नीलम रत्न के फायदे: आर्थिक, शिक्षा और स्वास्थ्य सुख का सरल उपाय

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नीलम रत्न और इसकी विशेषताएँ। Neelam Ratna

nilam नीलम रत्न blue sapphire

नीलम रत्न (Neelam Ratna), जो अंग्रेजी में “Blue Sapphire” के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रमुख रत्न है जो व्यापक रूप से मान्यताओं, ज्योतिष और रत्नों के माध्यम से जुड़ा है। ज्योतिष में नीलम का महत्व बहुत बड़ा है। यह शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और मान्यता है कि यह धन, यश, सम्मान और लंबी आयु को बढ़ाने में सहायक होता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है जो मनोवैज्ञानिक रूप से दुर्बल महसूस करते हैं या जो गंभीर रूप से बीमार हैं।

ज्योतिष में नीलम को पहनने से पहले एक विशेष ध्यान दिया जाता है क्योंकि यह बहुत शक्तिशाली होता है और यदि यह गलत तरीके से पहना जाता है तो नकरात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, किसी भी व्यक्ति को इसे पहनने से पहले उनके जन्म कुंडली का विश्लेषण करने वाले योग्य ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए। इस रत्न को हिमालय, बर्मा, बेंकोक, महानदी, जम्मू कश्मीर, श्रीलंका, थाईलैंड, आस्ट्रेलिया, रोड़ेसियिया, जावा, मोंटाना तथा ब्रह्मपुत्र जैसे देशों में पाया जाता है।

ऐसा माना जाता है की इस रत्न में जितनी शक्ति काम बनाने की होती है उतनी ही काम बिगाड़ने की होती है। जब जातक इस रत्न को विधि पूर्वक और सच्चे मन से धारण करता है तो वह अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव बहुत जल्द प्राप्त करता है। नीलन के प्रभाव से शनि की स्थिति मजबूत होती है। क्योंकि इस रत्न का स्वामी शनि है। यदि ये जातक के लिए लाभकारी हो तो उसे राजा बना देगा अगर हानिकारक हुआ तो राजा से भिखारी बनाने की क्षमता रखता है।


सूचना – रत्नों का वजन सही रूप से ज्योतिष + आयुर्वेद की पद्धति से निकाला जाना चाहिए क्योंकि शास्त्रों के हिसाब से बिना आयुर्वेद ज्योतिष शास्त्र का रत्न ज्ञान अधूरा माना जाता है। एक अनुभवी ज्योतिषी जो की आयुर्वेद का भी ज्ञान रखता हो वही आपको सही वजन बता सकता है जो आपकी कुंडली में ईश्वर के द्वारा लिखा गया है।

जब आप कुंडली के आधार पर बताए गय सही वजन के रत्न को विधि पूर्वक पहनेंगे तो आपको सर्वदा सफलताएँ मिलती रहेंगी। याद रखें आज कल जातक के वजन के हिसाब से ज्योतिष रत्नों की रत्ती निर्धारित की जाती है जो की 100% मूर्खता और अज्ञानता है। आपको ऐसे लोगों और ऐसी विधियों से खुद को बचाना चाहिए।

[ नोट- अनुमान तौर पर यह रत्न 3 रत्ती से लेकर 9 रत्ती के बीच में सही होता है बस आपको आपकी कुंडली के हिसाब से सही रत्ती पता करके पहनना चाहिए। ]




इस लेख में आपको इन सबके जवाब भी मिल जाएंगे।

  • रत्न किस उंगली में पहनना चाहिए
  • रत्न की कीमत कितनी है
  • नीलम रत्न किस धातु में पहनना चाहिए
  • नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए
  • रत्न पहनने की विधि

भिन्न रत्नों के बारे में पढ़े


नीलम रत्न की तकनिकी विज्ञान। Neelam ki Sanrachna

रत्न एक प्रकृति में मिलने वाला खनिज है। यह रत्न वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर एक एल्युमिनियम आक्साइड ( Al2O3 ) का मिश्रण है। अगर देखा जाय तो यह रत्न लाल रंग के अलाबा अन्य वर्ण [ किसी मनुष्य के रंग के आधार पर किया गया एक भाग ] का भी हो जाता है। इस रत्न की उत्पत्ति प्रकृति में होती है और विज्ञान ने तो इस रत्न को जैसा प्रकृति से हमे प्राप्त होता है ठीक बैसा ही रत्न खुद बनाकर तैयार कर लिया है।

विज्ञानिकों के आधार पर माणिक तथा नीलम की बनाबट एक जेसी है। इस रत्न में जो वैज्ञानिकों ने फार्मूला एल्युमिनियम आक्साइड में आयरन, टैटेनियम, क्रोमियम, कॉपर और मैग्निसियम के अच्छे गुण मिले होते है। इन सभी गुणों की शुद्धियों के कारण नीला, पीला, बैंगनी, नारंगी और हरा रंग इस रत्न में आ जाता है। इन्ही अच्छे गुणों के कारण इसे नीलम कहा जाता है।अगर इस रत्न में क्रोमियम हो तो यह क्रिस्टल को लाल रंग प्रदान करता है जिसे हम माणिक या रूबी रत्न कहते है।  


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नीलम रत्न के फायदे। नीलम रत्न के लाभ। Neelam ratna ke fayde

ज्योतिष के अनुसार, नीलम रत्न विशेष रूप से शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और उसके प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए पहना जाता है। इसे एक शक्तिशाली और तीव्र ग्रह का माना जाता है और इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव आ सकते हैं। नीलम रत्न के लाभ कुछ इस प्रकार हैं।    

शारीरिक और सामाजिक: 

नीलम रत्न के प्रभाव से जातक सुंदर शरीर वाला, बुद्धिमान और बलबान हो सकता है। इसके प्रभाव से जातक को समाज में मान-सम्मान, गौरवशीलता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

शिक्षा लाभ: 

नीलम धारण करना शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का कारक बनता है और गुरुओं का साथ दिलाता है। शिक्षा के क्षेत्र में हो रही समस्याओं से निजात दिलाने में माहिर होता है। गलत कार्यों से दूर रखता है तथा बुरे सपनों से भी मुक्त करता है।   

स्वास्थ्य लाभ: 

नीलम रत्न पहनने से जातक के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह नींद सम्बंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके प्रभाव से जातक जातक आलस्य मुक्त हो सकता है। जातक को किसी गुप्त रोग की परेशानी है तो उसमें भी यह रत्न लाभदायक होता है। 

धन लाभ: 

नीलम रत्न प्रयोग करने से जातक को धन लाभ तथा धन संचय में कराने में मदद करता है। यह व्यक्ति के व्यापार में धन लाभ की स्थिति को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

वैवाहिक लाभ:

नीलम रत्न वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति को कम करता है, होने वाली खुशी की हानि से भी बचाता है। इसके प्रभाव से जातक के जीवन में होने वाली सेक्सुयल समस्याएँ भी कम हो जाती है।

मानसिक शांति:

नीलम रत्न से मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान होती है। नीलम जातक के मन में उतपन उल्टे सीधे ख़यालों को भी कम करता है। 

कर्म की सफलता: 

नीलम रत्न व्यक्ति को उनके कर्मों में सफलता दिला सकता है। यह उनकी योग्यता और सक्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

सम्बंधों को सुधारना: 

नीलम जातक के सम्बंधों को सुधारने में मदद कर सकता है। यह व्यक्ति के सामरिक सम्बंधों को मजबूत कर सकता है। यह रत्न वैवाहिक तथा पारिवारिक संबन्धों को बेहतर बनाता है। 

सहनशीलता बढ़ाना: 

नीलम रत्न व्यक्ति की सहनशीलता और धैर्य शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। जातक नीलम के प्रभाव से किसी भी कार्य को साधारण तरीके से कर पाता है।

सकारात्मक ऊर्जा: 

नीलम रत्न व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है तथा नकारात्मक ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचाता है। 

कारोबार में सफलता:

नीलम व्यापार और पेशेवर जीवन में सफलता दिला सकता है। यदि जातक अपने व्यापार के क्षेत्र में नीलम रत्न को रखता या पहनता है तो उसे अवश्य लाभ प्राप्त होगा।

स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं से राहत: 

शनि रत्न नीलम टीवी, चर्म रोग, नेत्र रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिला सकता है।


नीलम रत्न के नुकसान। Neelam Ratna ke nuksan

इस रत्न या नीलमणि शनि ग्रह का प्रतीक होता है और इसका उपयोग व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए किया जाता है। हालांकि, इसका गलत या अनुचित उपयोग कुछ समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है। जो जातक के जीवन में तमाम सारी परेशानियाँ दे सकता है। ऐसे जातक जो नीलम या अन्य किसी रत्न को सिर्फ सौक के लिए धारण करते हैं उन्हे सावधारण और ज्योतिष परामर्श की सलाह दी जाती है। नीलम रत्न के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं-

  • शारीरिक समस्याएँ- जातक को सांस, आँखों, गले, बाजु से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। जातक को किडनी, पथरी, पैरों आदि से जुड़ी समस्या (Neelam ratna ke nuksan) होने की समस्या हो सकती है।   
  • मानसिक तनाव: इसके प्रभाव से जातक को चिंता, अवसाद, नकारात्मक विचारधारा और मानसिक तनाव का शिकार करना पड़ता है। दुख, वाहन दुर्घटना जैसी समसायाओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • आर्थिक मुद्दे: इस रत्न के प्रभाव से जातक को धन की कमी, आर्थिक संकट, व्यापारिक हानि और पारिवारिक धन कलह का सामना करना पड़ता है।   
  • वाहन दुर्घटनाएँ: यह रत्न धारण करने बाद जातक को वाहन सम्बंधित दुर्घटनाओं से खतरा बढ़ सकता है, और मौजूदा वाहनों से हानि हो सकती है।
  • रिश्तों में रुकावट: इस रत्न के नकारात्मक प्रभाव से जातक को अपने सम्बन्धों में कमी देखने को मिल सकती है। जैसे – पारिवारिक, वैवाहिक, प्रेम आदि सम्बन्धों में तनाव।

नीलम रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिये। Neelam kitne ratti ka pahnna chahiye

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न का आकार और वजन व्यक्ति की जन्म कुंडली, ग्रहों की स्थिति, उनकी स्वास्थ्य स्थिति, आयु और अन्य कई कारकों पर निर्भर कर सकता है। इसलिए, इसे पहनने से पहले ज्योतिषी की सलाह ज़रूर लें। वहीं अगर सामान्यतौर पर देखा जाए तो इस रत्न को कम से कम 5 रत्ती और ज्यादा से ज्यादा 7 रत्ती का पहना जा सकता है। यदि कोई जातक इससे ज्यादा या इससे कम धारण कर लेता है तो उसके नकारात्मक प्रभाव देखने पड़ सकते हैं।  


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नीलम रत्न धारण करने की विधि। Neelam Dharan Vidhi

  1. रत्न चुनना: पहले, एक विश्वसनीय स्रोत से उच्च गुणवत्ता वाला नीलम रत्न खरीदें। यह एक शुद्ध, अविभाज्य और अभिन्न रत्न होना चाहिए। यदि संभव हो, तो एक ज्योतिषी से सलाह लें ताकि वह रत्न की गुणवत्ता और उपयुक्तता की पुष्टि कर सके।
  2. रत्न को शुद्ध करना: रत्न को धारण करने से पहले उसे गाय के दूध या गंगाजल में भिगोकर शुद्ध करना चाहिए। यह उसे नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है।
  3. अभिमंत्रित करना: रत्न को धारण करने से पहले उसे अभिमंत्रित करना चाहिए। यह आमतौर पर एक पंडित द्वारा किए जाने वाले विशेष पूजा क्रियाकलापों के माध्यम से होता है।
  4. धारण करना: नीलम रत्न को शनिवार के दिन धारण करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। नीलम रत्न को आपके दाएं हाथ की मध्यमा अँगुली में पहनना चाहिए।
  5. प्रार्थना करना: रत्न धारण करने के बाद, शनि देव की प्रार्थना या जप करें।

नोट- यह एक सामान्य विधि है परंतु किसी भी रत्न को धारण करने के लिए अपनी कुंडली के अनुसार अनुभवी ज्योतिष से विधि पुंछना अति आवश्यक है। अपनी कुंडली के अनुसार सही विधि जानने के लिए ऊपर दीय गय फॉर्म को भरें।


नीलम रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव। Neelam Ratna ka Prabhav

इस दुनिया में पाए जाने वाले सभी रत्नों के कहीं न कहीं लाभ हानि होते हैं लेकिन वह आपके ऊपर निर्भर करता है की आप कौन सी स्थिति में रत्न को धारण करते हैं। ऐसे ही हम सभी राशियों पर इस रत्न का क्या-क्या प्रभाव होता है यह नीचे राशि के अनुसार बताएँगे। जो कुछ इस प्रकार है।  


12 राशियों का वार्षिक राशिफल 2024

मेष राशिफल 2024वृषभ राशिफल 2024मिथुन राशिफल 2024कर्क राशिफल 2024
सिंह राशिफल 2024कन्या राशिफल 2024तुला राशिफल 2024वृश्चिक राशिफल 2024
धनु राशिफल 2024मकर राशिफल 2024कुम्भ राशिफल 2024मीन राशिफल 2024

मेष राशि के लिए नीलम । Neelam Ratna ka Prabhav Mesh Rashi Par
नीलम

मेष राशि (Aries) के लोगों के लिए, इस रत्न को आमतौर पर सावधानीपूर्वक पहनने की सलाह दी जाती है। मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल (Mars) है और नीलम शनि ग्रह (Saturn) का प्रतीक है। मंगल और शनि ग्रहों के बीच पारस्परिक दुश्मनी मानी जाती है, इसलिए ज्योतिषी आमतौर पर मेष राशि के जातकों को यह पहनने की सलाह नहीं देते हैं। 

हालांकि, यह नियम सबके लिए सही नहीं हो सकता। कुंडली में शनि की स्थिति और उसका प्रभाव, दशा, अंतरदशा, महादशा आदि पर निर्भर करता है। कुछ विशिष्ट (Neelam ratna ke nuksan) परिस्थितियों में, जैसे शनि की साढ़े साती या धैय्या, नीलम रत्न का उपयोग विचार किया जा सकता है, लेकिन इसे एक अनुभवी और विश्वसनीय ज्योतिषी की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।  


वृषभ राशि के लिए नीलम । Neelam Ratna ka Prabhav Vrishabh Rashi Par
नीलम

वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र (Venus) है और यह रत्न शनि ग्रह (Saturn) का प्रतीक है । इस राशि के स्वामी की शनि के साथ हमेशा मित्रता रहती है। ऐसी स्थिति में इसका प्रभाव व्यक्ति के उपर बहुत ही अच्छा होता है (Neelam ratna ke fayde) और उस व्यक्ति को हर काम में सफलता प्राप्त होती है। क्योंकि शनि आपके लिये एक योगकारक ग्रह होता है।

वृषभ राशि के लिए इस रत्न के परिणामों को निर्धारित करने के लिए, हमें व्यक्ति की जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति का विचार करना चाहिए। वृषभ राशि वाले लोगों के लिए इस रत्न का प्रभाव व्यक्ति के शनि ग्रह की स्थिति पर निर्भर करेगा।


मिथुन राशि के लिए नीलम । Neelam Ratna ka Prabhav Mithun Rashi Par
नीलम

मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है, और शनि ग्रह जिससे यह रत्न सम्बंधित है, मिथुन राशि के लिए सामान्यतः शुभ नहीं माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति अशुभ है, तो उसे यह रत्न धारण करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे उनके जीवन में कठिनाईयाँ बढ़ सकती हैं।

लेकिन यदि शनि ग्रह उनकी कुंडली में शुभ स्थिति में है, तो वे इस रत्न (Neelam ratna ke fayde) का प्रयोग कर सकते हैं। इससे उनके जीवन में स्थिरता, धैर्य और समर्थन मिल सकता है।   


कर्क राशि के लिए नीलम । Neelam Ratna ka Prabhav Kark Rashi Par
नीलम

कर्क राशि के जातकों के लिए इस रत्न का प्रयोग बहुत ही सतर्कतापूर्वक किया जाना चाहिए। यह इसलिए है क्योंकि कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा होते हैं, जबकि यह रत्न शनि ग्रह से सम्बंधित होता है। चंद्रमा और शनि, ज्योतिष में, मित्र ग्रह नहीं माने जाते हैं।

इसके अलावा, यह रत्न एक अत्यंत शक्तिशाली रत्न होता है और यदि यह गलत तरीके से पहना जाए तो यह नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, अगर (Neelam ratna ke fayde) कर्क राशि के किसी जातक ने यह धारण करने का निर्णय लिया है, तो उन्हें इसे ज्योतिषी की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।   


सिंह राशि के लिए नीलम । Neelam Ratna ka Prabhav Simha Rashi Par
नीलम

सिंह राशि (Leo) के जातक सूर्य के प्रभावाधीन होते हैं, जो उन्हें नेतृत्व क्षमता, उत्साह, आत्मविश्वास, और उद्योगी प्रकृति देता है। यह रत्न शनि ग्रह से संबंधित है, और यह आमतौर पर कठिनाईयों, संघर्ष, और धैर्य के संकेत स्वरूप होता है।

सिंह राशि के जातकों के लिए इस रत्न का धारण करना आमतौर पर सलाह नहीं किया जाता है। यह इसलिए है क्योंकि शनि और सूर्य एक-दूसरे के प्रतिकूल माने जाते हैं, और यह रत्न (Neelam ratna ke fayde) शनि की ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जो सूर्य की ऊर्जा के प्रतिकूल हो सकती है।


कन्या राशि के लिए नीलम । Neelam Ratna ka Prabhav Kanya Rashi Par
नीलम

कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है और शनि इस राशि के अनुसार शत्रु ग्रह माने जाते हैं। यह रत्न शनि ग्रह का प्रतीक है। इसलिए, सामान्यतः कन्या राशि के जातकों के लिए रत्न का उपयोग सलाह नहीं दिया जाता है क्योंकि यह उनके लिए (Neelam ratna ke nuksan) हानिकारक साबित हो सकता है।

लेकिन, कभी-कभी विशेष परिस्थितियों में ज्योतिषी इसकी सलाह दे सकते हैं। यदि जातक की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में है या यदि शनि की महादशा या अंतरदशा चल रही हो और शनि लाभदायक हो, तब इस रत्न का उपयोग कर सकते हैं।


तुला राशि के लिए नीलम। Neelam Ratna ka Prabhav Tula Rashi Par
नीलम

तुला राशि के लिए, यह रत्न का प्रभाव मिश्रित हो सकता है। तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है, जो शनि के साथ अच्छी बनती है, इसलिए नीलम कई बार तुला राशि के जातकों के लिए लाभप्रद साबित हो सकता है। तथापि इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली, ग्रहों की स्थिति, दशा, और अन्य ज्योतिषीय कारकों पर निर्भर करेगा।

यदि शनि तुला राशि के जातक की कुंडली में शुभ स्थान में है, तब यह रत्न उनके लिए बहुत लाभप्रद साबित हो सकता है। यह उन्हें काम में स्थिरता, संगठनात्मक क्षमता, धैर्य, और लंबी अवधि की योजनाबद्धता (Neelam ratna ke fayde) प्रदान कर सकता है।  


वृश्चिक राशिके लिए नीलम। Neelam Ratna ka Prabhav Vrischik Rashi Par
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इस रत्न का उपयोग शनि ग्रह को शांत करने के लिए किया जाता है और यह काफी शक्तिशाली होता है। वृश्चिक राशि (Scorpio) का स्वामी ग्रह मंगल होता है, जो आमतौर पर शनि के साथ अच्छा संबंध नहीं रखता। इसलिए, वृश्चिक राशि के लोगों के लिए इसका उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

यह रत्न वृश्चिक राशि के जातकों के लिए तब ही उपयुक्त होता है जब शनि ग्रह कुंडली में उच्च का हो या शुभ स्थिति में हो। यदि ऐसा नहीं है, तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर (Neelam ratna ke nuksan) नकारात्मक हो सकता है। 


धनु राशि के लिए नीलम। Neelam Ratna ka Prabhav Dhanu Rashi Par
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धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) होता है। यह रत्न शनि ग्रह को प्रतिष्ठित करता है, और शनि और बृहस्पति (जुपिटर) के बीच आमतौर पर विरोधाभासी संबंध होते हैं। इसलिए, धनु राशि के जातकों के लिए नीलम रत्न को पहनने की सामान्य सलाह नहीं दी जाती है।

हालांकि, यदि किसी की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति अच्छी नहीं है, या शनि की साढ़ेसाती या धैय्या चल रही हो, तो ज्योतिषी नीलम रत्न धारण करने की सलाह दे सकते हैं। फिर भी, रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें क्योंकि वे आपकी कुंडली की स्थिति और ग्रहों के प्रभाव को मध्यनजर रखकर आपको सही राह दिखा सकते हैं।   


मकर राशि के लिए नीलम। Neelam Ratna ka Prabhav Makar Rashi Par
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यह रत्न मकर (कैप्रिकॉर्न) राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

यह रत्न मकर राशि के लोगों के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है क्योंकि शनि ग्रह मकर राशि का स्वामी ग्रह होता है। यह रत्न मकर राशि के लोगों के लिए धन, व्यापार, स्वास्थ्य, और व्यावसायिक प्रगति को बढ़ावा दे सकता है। यह रत्न मकर राशि वालों की यात्रा, संचार, शिक्षा, और साहसिक गतिविधियों में सहायता कर सकता है। यह उनके जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास ला सकता है।


कुंभ राशि के लिए नीलम। Neelam Ratna ka Prabhav Kumbh Rashi Par
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यह रत्न कुंभ (एक्वेरियस) राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

यह रत्न कुंभ राशि के लोगों के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है क्योंकि शनि ग्रह कुंभ राशि का स्वामी ग्रह होता है। यह रत्न कुंभ राशि के लोगों के लिए धन, व्यापार, स्वास्थ्य, और व्यावसायिक प्रगति को बढ़ावा दे सकता है। यह रत्न कुंभ राशि वालों की यात्रा, संचार, शिक्षा, और साहसिक गतिविधियों में सहायता कर सकता है। यह उनके जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास ला सकता है।    


मीन राशि के लिए नीलम। Neelam Ratna ka Prabhav Meen Rashi Par
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मीन राशि के शासक ग्रह गुरु (बृहस्पति) होते हैं, और यह शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। गुरु और शनि एक-दूसरे के प्रतिकूल ग्रह माने जाते हैं। इसलिए मीन राशि के लोगों के लिए यह रत्न का धारण करना सामान्यतः सलाहित नहीं किया जाता है।

फिर भी, यदि शनि व्यक्ति की कुंडली में अच्छी स्थिति में है, या यदि शनि व्यक्ति की कुंडली का योगकारक ग्रह है, तो वे रत्न का धारण कर सकते हैं। ऐसे मामलों में, यह रत्न व्यक्ति के लिए लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, शनि की साढ़ेसाती, धैय्या, या महादशा के दौरान, यह रत्न धारण करना भी सलाहित किया जाता है, यदि शनि ग्रह की स्थिति व्यक्ति की कुंडली में कमजोर है।  


नीलम रत्न का असली या नकली होना। Neelam Ratna ke Asli Nakli Pehchan

यदि आप इस नीलम को पहनने की सोंच रहे है तो यह ध्यान रखे की यह रत्न असली है या नकली उसे कैसे पहचाने यह हम आपको इस लेख के माध्यम से बताते हैं जिसके लिए नीचे दिए हुए बिन्दुओं को ध्यान पूर्वक पढ़ें।   

  • इस रत्न को पहचानने का सबसे अच्छा तरीका यह है की इसे जब भी ख़रीदे तो उसे दूध में रख दें यदि दूध का रंग नीला हो जाता है तो समझ जाइये की यह नीलम असली है।  
  • इसकी दूसरी पहचान यह है की यह रत्न देखने में सबसे ज्यादा चमकीला तथा चिकना होता है। 
  • अगर हम इस रत्न को किसी पानी से भरे बर्तन में रखेंगे तो हमें पानी के ऊपर एक नीली किरण दिखाई देती है।  
  • इसका रंग एक दम मोर के पंख की तरह होते है। 
  • यह रत्न ऐसा रत्न है जिसके एक ओर से दूसरी ओर देखा जा सकता है।  
  • लैब टेस्ट रिपोर्ट भी एक सटीक प्रमाण है।

नीलम रत्न के उपरत्न। Neelam ka Upratna

नीलम के दो उपरत्न होते हैं ज्यादातर ऐसा होता है की रत्न की कीमत ज्यादा होने के कारण कुछ व्यक्ति इसे नही करीद पाते है तो वे व्यक्ति नीलम के उपरत्न को खरीद कर पहन सकते है इसके उपरत्न जिन्हें लीलिया और जमुनिया कहते है। व्यक्ति को इन उपरत्नों  को पहनने से भी व्यक्ति दोष मुक्त हो जाता है। 


लीलिया

यह उपरत्न नीले रंग का ह्ल्के रक्तिम ललाई बाला होता है। इस उपरत्न में नीलम की तरह चमक भी होती है। यह उपरत्न लीलिया गंगा तथा यमुना के किनारों पर मिलता है।  


जमुनिया

इस उपरत्न का रंग पके जामुन के जैसा होता है तथा इसका रंग गुलाबी या ह्ल्के सफ़ेद रंग का भी होता है। यह उपरत्न चिकना तथा एक ओर से दूसरी ओर देखा जा सकता है। यह उपरत्न जमुनिया हिमालय छेत्र में पाया जाता है।   


नीलम रत्न से साबधानी। Precautions from Blue Sapphire Neelam

नीलम धारण करने से पहले व्यक्ति को बहुत सी साबधानी बरतनी चाहिये। यदि इस रत्न को धारण करने से पहले या बाद में यदि व्यक्ति ने सब्धानियाँ न बरती तो जितने इस रत्न के फायदे होते है उससे ज्यादा इसके नुक्सान भी होते है इसलिए इस रत्न को धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अवश्य पूंछ ले। उसके बाद ही नीलम धारण करें और यदि विधि पूर्वक नही पहना तो यह आपको राजा से भिखारी बना देगा।