पुखराज रत्न के फायदे: भाग्यवृद्धि और आर्थिक उन्नति का सरल उपाय

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पीला पुखराज और इसकी विशेषताएँ। Yellow Sapphire – Pukhraj

पुखराज रत्न। pukhraj ratna

पुखराज एक महत्वपूर्ण रत्न होता है जिसे अंग्रेजी में ‘Yellow Sapphire’ कहते हैं। यह एक बहुत ही सुंदर और मजबूत रत्न होता है, जिसकी महत्वता काफी उच्च होती है। पुखराज गुरु ग्रह (बृहस्पति) का प्रतिनिधित्व करने वाला होता है। इसका इस्तेमाल धन, सौभाग्य, विवाह और संतान सुख को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

यह एक बहुत ही शक्तिशाली रत्न होता है और उसका उपयोग अच्छे स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है। यह रत्न मुख्य (Pukhraj ratna) रूप से श्रीलंका, मदागास्कर, जापान, ब्राजील, मेक्सिको, रुस, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में पाया जाता है। इसका रंग हल्का पीला से गहरा पीला तक होता है। हम इस रत्न की बात करें तो यह रत्न दो तरीके के होते है। पीला और सफ़ेद होता है।

इसके कई लाभ होते हैं जैसे कि धनिक स्थिति को बेहतर बनाना, मानसिक शांति प्रदान करना, व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में स्थिरता लाना, जीवनसाथी की खोज में सहायता करना, वैवाहिक जीवन को सुखी बनाना, स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, और आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाना। इसको पहनने से पहले व्यक्ति को अपने ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए। यदि यह आपकी कुंडली के अनुसार नहीं होता है, तो इसका उपयोग करने से नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।




इस लेख में आपको इन सबके जवाब मिल जाएंगे ।

  • पुखराज रत्न के फायदे
  • पुखराज रत्न के नुकसान
  • पुखराज रत्न की कीमत क्या है
  • पुखराज रत्न, किस उंगली में पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न की कीमत कितनी है
  • पुखराज रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न किस धातु में पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न पहनने की विधि

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पीला पुखराज रत्न की तकनिकी विज्ञान। Technical Science of yellow sapphire

यह एक ऐसा अनोखा प्रकृति में मिलने वाला रत्न है जिसे हम एक बहुमूल्य रत्न भी कहते है। इस रत्न का वैज्ञानिक रासायनिक सूत्र Al2SiO4 ( F,OH )2 है। यह रत्न देखने में चिकना, चमकदार, पानीदार और पारदर्शी होता है। यह रत्न एक व्यवस्थित किनारों वाला होता है। यह रत्न एलूमिनियम और फ्लोरीन साथ-साथ सिलिकेट का खनिज होता है। जिसका रासायनिक सूत्र हम आपको उपर बता चुके है। इस प्रकार वैज्ञानिक तथा प्राचीन ग्रंथों में भी इस को कुरंड जाती के स्टोंस में माना गया है। वैज्ञानिक ब्राजील के गहरे पीले रत्न को सबसे उत्तम मानते है।  


पुखराज रत्न के फायदे। पुखराज रत्न के लाभ। Benefits of Pukhraj

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में येल्लो सैफायर जातक के लिए बहुत ही लाभकारी रत्न माना जाता है। येलो सफायर से जातक की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अनेक गुणों को अपनाया है। इस रत्न से जातक को क्या-क्या फायदे होते हैं यह नीचे दिये गय बिन्दुओं में बताया गया है। जो कुछ इस प्रकार हैं।

  • बुद्धि और समझ: यह रत्न जातक की बुद्धि और समझ को बढ़ाता है। इसे पहनने से व्यक्ति की तार्किक (तर्क विचार) और एनालिटिकल क्षमता में सुधार होता है।
  • धन लाभ: यह धन और समृद्धि लाने में मदद करता है। यह व्यक्ति के वित्तीय स्थिति को सुधारता है और उसे धन संचय करने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह रत्न कुछ चिकित्सीय लाभ भी देता है। यह अस्थि (हड्डी) और दांतों के लिए अच्छा माना जाता है और यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है।
  • आत्म-विश्वास: यह रत्न व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। इसके प्रभाव से जातक को समाज में बोलने की शक्ति और खुद में आत्मविश्वासी होता है।
  • आत्मिक उन्नति: यह जातक कि आत्मिक उन्नति में मदद करता है। इसके धारण से जातक में ध्यान और आत्म-बोध की शक्ति बढ़ती है।
  • शिक्षा में उन्नति: पुखराज विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह उनकी अध्ययन क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें नई चीजें जल्दी समझने में मदद करता है।
  • व्यावसायिक उन्नति: यह व्यापारियों और उद्यमियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह व्यावसायिक उन्नति और सफलता में मदद करता है।
  • नैतिक मूल्यों का विकास: यह नैतिक मूल्यों और सत्यनिष्ठा का प्रतीक होता है। इसके पहनने से व्यक्ति में ईमानदारी और न्याय की भावना बढ़ती है।
  • शांति और स्थिरता: यह व्यक्ति में शांति और स्थिरता लाता है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और ध्यान और संयम में मदद करता है।
  • प्रेम और वैवाहिक संबंध: यह रत्न धारण करने से जातक को अपने साथी का प्यार मिल सकता है। वहीं प्रेमी जोड़ों के संबंध मधुर बनाने में मदद करता है।

पीला पुखराज रत्न के नुकसान। पुखराज रत्न से हानि। Pukhraj ke Nuksan

यह रत्न गुरु ग्रह का प्रतीक है और उसका इस्तेमाल व्यक्ति की कुंडली और ग्रहों की स्थिति के आधार पर किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार, अगर गलत तरीके से धारण किया जाए तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके ऐसे नुकसान जो पीले रत्न के गलत प्रयोग से हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है।

  • मानसिक तनाव: इस रत्न के गलत प्रयोग से जातक में चिंता और मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जिससे वह एक जगह ध्यान केन्द्रित करने में असमर्थ रहेगा।
  • नेगेटिव ऊर्जा: यदि रत्न अच्छी तरह से शुद्ध नहीं है या फिर व्यक्ति की कुंडली के अनुसार नहीं है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है। जिसके कारण जातक को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • स्वास्थ्य समस्याएँ: यदि यह रत्न जातक के लिए अनुचित है और वह धारण करता है तो जातक को स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे दिल की बीमारी, आंतों की समस्या आदि हो सकती हैं।
  • आर्थिक समस्याएँ: यदि यह रत्न गलत तरीके से धारण किया गया है, तो जातक को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • परिवारिक विवाद: इस रत्न के अनुचित प्रयोग से परिवार के सदस्यों के बीच विवाद हो सकते हैं। आपसी मतभेदों के कारण तनाव अधिक हो सकता है।
  • पेशेवर समस्याएँ: इस रत्न को गलत विधि से धारण किया जाए तो जातक कि नौकरी या व्यापार में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं।
  • आत्मविश्वास की कमी: यह रत्न, गलत तरीके से पहनने पर, व्यक्ति के आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकता है। जिससे जातक को समाज में लोगों के साथ नजरे मिलाने में शर्म आएगी।
  • शिक्षा में बाधा: पीला पुखराज अपने गलत प्रभाव से जातक कि शिक्षा में बाधाएँ पैदा कर सकता है, जो विद्यार्थी के लिए नकारात्मक परिणाम ला सकता है।
  • वैवाहिक जीवन पर प्रभाव: इसको गलत तरीके से पहनने पर जातक को अपने वैवाहिक जीवन में तनाव और आपसी मतभेद जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।

इन नुकसानों को देखते हुए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप पुखराज रत्न का उपयोग किसी ज्योतिषी या विशेषज्ञ की सलाह अनुसार करें।


पीला पुखराज कितने रत्ती का पहनना चाहिये। Pukhraj kitne ratti ka pahne

पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) का वजन व्यक्ति के व्यक्तिगत लक्षण और ज्योतिष की सलाह पर आधारित होता है। यह रत्न 3 रत्ती से शुरू होता है। लेकिन पुखराज 3 से 5 रत्ती के बीच धारण कर सकते हैं। अगर आप विचार कर रहे हैं कि यह रत्न पहनें, तो आपको एक विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए।

वे आपकी कुंडली के आधार पर उचित वजन, रत्न की शुद्धता, और पहनने का सही समय निर्धारित कर सकते हैं। याद रखें, यदि सही ढंग से नहीं पहना गया, तो यह रत्न नकरात्मक प्रभाव भी उत्पन्न कर सकता है।


पीला पुखराज रत्न पहनने की विधि। Pukhraj pahnne ki vidhi

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दुनिया में पाए जाने वाले सभी रत्नों की एक धारण विधि होती है जिस विधि से यदि जातक रत्न धारण करता है तो उसे उस रत्न के अवश्य लाभ होते हैं। परंतु गलत और अपनी मर्जी के अनुसार रत्न धारण करने पर उसके नुकसान सहने पड़ते हैं। इसी के चलते Yellow Sapphire धारण करने की विधि निम्नलिखित है।

  1. रत्न शुद्धि: सबसे पहले आपको इस रत्न को गंगाजल में रात भर के लिए भिगोना चाहिए। इससे रत्न की नकरात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
  2. समय चयन: इसे गुरुवार के दिन धारण करें। यदि संभव नहीं हो, तो किसी भी शुभ तिथि या मुहूर्त पर धारण किया जा सकता है।
  3. मंत्र जप: इस रत्न को धारण करने से पहले “ॐ बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
  4. अंगूठी पहनने की विधि: इस रत्न से बनी अंगूठी कनिष्ठा या तर्जनी अंगुली में पहनें। रत्न का धारण सोने या चांदी की अंगूठी में करना श्रेष्ठ होता है।
  5. ध्यान रखें: इस रत्न को धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह रत्न शुद्ध है और इसमें कोई क्रैक या स्क्रैच तो नहीं है।

पीला पुखराज रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव। Impacts of Yellow Sapphire on 12 signs

येल्लो सैफायर (Yellow Sapphire) रत्न ब्रह्माण्ड की ग्रह प्रणाली के हिसाब से बृहस्पति ग्रह (जुपिटर) का प्रतीक है। यह स्वास्थ्य, धन, प्रेम, शांति, और विवाह की खुशी को बढ़ावा देता है। हालांकि, सभी राशियों के लिए सभी रत्न सही नहीं होते हैं। इसलिए रत्न का चयन करने से पहले अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से करवा लें। यह किस राशि के लिए सही है और किसके लिए गलत यह नीचे निम्नलिखित रूप में दिया गया है।


मेष राशिफल 2024वृषभ राशिफल 2024मिथुन राशिफल 2024कर्क राशिफल 2024
सिंह राशिफल 2024कन्या राशिफल 2024तुला राशिफल 2024वृश्चिक राशिफल 2024
धनु राशिफल 2024मकर राशिफल 2024कुम्भ राशिफल 2024मीन राशिफल 2024

मेष राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Aries
पुखराज

मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और येल्लो सैफायर के स्वामी गुरु यानी बृहस्पति का मेष राशि के स्वामी के साथ हमेशा मित्रता का भाव रहता है। इस कारण जातक का हर काम सफल होता है और जातक उन्नति प्राप्त करता है। इसे धारण करने से जातक का आत्मविश्वास बढ़ जाता है और उसके साथ कभी धोखा नही होता उनकी शारीरिक समस्याएं भी कम हो जाती है।


वृषभ राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Taurus
पुखराज

येल्लो सैफायर के स्वामी बृहस्पति वृषभ राशि के स्वामी शुक्र के साथ शत्रु का भाव रखते है इस कारण वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रत्न हानिकारक होता है लेकिन यदि व्यक्ति इस रत्न को किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य के परामर्श से पहनता है तो उसकी आर्थिक स्थिति सुधर होता है और उसे धन की प्राप्ति होती है।

उसे परिवार का सुख प्राप्त होता है तथा उसके मान सम्मान में वृद्धि होती है। वह अपने जीवन का भर पूर्ण आनंद ले पाता है और जातक की वाणी में भी मधुरता आती है।


 मिथुन राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Gemini
पुखराज

मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है और बुध बृहस्पति से कभी बैर नही रखता इसलिए इस राशि के लोगों के लिए ये येल्लो सैफायर अत्यधिक लाभकारी होता है। जब जातक इसे धारण करता है तब उसे हर धंधे में सफलता मिलती है तथा उसे अपने किसी पूर्वजों से संपत्ति मिल सकती है और उस जातक को सबका साथ मिलने लगता है।

ऐसे जातक जो इस रत्न को धारण कर लेते है उसके बाद वे ज्यादातर लोगो के संपर्क में रहते है लेकिन इसे धारण करने से पहले जातक को अनुभवी ज्योतिष आचार्य की सलाह बहुत जरूरी होगी।


कर्क राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Cancer
पुखराज

कर्क राशि का स्वामी चन्द्र होता है और चन्द्र हमेशा गुरु के साथ अच्छा व्यवहार रखता है इसलिए कर्क राशि के जातको को येल्लो सैफायर रत्न के अवश्य पहनना चाहिए क्योंकि जातक को इसके बहुत सारे लाभ मिलते है। जैसे वह अपना कोई भी मन चाहा काम कर सकता है। जो जातक अपना खुद का घर नही ख़रीद पाते है उन्हें इससे बहुत सहायता मिलेगी जिससे वे अपना घर आसानी से ख़रीद पाते हैं।


सिंह राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Leo
पुखराज

सिंह राशि के स्वामी सूर्य का बृहस्पति के साथ बहुत अच्छे सम्बन्ध रहते है इस कारण यह येल्लो सैफायर सिंह राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है। सिंह राशि के जातक इसे धारण कर सकते हैं, क्योंकि इस रत्न के पहनने से आपको शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है और ज्ञान की बढ़ोतरी होती है। अपने जीवन में उन्नति पाने के लिए इस रत्न को धारण करने से पहले एक बार किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अवश्य पुंछ लें।


कन्या राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Virgo
पुखराज

येल्लो सैफायर का स्वामी बृहस्पति कन्या राशि के स्वामी बुध के साथ एक जैसा व्यवहार रखते है लेकिन बृहस्पति और बुध एक दूसरे से शत्रु का भाव रखते है। ऐसे में जातक के लिए यह रत्न हानिकारक होता है लेकिन जातक अगर किसी ज्योतिष आचार्य से परामर्श लेकर धारण करता है तो उसे अपने ही शत्रुओं से फायदा होने लगता है।


तुला राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Libra
पुखराज

तुला राशि के जातकों को यह रत्न जरुर पहनना चाहिये क्योंकि इस रत्न का स्वामी बृहस्पति तुला राशि के जातकों की कुंडली में तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है इसलिए इस राशि के जातकों को इसका लाभ बहुत ज्यादा मिलता है इसके पहनने से खासकर व्यक्ति का स्वास्थ एक दम ठीक रहता है और रिश्तों में मधुरता आती है और यह रत्न जातक को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।


वृश्चिक राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Scorpio
पुखराज

वृश्चिक राशि (Scorpio) के लिए, मार्गशीर्ष और फाल्गुन महीने के मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों को रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसरत्न को पहनने से पहले आपको अपने ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए। हर व्यक्ति की कुंडली और ग्रहों की स्थिति अद्वितीय होती है, इसलिए कौन सा रत्न पहनना उनके लिए शुभ या अशुभ हो सकता है, यह उनकी कुंडली के आधार पर तय होता है।


धनु राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Sagittarius
पुखराज

धनु राशि का स्वामी बृहस्पति ही है और येल्लो सैफायर का स्वामी भी बृहस्पति है तो इस राशि के जातको को यह रत्न अवश्य पहनना चाहिये क्योंकि धनु राशि का भाग्य रत्न येल्लो सैफायर ही माना जाता है इसे पहनने से जातक को हर काम में सफलता मिलती है इस रत्न के धारण करने से मानो व्यक्ति का भाग्योदय हो जाता है।

जिससे वह अपने जीवन में हर काम में सकारात्मक परिणाम ही पाता है। इसे पहनने के बाद जातक कहीं परदेश घूमने जा सकता है और इस राशि के जातकों की सेहत बहुत अच्छी रहती है जिसके शुभ प्रभाव से वे रोग मुक्त हो जाते है। 


मकर राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Capricorn
पुखराज

मकर राशिं के स्वामी शनि और इस रत्न के स्वामी गुरु का एक दूसरे से शत्रु भाव रहता है जिसके कारण इस राशि के जातकों को येल्लो सैफायर नही पहनना चाहिये क्योंकि यदि जातक इसे पहन भी लेता है तो इस रत्न के स्वामी बृहस्पति का जातक के ऊपर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

ऐसे में व्यक्ति यदि येल्लो सैफायर धारण करना चाहता है तो वह किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से परामर्श ले और फिर उसके बाद ज्योतिष आचार्य के द्वारा बाताय गए उपायों के अनुसार इस रत्न को धारण कर सकता है। 


कुंभ राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Aquarius
पुखराज

कुंभ राशिं के स्वामी शनि और इस रत्न के स्वामी गुरु का एक दूसरे से शत्रु भाव रहता है जिसके कारण इस राशि के जातकों को येल्लो सैफायर नही पहनना चाहिये क्योंकि यदि जातक इसे पहन भी लेता है तो इस रत्न के स्वामी बृहस्पति का जातक के ऊपर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

ऐसे में व्यक्ति यदि येल्लो सैफायर धारण करना चाहता है तो वह किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से परामर्श ले और फिर उसके बाद ज्योतिष आचार्य के द्वारा बाताय गए उपायों के अनुसार इस रत्न को धारण कर सकता है। 


मीन राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Pisces
पुखराज

मीन राशि के लिए येल्लो सैफायर सबसे ज्यादा लाभकारी है। यह रत्न मीन राशि के जातकों के लिए भगवान के वरदान से कम नही है। इस रत्न के धारण करने से मीन राशि के जातकों को एक नई शक्ति मिलती है और यह रत्न धारण करने के बाद जातक का सभी कामों के प्रति रुझान बढ़ जाता है।

जातक कर्ज मुक्त हो जाते है तथा उनका किसी भी काम में नुकसान नही होता है और इनका ध्यान सिर्फ अपने काम में ही रहता है फ़ालतू के कामों में नही। 


एक विशेष जानकारी – यह सभी राशियों के लिए सामान्य रूप से बताया गया है कि किस राशि के लिए यह रत्न सही है किसके लिए गलत! परंतु रत्न धारण करने से पहले व्यक्तिगत रूप से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवा लें।


पीला पुखराज की पहचान । पुखराज का असली या नकली होना । Pukhraj ki pahchaan 

इसे पहचानने के लिए आपको इसकी कुछ विशेषताओं पर ध्यान देना होगा। नीचे कुछ बिंदु दिए गए हैं जो आपको पुखराज की पहचान में मदद कर सकते हैं।

  1. रंग: इसका रंग पीला होता है। इसका रंग हल्के से मध्यम लीमन पीले से लेकर गहरे सोने वाले पीले तक हो सकता है।
  2. चमक: इस रत्न की चमक बहुत उच्च होती है, जिससे यह अन्य पीले रत्नों से अलग होता है।
  3. पारदर्शिता: यदि आप इसके माध्यम से देखते हैं, तो आपको पूरी तरह से स्पष्ट दृश्य दिखाई देना चाहिए। यदि आपको इसमें कुछ भी धुंधलापन दिखाई दे रहा है, तो यह संभवतः असली पुखराज नहीं है।
  4. कठिनाई: इसका मोहस की कठिनाई के स्केल पर 9 होता है, जो हीरे के बाद दूसरा सबसे कठोर रत्न है।
  5. प्रकाश विकिरण: इस रत्न का एक विशेष गुण होता है जिसे प्लेजोक्रोइस्म कहा जाता है। इसका मतलब है कि जब इसे विभिन्न कोणों पर देखा जाता है, तो यह विभिन्न रंगों को प्रदर्शित करता है।

पीले पुखराज का विकल्प उपरत्न । Substitute of Yellow Sapphire

येल्लो सैफायर एक ऐसा रत्न है जिसकी कीमत मार्केट में बहुत ज्यादा है इसलिए कुछ ऐसे जातक जो पीले रत्न को नही खरीद पाते हैं तो उनके लिए इस रत्न के कुछ उपरत्न है। जो जातक आसानी से खरीद कर पहन सकते हैं। वो इस प्रकार हैं।

धिया –  यह हल्का पीला होता है ।

केसरी – यह हल्की चमक का तथा वजन में भारी होता है ।

केरु – यह पीतल के रंग का होता है ।

सोनल – यह सफ़ेद होता है और इसमें पीली किरण निकलती है ।

सुनैला – यह भी सफ़ेद रंग का तथा चमकदार होता है ।

ये उपरत्न उन जातकों के लिए होते है जो येल्लो सैफायर नही खरीद पाते है तो वे इन उपरत्नो को खरीद कर धारण कर सकते है।


पुखराज रत्न से साबधानियाँ । Pukhraj se sabdhani

पुखराज रत्न (Yellow Sapphire) एक शक्तिशाली रत्न होता है, जो की बृहस्पति (गुरु) ग्रह से संबंधित है। इसका धारण करने से कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं, जैसे कि धन, समृद्धि, स्वास्थ्य, विवाह, और अच्छी शिक्षा। हालांकि, इसे पहनने से पहले कुछ सावधानियाँ रखनी चाहिए:

  1. यह सुनिश्चित करें कि पुखराज असली हो: बाजार में अनेक प्रकार के नकली रत्न मिलते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपका असली है और इसे मान्यता प्राप्त जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से सत्यापित किया गया है।
  2. ज्योतिषी की सलाह: यह एक शक्तिशाली रत्न होता है और यदि आपकी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति अच्छी नहीं है, तो इसे पहनने से नकरात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। इसलिए, इसे पहनने से पहले किसी विश्वसनीय ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए।
  3. पहनने का तरीका: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस रत्न को गुरुवार के दिन पहना जाना चाहिए। इसे सोने या चाँदी के रिंग में धारण किया जा सकता है और इसे अंगूठे या तर्जनी अंगुली में पहनने की सलाह दी जाती है।
  4. पुखराज रत्न की सफाई: इस रत्न को समय-समय पर साफ करना चाहिए ताकि इसकी चमक बनी रहे। इसे साफ करने के लिए मृदु ब्रश और साबुनी पानी का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, इसे अत्यधिक गर्म पानी या केमिकल से साफ नहीं करना चाहिए।
  5. रत्न की देखभाल: यह एक कठोर रत्न होता है, लेकिन इसे झटकों और गिरने से बचाना चाहिए। यदि यह टूट जाता है तो इसका प्रभाव कम हो जाता है।