मोती रत्न कि विशेषताएँ। Moti Ratna

इस ब्रह्मांड मे पाए जाने वाले सभी रत्नो मे आप सबसे ज्यादा मोती रत्न पहने हुए लोगों को देखेंगे। यह चन्द्र से संबन्धित रत्न है जिसे ज्योतिष के राज मण्डल में (Moti ratna in hindi) रानी कहा गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यह मोती रत्न बहुत ही अच्छा और शुभ रत्न माना गया है।
यह रत्न हमें समुद्र के नीचे काफी गहराई में चट्टानों के नीचे दवी शिल्पियों के रूप में मिलता है। यह मोती रत्न बड़ा ही अदभुद रत्न है जो की बड़ी ही (Moti ratna benefits in hindi) कठिनाई से मिलता है। इस वजह से अच्छी गुणवत्ता के मोतियों की उपलब्धता कम होती है और ये हमें बाजार में जल्दी नहीं मिलते है।
इस मोती रत्न (Pearl Gemstone) में क्रिस्टल के समान आध्यात्मिक गुण के भी होते हैं। यह रत्न आभूषण के मामलों में ज्यादा लोकप्रिय माना जाता है , लोग इस मोती को हार या (Moti ratna ke fayde) अंगूठी में डालकर भी पहनना पसंद करते है। अगर अब हम मोती के प्रकारों की बात करें तो मूल रूप से मोती पाँच प्रकार के होते हैं।
1- सुच्चा मोती
2- गजमुक्ता मोती
3- बॉस मोती
4- सर्प दन्त मोती
5 – सुअर
ज्योतिष शास्त्र में जातकों को होने वाली समस्याओं का संबंध नव ग्रहों से (Moti ratna in hindi) माना जाता है। इन ग्रहों से संबंध रखने वाले रत्नो [ पुखराज , नीलम , माणिक , मूंगा , पन्ना ] को जब मनुष्य धारण करता है तो उसे सभी समस्याओं से निजात मिल सकता है।
Moti Ratna ke Fayde – Video
इस लेख में आपको इन सबके जवाब मिल जाएंगे ।
- मोती रत्न के फायदे
- मोती रत्न के नुकसान
- मोती रत्न की कीमत क्या है
- मोती रत्न, किस उंगली में पहनना चाहिए
- मोती रत्न की कीमत कितनी है
- मोती रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए
- मोती रत्न किस धातु में पहनना चाहिए
- मोती रत्न किसे पहनना चाहिए
- मोती रत्न पहनने की विधि
अन्य सभी रत्नों के बारे में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
- माणिक रत्न के नुकसान और फायदे
- मूंगा रत्न के नुकसान और फायदे
- पन्ना रत्नके नुकसान और फायदे
- पुखराज रत्नके नुकसान और फायदे
- सफ़ेद पुखराज रत्न के नुकसान और फायदे
- नीलम रत्न के नुकसान और फायदे
मोती रत्न के फायदे। मोती के लाभ। Moti Ratna ke Fayde
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में मोती रत्न को बेहद अच्छा और प्रभावकारी रत्न माना जाता है क्योंकि (Moti ratna ke fayde) जब व्यक्ति इस रत्न को विधिपूर्वक धारण करता है तो उसे (benefits of moti ratna) अपने जीवन के तमाम क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होते हैं जैसे – स्वास्थ्य, मानसिक शांति, सामरिक सफलता, बुद्धि विकास, पारवारिक सुख, प्रेम संबंध, वैवाहिक जीवन (moti ratna ke fayde) आदि सभी क्षेत्रों में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। मोती रत्न के लाभ कुछ इस प्रकार हैं-
- स्वास्थ्य लाभ: मोती रत्न शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह रक्तचाप को कम करता है और तनाव को कम करता है। मोती रत्न के लाभ से जातक (benefits of moti ratna) सेहत में पहले से ज्यादा सुधार महसूस कर पाता है।
- मानसिक शांति: मोती रत्न मानसिक शांति और स्थिरता को बढ़ाता है। यह मनोवैज्ञानिक अवसाद को कम करने में मदद करता है और मन को शांत रखता है। मानसिक (moti stone ke fayde)तनाव को कम करके शांत करता है मोती रत्न।
- सामरिक सफलता: मोती रत्न सामरिक और व्यापारिक सफलता को प्रोत्साहित करता है। यह करियर में स्थिरता लाता है और सफलता की ओर आपको (benefits of moti ratna in hindi) प्रेरित करता है। मोती रत्न के प्रभाव से व्यापारिक सफलता के अवसर बढ़ जाते हैं।
- बुद्धि के विकास: मोती रत्न बुद्धि और मनोयोग को विकसित करता है। यह आपको विचारशील बनाता है और समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है। जिससे जातक (moti ratna ke labh) शिक्षा के क्षेत्र में ध्यान केन्द्रित कर पाता है।
- परिवारिक सुख: मोती रत्न परिवार में खुशहाली और सुख को बढ़ाता है। यह परिवार के सदस्यों के बीच में प्रेम और सम्बंधों को मजबूत बनाता है। इसके प्रभाव से घर के (moti ratna ke fayde) सदस्यों के साथ संबंध अच्छे होते हैं और स्नेह बढ़ता है।
- प्रेम और रोमांटिक जीवन: मोती रत्न प्रेम और रोमांटिक जीवन को मधुर और आनंदमय बनाता है। यह पार्टनर के साथ आत्मीयता और संबंध को बढ़ाता है। यह जातक (moti stone ke labh) को अपने प्रेमी/प्रेमिका की ओर आकर्षित और स्नेह बढ़ाने में मदद करता है।
- स्थिरता और सुरक्षा: मोती रत्न स्थिरता और सुरक्षा की भावना प्रदान करता है। यह आपको अधिक सुरक्षित महसूस कराता है और आपके जीवन में स्थिरता का आनंद देता है। यह जातक को शत्रुओं से होने वाली समस्याओं (moti stone dharan karne ke fayde) से बचाता है।
- आंतरिक सौंदर्य: मोती रत्न आपके आंतरिक सौंदर्य को बढ़ाता है। यह आपको आकर्षक और आत्मविश्वासी बनाता है। जिससे जातक पूरे साहस के साथ कार्यों को कर पाता है। इसके प्रभाव से जातक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है जो उसे (moti ratna ke fayde) बड़ा बनाने में उसकी मदद करता है।
- संतान सुख: मोती रत्न जातक को संतान सुख और परिवार में आनंद बढ़ाता है। यह जातक को संतान प्राप्ति के साथ-साथ अपने (moti stone pahnne ke fayde) जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर बनाने में मदद करता है। मोती रत्न जातक को पुत्र प्राप्ति में भी मदद कर सकता है।
यह भी पढ़ें– 27 नक्षत्र विस्तृत जानकारी
मोती रत्न से नुकसान। मोती रत्न से हानि। Moti ke nuksan
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति जब किसी रत्न को धारण (moti ratna ke nuksan) करता है तो उसके कहीं न कहीं नुकसान जरूर होते हैं जो गलत तरीके से धारण करने पर जातक को उनका सामना करना पड़ता हैं। मोती रत्न के नुकसान जो कुछ इस प्रकार है-
- मोती रत्न के नकारात्मक प्रभाव से जातक को सबसे ज्यादा मानसिक तनाव और बीमारी का खतरा होता है। इसके गलत प्रभाव से जातक को (moti ratna ke nuksan) गुस्सा अधिक आता है, जिससे वह छोटी सी बात पर भड़क उठता है।
- जन्म कुंडली मे चन्द्र मजबूत स्थिति मे होता है फिर भी लोग मोती धारण कर लेते है तब उन्हे इसके बुरे प्रभाव सहने पड़ते हैं। जिसके कारण जातक को (moti ke nuksan) शिक्षा के क्षेत्र में तमाम सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- यदि जातक मोती से संबन्धित धातु में रत्न धारण नही करता है तो उसे पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मोती रत्न के नकारात्मक प्रभाव से (moti stone ke nuksan) जातक के अपने घर के सदस्यों के साथ संबंध खराब होने लगते हैं।
- यदि मोती आपकी कुंडली के अनुसार सही नही है और आपने धारण कर लिया तो यह मोती हानिकारक हो सकता है। जिससे जातक को अपने वैवाहिक जीवन में तनाव और गलतफहमियाँ उत्पन्न होती दिखाई देंगी जो (moti dharan ke nuksan) आपसी मतभेद का कारण बनेंगी।
- मोती रत्न के प्रभाव से आपको प्रेम संबंध में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मोती प्रेम जीवन में नकारात्मक्ता उत्पन्न कर सकता है जिसके कारण आपके और आपके प्रेमी/प्रेमिका के बीच संबंध खरब हो सकते हैं। एक दूसरे (moti ratna ke nuksan) के बीच स्नेह कम हो सकता है।
- इसके नकारात्मक प्रभाव से जातक को पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ सकता है। यह परिवार में आपसी मतभेद तथा लड़ाई-झगड़ों का कारण बन सकता है। इसके प्रभाव से घर में माता-पिता के स्वास्थ्य में कमी आ सकती है जिसके (moti stone pahnne ke nuksan) कारण तनाव उत्पन्न हो सकता है।
- मोती रत्न के नुकसान जातक को राजा से रंक बना सकते हैं। जिसके कारण जातक को अपने पारिवारिक, वैवाहिक, प्रेम, व्यापारिक आदि जीवन के सभी क्षेत्रों में तनाव और मानसिक थकान का सामना (moti ratna ke nuksan) करना पड़ सकता है।
- मोती यदि अपनी मर्जी और पसंद के अनुसार जातक धारण करता है तो उसके कई नुकसान जातक को सेहत से संबन्धित परेशानियाँ दे (moti pahnne ke nuksan) सकते हैं। जिससे दिल, फेफड़े, अवसाद, मिर्गी, मौसमी आदि बीबीमारियों का खतरा बढ़ता है।
सामान्य तौर पर मोती रत्न के नुकसान जो लोग मोती रत्न पहन लेते है , जब उनसे पूछा जाता है की यह रत्न आपने क्यों पहना तो 95 प्रतिशत लोगो का जबाब होता है की ” मुझे गुस्सा बहुत आता है” , गुस्सा शांत रहे इसलिए पहना है यह बिलकुल गलत है ! मोती रत्न चंद्रमा ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है , और यह ग्रह आपकी जन्म कुंडली में शुभ भी हो सकता है और अशुभ भी ! यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों के साथ शुभ ग्रहों की राशि में और शुभ भाव में बैठा होगा तो निश्चित ही मोती रत्न आपको फायदा पहुँचाएगा ! इसके विपरीत अशुभ ग्रहों के साथ होने से शत्रु ग्रहों के साथ होने पर मोती नुकसान भी पंहुचा सकता है।
मोती रत्न के उपाय ( Moti ratna ke upay)- यदि चंद्रमा लग्न कुंडली में अशुभ होकर शुभ स्थानों को प्रभावित कर रहा हो तो ऐसी स्थिति में मोती धारण न करें। बल्कि सफेद वस्तु का दान करें, शिव की पूजा अभिषेक करें, हाथ में सफेद धागा बाँधे व चाँदी (moti ke upay) के गिलास में पानी पिएँ।
मोती रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए। Moti Ratna ka Sahi Weight
यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा किसी शुभ भाव में स्थित है तो उससे मिलने वाले (moti kitne ratti ka pahnna chahiye) प्रभाव को और बढ़ाने के लिए मोती धारण कर सकते हैं। जातक को मोती कम से कम 5 रत्ती का पहनना चाहिए। इसे ज्यादा से ज्यादा 8 रत्ती का पहन सकते हैं। यह मोती व्यक्ति को सबसे ज्यादा फायदा तब देता है जब व्यक्ति इस रत्न के स्वामी चन्द्र से संबंध रखने (moti ratna kitne ratti ka pahne) वाली धातु सफेद चाँदी मे मढ़वाकर पहनता है।
शनि गोचर 2023 राशिफल जानने के लिए यहाँ क्लिक करें
मोती रत्न धारण करने की विधि। मोती पहनने की विधि। Moti Dharan Vidhi
इसकी विधि नीचे दिए गए बिंदुओं में बताई गई है कृपया (moti ratna pahnne ki vidhi) इन बिंदुओं को ध्यान से पढे ताकि व्यक्ति से किसी भी प्रकार की गलती ना हो।
- इस मोती रत्न को चाँदी की अंगूठी मे मढ़वाकर और इसका किसी अनुभवी ज्योतिष से शुद्धिकरण करवाकर सोमवार के दिन सीधे हाथ (moti ratna pahnne ki vidhi) की सबसे छोटी उंगली मे पहनना चाहिए।
- इस रत्न को पहनने से पहले याद रखे इसका शुद्धिकरण करना बहुत जरूरी है इसलिए इसे दूध , दही , शहेद , घी ,तुलसी आदि का पंचाम्रत बनाएँ और फिर (moti pahnne ki vidhi) उसमे मोती को स्नान काराएँ।
- भगवान शिव और माता पार्वती को पुष्प, अक्षत व सुंगधित अगरबत्ती लगाएँ और दूप -दीप व कुमकुम से पूजा करें (moti ratna dharan vidhi) और इसके बाद ॐ चं चंद्राय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
- आप जब कभी भी इस मोती रत्न को पहनने का मन बनाएँ तो जान कार ज्योतिष की सलाह अवश्य लें। क्यूंकी हम मोती मन और अपने शरीर को (moti ratna ki vidhi) शीतल बनाए रखने के लिए पहनते हैं।
- पूजा के बाद मोती को सोमवार या पूर्णिमा के दिन या हस्त, रोहिणी और श्रवण नक्षत्र में धारण करना चाहिए। सोमवार के दिन मोती (moti ki vidhi in hindi) पहनना अति उत्तम होता है।
सूचना – याद रहे ये एक सामान्य विधि है व्यक्तिगत रूप से अपनी कुंडली के अनुसार मोती रत्न पहनने की विधि जानने के लिए आप हमारे ज्योतिष (moti ratna pahnne ki vidhi) आचार्यों से संपर्क कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें- प्रेम राशिफल 2024
मोती रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव। Moti Ratna ka 12 Rashi par Prabhav
मोती रत्न का 12 राशियों पर क्या प्रभाव रहता है और किस (moti ratna ke fayde) राशि के जातक के लिए मोती अच्छा होता है किसके लिए (moti ke nuksan) गलत यह आपको सभी 12 राशियों के बारे में बताया गया है। जो कुछ इस प्रकार है।
12 राशियों का वार्षिक राशिफल 2024
मेष राशिफल 2024 | वृषभ राशिफल 2024 | मिथुन राशिफल 2024 | कर्क राशिफल 2024 |
सिंह राशिफल 2024 | कन्या राशिफल 2024 | तुला राशिफल 2024 | वृश्चिक राशिफल 2024 |
धनु राशिफल 2024 | मकर राशिफल 2024 | कुम्भ राशिफल 2024 | मीन राशिफल 2024 |
मेष राशि के लिए मोती रत्न। Mesh ke liye Moti Ratna

मेष राशि के जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा चौथे घर का मालिक होता है, और ये स्थान इस राशि के लोगों के लिए शुभ है एवं इसका संबंध माता, भूमि, भवन, वाहन और सुख से होता है, अतः मेष राशि वाले जातकों को मोती धारण (moti ratna ke fayde) करना चाहिए मोती धारण करने से मेष राशि के जातकों को इन विषयों के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
वृषभ राशि के लिए मोती रत्न। Vrishabh ke liye Moti Ratna

वृषभ राशि के लग्न स्थान वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा तीसरे घर का स्वामी होता है जो कि अकारक है, यदि वृषभ राशि के जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा लग्न में न बैठा हो तो वृषभ राशि वाले जातकों को मोती नहीं (moti ratna ke nuksan) पहनना चाहिए, मोती पहनने से भाई-बहनों से संबंध खराब हो जायेंगे और इस राशि वाले लोगों के साथ कुछ बुरा भी हो सकता है।
मिथुन राशि के लिए मोती रत्न। Mithun ke liye Moti Ratan

मिथुन लग्न वाले जातकों की कुंडली में चंद्रमा दूसरे घर का स्वामी होता है, जो कि मारकेज़ है, अतः मिथुन राशि वाले जातकों को मोती नहीं पहनना चाहिए, यदि मोती पहनेंगे तो आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही शारीरिक (moti ratna ke nuksan) परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि के लिए मोती रत्न। Karak ke liye Moti Ratna

कर्क राशि के जातकों की जन्म कुंडली में ग्रह का स्वामी चंद्रमा होता है और लग्न का भी स्वामी चंद्रमा होता है, शरीर का भी स्वामी चंद्रमा है अतः कर्क राशि वाले जातकों को मोती अवश्य ही पहनना चाहिए, इससे आपका मन और शरीर का मेल बहुत ही अच्छा हो जायेगा जिससे आपके मन का शरीर के साथ ताल्लुक (moti ratna ke fayde in hindi) अच्छा रहेगा और जिससे आप चीज़ें बेहतर दिशा में ले जा पायेंगे इसलिए मोती रत्न कर्क राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ होगा।
सिंह राशि के लिए मोती रत्न। Singh ke liye Moti Ratan

सिंह राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा बारहवें घर का स्वामी होता है, अतः सिंह राशि वाले जातकों को मोती नहीं पहनना चाहिए, यदि आप मोती (moti stone ke nuksan) पहनेंगे तो आपको भारी ख़र्चों का सामना करना पड़ेगा और साथ ही सर्दी, जुकाम, जकड़न, ये सब समस्याएं भी आपको हो सकती हैं।
कन्या राशि के लिए मोती रत्न। Kanya ke liye Moti Ratna

कन्या राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा ग्यारहवें स्थान का स्वामी होता है , जो कि कर्क राशि के लोगों के लिए अकारक स्थान है अतः कन्या राशि वाले जातकों को मोती नहीं पहनना चाहिए , यदि आप मोती पहनेंगे तो हो सकता है अचानक आपकी आमदनी बढ़ जाये , परन्तु जो मुश्किलें आयेगी वो उस आमदनी से कहीं (Pearl stone benefit) ज्यादा परेशानी देने वाली होंगी , इसलिए आप मोती न ही पहनें , तो अच्छा है।
तुला राशि के लिए मोती रत्न। Tula ke liye Moti Ratna

तुला राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा दसवें घर का स्वामी होता , जो कि करियर और पिता का स्थान होता है, अतः तुला राशि वाले जातकों को मोती अवश्य ही धारण करना चाहिए, मोती पहनने से पिता को फायदा (moti ke fayde) होगा और आपका करियर भी बेहतर हो जायगा।
वृश्चिक राशि के लिए मोती रत्न। Vrischik ke liye Moti Ratna

वृश्चिक लग्न वाले जातकों की कुंडली में चंद्रमा भाग्य स्थान का स्वामी है, लेकिन यहां एक विडंबना है कि चंद्रमा इसी राशि में यानी वृश्चिक राशि में नीच का हो जाता है, इसलिए वृश्चिक राशि वाले जातकों को मोती तो पहनना चाहिए परन्तु (moti ratna ke nuksan) इसके साथ ही चंद्रमा का यंत्र भी पहनना चाहिए , बिना चन्द्र यंत्र के मोती नहीं पहनना चाहिए , क्योंकि चन्द्र यंत्र चंद्रमा के नीचत्व को रोकेगा और मोती आपके भाग्य को बढ़ायेगा।
धनु राशि के लिए मोती रत्न। Dhanu ke liye Moti Ratna

धनु राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा आठवें घर का स्वामी होता है, यानी कि अष्टमेश है और धनु राशि मे अष्टमेश अशुभ माना जाता है, इसलिए धनु राशि वाले जातकों को मोती नहीं पहनना चाहिए, परन्तु यदि आपने मोती (moti ratna ke fayde nuksan) पहन लिया तो आपको बुरे-बुरे सपने आयेंगे और आपका मन भी दुःखी रहेगा।
मकर राशि के लिए मोती रत्न। Makar ke liye Moti Ratna

मकर राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा सातवें घर का स्वामी होता है, और सातवें घर को सप्तमेश भी कहते हैं और मकर राशि मे सप्तमेश मारकेज़ होता है, इसलिए मकर राशि के जातकों को मोती नहीं पहनना चाहिए, यदि (moti ratna ke labh) आप मोती पहनेंगे तो आपके मन में गलत ख्याल आयेंगे, इसलिए आपको मोती से जितना हो सके बचना चाहिए।
कुंभ राशि के लिए मोती रत्न। Kumbh ke liye Moti Ratna

कुंभ राशि वाले जातकों की जन्म कुंडली में चंद्रमा छठे घर का स्वामी होता है , जो कि इस राशि के लिए अकारक माना जाता है , इसलिए यदि आप मोती पहनेंगे तो आपको सर्दी , जुकाम , नजला तो होगा ही और साथ ही आपके दोस्त भी दुश्मन बन जायेंगे इसलिए मोती आपको बिलकुल नही पहनना चाहिए अन्यथा आपको (moti ratna ke fayde in hindi) अपने पागल पन का सामना भी करना पड़ सकता है ।
मीन राशि के लिए मोती रत्न। Meen ke liye Moti Ratna

मीन राशि वाले जातकों की कुंडली में चंद्रमा पांचवें घर का मालिक होता है, और ये स्थान इस राशि के लिए शुभ होता है अतः मीन राशि के जातकों को मोती अवश्य पहनना चाहिए, मोती पहनने से अगर आपके संतान नहीं है तो संतान (moti ratna ke fayde) हो जाएगी और अगर संतान है तो संतान की उन्नति होगी और अगर आप विद्यार्थी हैं तो आपको मोती पहनने से नौकरी पाने मे सफलता मिलेगी।
[ एक विशेष सूचना – हम सभी जातकों से यही कहना चाहेंगे की जब भी मोती रत्न या अन्य कोई रत्न धारण करे तो उससे पहले वह अपने किसी अनुभवी (moti ratna ke fayde nuksan in hindi) ज्योतिष आचार्य से परामर्श अवश्य ले। ]
मोती रत्न का असली या नकली होना। Moti Ratna ki Pehchaan
आज के समय में पाए जाने वाले रत्न असली बहुत कम मिलते है क्योंकि आज के युग में नकली एवं डुप्लीकेट रत्न ज्यादा मिलते हैं इसी कारण व्यक्ति (moti ratna ki pahchan) को रत्न के फायदे नहीं होते है, इसलिए व्यक्ति मोती रत्न जब भी खरीदे तो वह इसकी पहचान कर ले ताकि उसे रत्न के फायदे मिल सकें। अब मैं आपको नीचे दिए गए (moti kaise pahchane) बिंदुओं में बताऊंगा कि आप मोती रत्न को कैसे पहचाने की मोती असली है या नकली।
- मोती की पहचान का सबसे आसान तरीका यह है कि मोती को चावल के दानों पर रगड़ें। मोती को चावल के दानों पर रगड़ने से यदि मोती की चमक (moti ratna ki pahchan) बढ़ जाती है तो मोती असली है और यदि चमक कम हो जाती है तो मोती नकली होगा ।
- इस दुनियाँ मे पाए जाने वाले सबसे अच्छे और बेहतर गुणवत्ता वाले मोती गोल व मुलायम होते हैं। ये बेहद चमकीले भी होते हैं। इसके अलावा भी (moti ratna price) मोती कई आकार और वैराईटी में पाए जाते हैं।
- मोती सबसे पुराना और मूल्यवान रत्न माना जाता है। जब आप मोती को हल्के हाथों से अपने ऊपरी दाँत पर रगड़ेंगे, तो असली मोती से कठोरता (moti ratna kaisa hota hai)महसूस होगी जबकि नकली मोती में चिकनाई महसूस होगी।
- असली मोती पूर्ण रूप से गोल और सही आकार के होते हैं, वहीं नकली मोती कई तरह की आकृति और आकार में मिल जाते हैं। इसलिए मोती के (pearl in hindi) आकार को सही ढंग से पहचान लें।
- असली मोती की तुलना मे नकली मोती का वजन कम होता है। असली मोती पर पानी की बूंद डालने से वह एक जगह स्थिर रहेगी (moti ki pahchan) लेकिन नकली मोती में ऐसा नहीं होता है।
- मोती को गौ मूत्र में दिन रात के लिए पड़ा रहने दें ऐसा करने (moti ki pahchan) पर यदि मोती टूट जाता है तो मोती नकली है अन्यथा असली है।
इस दुनिया मे पाए जाने वाले मोती अनेक रंग रूपों में मिलते हैं। इनकी कीमत भी इनके रूप-रंग तथा आकार पर आंकी जाती है। इनका मूल्य चंद रुपए से लेकर हजारों (moti ratna ke price) रुपए तक होता है। प्राचीन अभिलेखों के अध्ययन से पता चलता है कि फारस की खाड़ी से प्राप्त एक मोती छ: हजार पाउंड (moti ke price) में बेचा गया था। फिर इसी मोती को थोड़ा (moti stone price) चमकाने के बाद 15000 पाउंड में बेचा गया। संसार में आज सबसे मूल्यवान मोती जो हैं वो सिर्फ फारस की खाड़ी तथा मन्नार की खाड़ी में पाए जाते हैं।
मोती रत्न के विकल्प उपरत्न। Moti Ratna ka Upratan
इस पूरी दुनिया में पाए जाने वाले हर एक रत्न का उपरत्न पाया जाता है इसी के साथ इस मोती रत्न के भी उपरत्न हम आपको नीचे दिए गए बिंदुओं में बताएँगे। इस मोती रत्न के पाँच उपरत्न होते है।
मोती का उपरत्न- ओपल (Opal)
ओपल एक पत्थर है जो की अपने प्रभाव के कारण गृहस्थ के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। चूंकि यह एक अतिसात्विकतादायक रत्न है एवं यह गृहस्थ जीव को काम, क्रोध, मोह आदि से विरक्त करके गृस्थि के प्रति उदासीन एवं वैरागी तक बना देता है। अतः समृद्धि, कामी एवं सांसारिक सुख की चाहत रखने वाले व्यक्ति को ओपल पत्थर का प्रयोग वर्जित है। यह आध्यात्मिक विचारधारा वालों के लिए अति उपयुक्त सिद्ध होता है।
मोती का उपरत्न- मुक्ताशुक्ति (Muktashukti)
मोती रत्न का उपरत्न मुक्ताशुक्ति में केवल मोती की सतरंगी आभा होती है। इसे आभूषणों को सजाने में, लाकेट, बटन आदि के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
मोती का उपरत्न- सूर्याश्म (Suryashm)
सूर्याश्म एक पत्थर है जो हल्की लाल-पीली आभा से युक्त होता है। इसे भी मोती के पूरक-रूप में पहनते हैं। कुछ लोग इसे सूर्य मणि भी कहते हैं, पर यह उनका भ्रम है। सूर्य मणि वस्तुतः वह रत्न है जिसे माणिक्य के संदर्भ में लालड़ी नाम से जाना जाता है।
मोती का उपरत्न- चन्द्रकान्त (Chandrakanta)
चन्द्रकान्त को मूनस्टोन भी कहते हैं। यह भी परम प्रभावी तथा मोती का श्रेष्ठ पूरक माना गया है मोती का सबसे अच्छा, सस्ता और प्रभावी उपरत्न चन्द्रकान्त ही है। जिसका रंग दूधिया, पीला, गुलाबी एवं नीले रंग की आभा में प्राप्त होता है।
मोती रत्न से साबधानियाँ। Moti Ratna ki Testing
मोती रत्न लेते समय आप ध्यान दे की मोती शुद्ध सफेद है या नही मोती टूटा हुआ तो नहीं है और मोती एकदम चमकदार होना चाहिए। उसे हल्का (moti ratna se savdhaniyan) घिसकर देखें। उसपर कोई नकली परत ना लगी हो। मोती धारण करते हुए सावधानी रखनी बेहद जरूरी है। अगर आपने इसे स्वं पहन लिया है और ये आपके लिए नहीं बना तो ऐसा माना जाता है कि ये आपसे खुद ही गुम हो जाएगा। समझिए ये (moti ratna kon pahne) आपको सूट नही करता है।
इसे दोबारा धारण करने की इच्छा ना करें यदि आपसे ये गुम हो जाता है। मोती रत्न धारण करने से पहले यह देख लें कि कहीं 4, 9 और 14 तिथि तो नहीं है। इन तिथियों [ तारीखों ] को रत्न धारण करना शुभ नही माना जाता इसलिए इन तिथियों से सावधान रहें। जिस दिन रत्न धारण करें, उस दिन (moti ratna kise pahnna chahiye) गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से चौथे, आठवें और बारहवें भाव में ना हो। याद रखें मोती रत्न अमावस्या , ग्रहण और संक्रान्ति के दिन भी धारण ना करें।