को मजबूत बनाता है। इसके प्रभाव से घर के सदस्यों के साथ संबंध अच्छे होते हैं और स्नेह बढ़ता है।
  • प्रेम और रोमांटिक जीवन: मोती रत्न प्रेम और रोमांटिक जीवन को मधुर और आनंदमय बनाता है। यह पार्टनर के साथ आत्मीयता और संबंध को बढ़ाता है। यह जातक को अपने प्रेमी/प्रेमिका की ओर आकर्षित और स्नेह बढ़ाने में मदद करता है।
  • स्थिरता और सुरक्षा: मोती रत्न स्थिरता और सुरक्षा की भावना प्रदान करता है। यह आपको अधिक सुरक्षित महसूस कराता है और आपके जीवन में स्थिरता का आनंद देता है। यह जातक को शत्रुओं से होने वाली समस्याओं से बचाता है।
  • आंतरिक सौंदर्य: मोती रत्न आपके आंतरिक सौंदर्य को बढ़ाता है। यह आपको आकर्षक और आत्मविश्वासी बनाता है। जिससे जातक पूरे साहस के साथ कार्यों को कर पाता है। इसके प्रभाव से जातक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है जो उसे बड़ा बनाने में उसकी मदद करता है।
  • संतान सुख: मोती रत्न जातक को संतान सुख और परिवार में आनंद बढ़ाता है। यह जातक को संतान प्राप्ति के साथ-साथ अपने जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर बनाने में मदद करता है। मोती रत्न जातक को पुत्र प्राप्ति में भी मदद कर सकता है।

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Moti Ratna ke Fayde – Video

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मोती रत्न क्यों खास है?

इस ब्रह्मांड मे पाए जाने वाले सभी रत्नो मे आप सबसे ज्यादा मोती रत्न पहने हुए लोगों को देखेंगे। यह चन्द्र से संबन्धित रत्न है जिसे ज्योतिष के राज मण्डल में रानी कहा गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह मोती रत्न बहुत ही अच्छा और शुभ रत्न माना गया है।

यह रत्न हमें समुद्र के नीचे काफी गहराई में चट्टानों के नीचे दवी शिल्पियों के रूप में मिलता है। यह मोती रत्न बड़ा ही अदभुद रत्न है जो की बड़ी ही कठिनाई से मिलता है। इस वजह से अच्छी गुणवत्ता के मोतियों की उपलब्धता कम होती है और ये हमें बाजार में जल्दी नहीं मिलते है।

इस मोती रत्न (Pearl Gemstone) में क्रिस्टल के समान आध्यात्मिक गुण के भी होते हैं। यह रत्न आभूषण के मामलों में ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है , लोग इस मोती को हार या अंगूठी में डालकर भी पहनना पसंद करते  है। अगर अब हम मोती के प्रकारों की बात करें तो मूल रूप से मोती पाँच प्रकार के होते हैं।

 1- सुच्चा मोती

3- बॉस मोती

2- गजमुक्ता मोती

4- सर्प दन्त मोती

5 – सुअर 

ज्योतिष शास्त्र में जातकों को होने वाली समस्याओं का संबंध नव ग्रहों से माना जाता है। इन ग्रहों से संबंध रखने वाले रत्नो [ पुखराज , नीलम , माणिक , मूंगा , पन्ना ] को जब मनुष्य धारण करता है तो उसे सभी समस्याओं से निजात मिल सकता है।



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मोती रत्न धारण करने की विधि। मोती पहनने की विधि। Moti Dharan Vidhi

इसकी विधि नीचे दिए गए बिंदुओं में बताई गई है कृपया इन बिंदुओं को ध्यान से पढे ताकि व्यक्ति से किसी भी प्रकार की गलती ना हो। 

  •  इस मोती रत्न को चाँदी की अंगूठी मे मढ़वाकर और इसका किसी अनुभवी ज्योतिष से शुद्धिकरण करवाकर सोमवार के दिन सीधे हाथ की सबसे छोटी उंगली मे पहनना चाहिए। 
  • इस रत्न को पहनने से पहले याद रखे इसका शुद्धिकरण करना बहुत जरूरी है इसलिए इसे दूध , दही , शहेद , घी ,तुलसी आदि का पंचाम्रत बनाएँ और फिर उसमे मोती को स्नान काराएँ। 
  • भगवान शिव और माता पार्वती को पुष्प, अक्षत व सुंगधित अगरबत्ती लगाएँ और दूप -दीप व कुमकुम से पूजा करें और इसके बाद ॐ चं चंद्राय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • आप जब कभी भी इस मोती रत्न को पहनने का मन बनाएँ तो जान कार ज्योतिष की सलाह अवश्य लें। क्यूंकी हम मोती मन और अपने शरीर को शीतल बनाए रखने के लिए पहनते हैं।
  •  पूजा के बाद मोती को सोमवार या पूर्णिमा के दिन या हस्त, रोहिणी और श्रवण नक्षत्र में धारण करना चाहिए। सोमवार के दिन मोती पहनना अति उत्तम होता है। 

सूचना – याद रहे ये एक सामान्य विधि है व्यक्तिगत रूप से अपनी कुंडली के अनुसार मोती रत्न पहनने की विधि जानने के लिए आप हमारे ज्योतिष आचार्यों से संपर्क कर सकते हैं।


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मोती रत्न के मुख्य फायदे

  • मानसिक शांति और संतुलन
  • सौन्दर्य और आकर्षण
  • आध्यात्मिक जागरूकता
  • धन और समृद्धि
  • स्वास्थ्य लाभ

मोती रत्न किसे पहनना चाहिए?

कर्क राशि के जातक: कर्क राशि वालों के लिए मोती पहनना शुभ होता है।
कमजोर चंद्रमा: अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो मोती पहनना लाभकारी है।
मानसिक तनाव: जिन लोगों को मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद हो, उन्हें मोती पहनने की सलाह दी जाती है।
भावनात्मक अस्थिरता: भावनाओं में अस्थिरता होने पर मोती शांति और संतुलन लाता है।
ग्रहण योग: यदि कुंडली में ग्रहण योग हो तो मोती रत्न धारण करना अच्छा होता है।
अनिद्रा की समस्या: नींद न आने की समस्या होने पर मोती पहनना लाभकारी हो सकता है।


मोती रत्न किसे नहीं पहनना चाहिए?

मेष, सिंह, और धनु राशि के जातक: इन राशियों के स्वामी ग्रह अग्नि तत्व के होते हैं, जो चंद्रमा के शीतल स्वभाव से मेल नहीं खाते।

मंगल, शनि, राहु या केतु के प्रभाव में: जिन लोगों की कुंडली में मंगल, शनि, राहु, या केतु ग्रह बलवान हों, उन्हें मोती नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि ये ग्रह चंद्रमा के साथ विरोधात्मक होते हैं।

कमजोर सूर्य: जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो, उन्हें मोती नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह सूर्य की ऊर्जा को और कमजोर कर सकता है।

व्यावसायिक और आर्थिक संकट में: अगर किसी को आर्थिक समस्याएं हैं या व्यावसायिक नुकसान हो रहा है, तो मोती रत्न पहनने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह रत्न व्यावसायिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

भावनात्मक रूप से अत्यधिक संवेदनशील व्यक्ति: अगर कोई पहले से ही अत्यधिक भावुक या संवेदनशील है, तो मोती रत्न पहनने से यह संवेदनशीलता और बढ़ सकती है, जिससे मानसिक अस्थिरता हो सकती है।