बुध ग्रह- ज्योतिष में प्रभाव, महत्व और उपाय

Table of Contents show

ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

ज्योतिष में बुध ग्रह

ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह एक महत्वपूर्ण ग्रह है। यह ग्रह बौद्धिक क्षेत्र, बुद्धि, संवाद, वाणी, ग्रामीण योग्यता, कॉम्यूनिकेशन, वाणिज्यिक योग्यता, लेखन, शिक्षा, बाल शिक्षा, गणित, विज्ञान, गणितीय और मानसिक विकास, यात्रा, चिन्तनशीलता और विश्लेषण क्षेत्र में प्रभावी होता है। बुध ग्रह को बौद्धिकता, ज्ञान, बुद्धि, विद्या, संदेश, चालाकी, वाणी, बोलचाल, संवाद, संचालन क्षमता, कठिनाइयों का समाधान, बुद्धिमानता, व्यापार, वित्तीय योग्यता, यात्रा, सुसंगत साथियों के साथ सम्बन्धों, व्यापारिक कार्यों में मदद और आर्थिक संबंधों से जोड़ा जाता है। 

इसे सूर्य के साथ बौद्धिक संचार और अभिव्यक्ति का प्रतीक माना जाता है। बुध ग्रह के प्रभाव की ज्योतिष विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व, विद्या, व्यापार, यात्रा और इंटेलेक्चुअल क्षेत्र में प्रभाव डाल सकता है। बुध ग्रह की दशा और गोचरों के अनुसार व्यक्ति के बुद्धि के क्षेत्र में वृद्धि और प्रगति हो सकती है या कमी और चुनौतियाँ भी पैदा हो सकती हैं। यह ज्योतिष में बुध ग्रह का संक्षेप में एक विवरण है।



ज्योतिष में बुध ग्रह का प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह का प्रभाव जातक कि कुंडली में शुभ और अशुभ तरीके से होता है। लेकिन ध्यान दें आपको बुध ग्रह के प्रभाव सामान्य बताए जा रहे हैं क्योंकि ये सिर्फ ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और आपकी व्यक्तिगत अनुभव और परिस्थितियों में इसका प्रभाव भिन्न हो सकता है। इसलिए किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से परामर्श लेने कि आवश्यकता होगी। बुध ग्रह के प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं- 

बुध का शुभ प्रभाव
  • बुद्धि और ज्ञान की प्रगति: बुध ग्रह का शुभ प्रभाव व्यक्ति की बुद्धि और ज्ञान को स्थायी रूप से विकसित कर सकता है। वे विद्यालय, विश्वविद्यालय, अध्ययन केंद्र आदि में अच्छे प्रदर्शन कर सकते हैं और शिक्षा में उच्च स्तर तक पहुंच सकते हैं।
  • वाणीकी कौशल: बुध ग्रह के शुभ प्रभाव वाले लोग अच्छी वाणीकी कौशल रखते हैं और उच्च स्तर के संवाद कर सकते हैं। वे अपने विचारों को स्पष्ट और सुसंगत ढंग से प्रकट कर सकते हैं और विभिन्न भाषाओं में माहिर हो सकते हैं।
  • व्यापारिक सफलता: बुध ग्रह के शुभ प्रभाव वाले व्यक्ति व्यापारिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उनमें वित्तीय योग्यता होती है और वे बुद्धिमान तरीके से व्यापारिक मामलों को समझते हैं। वे व्यापार में उच्च स्तर की समझ और नवीनता ला सकते हैं।
बुध का अशुभ प्रभाव
  • मनोवैज्ञानिक समस्याएं: बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव के अनुसार, व्यक्ति में मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके तहत व्यक्ति में चिंता, अवसाद, अव्यवस्था आदि की समस्याएं हो सकती हैं।
  • विचारशक्ति में कमी: बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव से जुड़े व्यक्ति की विचारशक्ति में कमी हो सकती है। वे भ्रमित हो सकते हैं और सही निर्णय लेने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं।
  • बोलचाल में कठिनाई: अशुभ बुध ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के बोलचाल में कठिनाई और संचार में समस्याएं पैदा कर सकता है। वे भाषा में गलतियाँ कर सकते हैं और संवाद करने में अवांछित रुकावटें आ सकती हैं।

लव वार्षिक राशिफल 2024 पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें


ज्योतिष में बुध ग्रह के संबन्धित कारक अथवा लक्षण

ज्योतिष में बुध ग्रह के विभिन्न लक्षणों को वर्णित किया गया है। ये लक्षण व्यक्ति की जन्मकुंडली के आधार पर देखे जाते हैं। नीचे दिए गए लक्षण बुध ग्रह के प्रभाव की एक सामान्य झलक देते हैं।

  1. बुद्धिमान: बुध ग्रह के अधिपत्य के तहत जन्मे लोगों को बुद्धिमान, ताजगी से भरपूर और विचारशील होने की प्रवृत्ति होती है। वे तेजस्वी मस्तिष्क और बुद्धि के अद्यतन के लिए प्रसन्न रहते हैं।
  2. विद्यार्थी: बुध ग्रह के प्रभाव से जन्मे लोगों का शिक्षा क्षेत्र में अच्छा अधिकार होता है। वे उच्चतर शिक्षा, विश्वविद्यालय, और गणितीय क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  3. संवाद कौशल: बुध ग्रह के प्रभावित व्यक्ति के पास अच्छी संवाद क्षमता होती है। वे वाणीकी कौशल रखते हैं और बोलचाल का महारत हासिल कर सकते हैं।
  4. वाणिज्यिक योग्यता: बुध ग्रह के अधिपत्य के तहत जन्मे लोगों को वाणिज्यिक योग्यता मिलती है। वे व्यापार, वित्त, और वाणिज्यिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
  5. यात्रा प्रिय: बुध ग्रह के प्रभावित व्यक्ति को यात्रा करने में रुचि होती है। वे नए स्थानों की खोज करने, अनुभवों को प्राप्त करने और संस्कृति के अद्यतन के लिए यात्रा करने को प्रेरित करते हैं।

बुध ग्रह से संबन्धित व्यवसाय

बुध ग्रह के संबंध में कुछ व्यवसायों की परंपरा मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बदलावों के साथ जुड़ी है। यहां कुछ ऐसे व्यवसायों का उल्लेख किया गया है जिन्हें बुध ग्रह के साथ जोड़ा जाता है।

  1. वित्तीय और वाणिज्यिक क्षेत्र: बुध वाणिज्यिक ग्रह माना जाता है और उच्च बुध संयुक्त धन और वाणिज्यिक व्यवसायों के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए, वित्तीय संस्थानों, बीमा कंपनियों, वित्तीय सलाहकारों, स्टॉक मार्केट और वित्तीय संचार माध्यमों से जुड़े व्यवसाय बुध ग्रह के प्रभाव में हो सकते हैं।
  2. प्रौद्योगिकी और संचार: बुध को ज्ञान, विज्ञान, तकनीक और संचार का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, सूचना प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्युनिकेशन, मीडिया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े व्यवसाय बुध ग्रह के अधिपति हो सकते हैं।
  3. शिक्षा: बुध ज्ञान, शिक्षा और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। इसलिए, शिक्षा संस्थान, उपन्यास लेखक, लेखक, प्रकाशन, लेखन और शिक्षा से जुड़े व्यवसाय बुध ग्रह के माध्यम से विकसित हो सकते हैं।
  4. वाणिज्यिक संचार: बुध वाणिज्यिक संचार, मार्केटिंग, बिक्री और प्रचार का प्रतीक है। इसलिए, विज्ञापन एजेंसियाँ, पब्लिक रिलेशंस, संचार और वाणिज्यिक संचार के क्षेत्र में काम करने वाले व्यवसाय बुध ग्रह के प्रभाव में हो सकते हैं।

यह ज्योतिष और पौराणिक परंपराओं के आधार पर है और इन व्यवसायों का विकास यथासंभव किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली, बुध की स्थिति और उपयुक्त योगों पर निर्भर कर सकता है। इसे एक मात्र निर्देश मानना चाहिए और व्यापारिक निर्णय लेने से पहले अन्य महत्वपूर्ण कारकों के साथ मिलाकर विचार करना चाहिए।


बुध ग्रह का अन्य 8 ग्रहों से संबंध

बुध ग्रह (Mercury) हमारे सौरमंडल में स्थित नौ ग्रहों में से एक है और सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह माना जाता है। इसका विज्ञानिक नाम “बुध” है और यह सौरमंडल में सबसे नजदीकी ग्रह है जो पृथ्वी के सूर्य के आस-पास घूमता है। बुध ग्रह और अन्य आठ ग्रहों के संबंध के बारे में विवरण निम्नलिखित है।

  • सूर्य (Sun): बुध ग्रह सूर्य के आस-पास घूमता है और सूर्य द्वारा प्रकाशित बिजली और ऊर्जा के प्रभाव को ग्रहण करता है। बुध और सूर्य के बीच का यह संबंध बुधि, ज्ञान, संचार, ब्रह्मज्ञान और उच्चतम चेतना के विकास को प्रकट करता है।
  • चन्द्र ग्रह (Moon): चन्द्र और बुध ग्रह (Mercury) का संबंध ज्योतिषीय दृष्टिकोण से द्विशाखी योग के रूप में जाना जाता है। यह एक संयोग होता है जो चन्द्रमा और बुध ग्रह एक ही राशि में स्थित होते हैं या जब वे एक दृष्टि में परस्पर योगदान करते हैं।
  • मंगल (Mars): मंगल ग्रह और बुध ग्रह के संबंध में युद्ध, ऊर्जा, प्रेरणा, क्रियाशीलता, नेतृत्व और अभियानों के क्षेत्र में प्रभाव होता है। इन दोनों ग्रहों का संयोग बड़ी मात्रा में ऊर्जा और क्रियाशीलता को उत्पन्न करता है।
  • गुरु (Jupiter): बुध ग्रह और गुरु ग्रह के संबंध में विद्या, बौद्धिकता, विदेशी संबंध, धर्म, दार्शनिकता और सभ्यता के क्षेत्र में संबंध होता है। इस संयोग से व्यक्ति को विद्या की प्राप्ति, ज्ञान का विस्तार और धार्मिक तत्त्वों के विकास की प्रेरणा मिलती है।
  • शुक्र (Venus): शुक्र ग्रह और बुध ग्रह का संबंध प्रेम, सुंदरता, कला, संगीत और सौंदर्य के क्षेत्र में होता है। यह संबंध श्रृंगारिक और सौंदर्य गुणों की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
  • शनि (Saturn): शनि ग्रह और बुध ग्रह का संबंध विवेक, कर्म, संघर्ष, संयम, धैर्य और उच्चतम मार्ग के क्षेत्र में होता है। यह संयोग व्यक्ति को अपने कर्तव्यों के प्रति दृढ़ता, कर्मठता, और उच्चतम मार्ग के प्रति संघर्ष करने की प्रेरणा देता है।
  • राहु (Rahu): राहु ग्रह और बुध ग्रह का संबंध माया, विचारशक्ति, अवांछित विजय, भय और नवाचार के क्षेत्र में होता है। इन दोनों ग्रहों के संयोग से जीव को नई सोच, अभिव्यक्ति की आवश्यकता और अन्धकार से निकलने की प्रेरणा मिलती है।
  • केतु (Ketu): केतु ग्रह और बुध ग्रह के संबंध आध्यात्मिकता, तपस्या, अस्था, रहस्यमयता और मुक्ति के क्षेत्र में होता है। इस संयोग से व्यक्ति को आध्यात्मिक अन्दरूनी शक्ति, रहस्यों के समझने की क्षमता और मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा मिलती है।

यहां उपरोक्त संबंधों का वर्णन केवल सामान्य है और ज्योतिष में इन ग्रहों के अधिक विशेष अर्थ और प्रभाव होते हैं। ज्योतिषीय संबंधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे उचित होगा।


ज्योतिष के 12 भावों में बुध ग्रह का प्रभाव

12 भावों में बुध ग्रह

वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का प्रभाव सभी 12 भावों पर अलग-अलग होता है जिसके प्रभाव से व्यक्ति अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में अच्छा और बुरा देखता है। यदि किसी जातक की कुंडली में ग्रह किसी भाव में कमजोर या बुरा प्रभाव डालते हैं तो जातक को क्या प्रभाव होगा।

इसी को ध्यान में रखते हुए आपको बुध ग्रह के प्रभाव सभी 12 भावों पर किस प्रकार होते हैं यह सामान्य रूप से दिया गया है। जो कुछ इस प्रकार हैं-  

बुध का प्रथम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in First House)
  • व्यक्ति बुद्धिमान, बुद्धिपूर्ण और चतुर होता है।
  • वक्ता के रूप में उच्च कौशल और भाषा का प्रभार होता है।
  • संवाद क्षमता, व्याख्यान क्षमता और संचार में माहिर होता है।
बुध का द्वितीय भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Second House)
  • व्यक्ति के वाणिज्यिक और आर्थिक क्षेत्र में बुद्धि, आपातकालिक और संवेदनशीलता होती है।
  • धन, आय, लाभ, वित्तीय योग्यता और व्यापारिक क्षमता में सुधार होता है।
  • बुद्धिमान निवेश और धन-सम्पत्ति के अच्छे प्रबंधन का प्रभार होता है।
बुध का तृतीय भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Third House)
  • व्यक्ति के बुद्धिमान, संवेदनशील, और वक्ता के रूप में ज्ञान और संचार क्षेत्र में अच्छी क्षमता होती है।
  • शिक्षा, अध्ययन, लेखन, कार्यालयिक क्षेत्र, यात्रा, ब्राउडकास्टिंग, और ज्ञान-प्रवाह के क्षेत्र में सक्षमता होती है।
  • इस स्थान में बुध के संपर्क में आने से भाई-बहन, सगे परिवार, और सम्बंधित लोगों के साथ संवाद में सुधार होता है।
बुध का चतुर्थ भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Fourth House)
  • व्यक्ति के घर-परिवार, मातृसंबंध, सुरक्षा, आत्मसम्मान, और मानसिक स्थिरता पर प्रभार होता है।
  • गृहस्थी, निवास स्थान, राष्ट्रीय भूमि, आवासीय संपत्ति, और आपातकालीन स्थितियों के बारे में विचारशीलता बढ़ती है।
  • व्यक्ति गृह कार्यों, घरेलू वित्तीय मामलों, और आधारभूत सुविधाओं के बारे में सतर्क और बुद्धिमान होता है।
बुध का पंचम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Fifth House)
  • व्यक्ति की बुद्धि क्रिएटिविटी, शिक्षा, बाल पालन, खेल, मनोरंजन, प्रतिभा, और बच्चों के संबंधों पर प्रभार होती है।
  • व्यक्ति के प्रवीणता, बुद्धिमानता, और सृजनशीलता में सुधार होता है।
  • शिक्षा, विद्यालय, कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, और विज्ञान क्षेत्र में महत्वपूर्ण सक्रियता होती है।
बुध का षष्ठम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Sixth House)
  • व्यक्ति के स्वास्थ्य, रोग, रोग प्रतिरोध, उपचार, कार्यस्थल, सेवा, और नौकरी से संबंधित क्षेत्र में बुद्धि का प्रभार होता है।
  • उच्च संवेदनशीलता, कार्य-प्रवृत्ति, कार्यसंगठन, और सेवाभाव प्रदान करता है।
  • बुद्धिमानी के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के निर्धारण और समाधान करने में योग्यता होती है।
बुध का सप्तम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Seventh House)
  • व्यक्ति के साथी, संगठनिक साझेदारी, विवाह, साझा संपत्ति, और साझी न्यायिक मामलों पर बुद्धि का प्रभार होता है।
  • संवेदनशीलता, वक्तृता, न्याय की भावना, और संवाद में सुधार होता है।
  • व्यक्ति जीवनसाथी के साथ मधुर, सुखद और साझी बुद्धि के माध्यम से सम्बंधों का आनंद लेता है।
बुध का अष्टम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Eighth House)
  • व्यक्ति के गहन ज्ञान, रहस्य, योग, मृत्यु संबंधित मुद्दों, विमान, विज्ञान, और अन्तर्दृष्टि पर प्रभार होता है।
  • यह व्यक्ति को अद्भुत बुद्धि, गहन समझ, रहस्यमयी ज्ञान, और आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि प्रदान करता है।
  • धार्मिक और आध्यात्मिक अध्ययन, योग, मेडिटेशन, और अद्भुत विज्ञान के क्षेत्र में आकर्षण होता है।
बुध का नवम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Ninth House)
  • व्यक्ति की बुद्धि धर्म, धार्मिक गतिविधियाँ, यात्रा, शिक्षा, दर्शन, और अन्तर्राष्ट्रीय मामलों पर प्रभार होती है।
  • यह व्यक्ति को धार्मिक अध्ययन, दार्शनिक विचार, और उच्चतम ज्ञान की प्राप्ति में संचार करता है।
  • विदेशी यात्राएं, विदेशी संपर्क, और अंतरराष्ट्रीय के क्षेत्र में सक्रियता बढ़ती है।
बुध का दशम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Tenth House)
  • व्यक्ति के करियर, पेशेवर क्षेत्र, सार्वजनिक जीवन, नौकरी, प्रशासनिक क्षेत्र, और सामाजिक प्रभार पर बुद्धि का प्रभार होता है।
  • यह व्यक्ति को कार्य प्रबंधन, नेतृत्व कौशल, व्यापारिक बुद्धिमानी, और सामरिक योजनाएं बढ़ाता है।
  • सार्वजनिक भाषण, प्रसंग, संगठन करने की क्षमता, और प्रभावशाली संवाद कौशल में सुधार होता है।
बुध का एकादशम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Eleventh House)
  • व्यक्ति के सामाजिक संगठन, मित्र, समूह, सप्ताहांत, स्वतंत्रता, और लाभ-हानि के मामलों पर बुद्धि का प्रभार होता है।
  • सामाजिक संबंध, मित्रता, और संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रियता बढ़ती है।
  • सामाजिक नेटवर्किंग, समूहों में उच्च स्थान, और समूह के लिए सहयोगपूर्ण सोच और बुद्धिमानी की प्राप्ति होती है।
बुध का द्वादशम भाव में फल/प्रभाव (Mercury in Twelfth House)
  • व्यक्ति के अंतरंग ज्ञान, विचारशक्ति, निद्रा, विमर्श, त्याग, और आध्यात्मिकता पर प्रभार होता है।
  • गहन ध्यान, मेडिटेशन, स्वप्न लक्षण, और अद्भुत ज्ञान के क्षेत्र में सक्रियता होती है।
  • इस स्थान में बुध के संपर्क में आने से व्यक्ति के आंतरिक संवाद, आत्म-समीक्षा, और आध्यात्मिक पथ की प्रबलता होती है।

ज्योतिष कि 12 राशियों में बुध ग्रह का प्रभाव

best online astrology service

बुध ग्रह ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण ग्रह है और यह विवेचना, संचालन, वाक्पटुता, बुद्धि, बुद्धिमानता, संवाद, बोलचाल, शिक्षा, विद्या, कला, लेखन, वित्तीय लेनदेन आदि के क्षेत्रों पर प्रभाव डालता है।

ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए आपको अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेने की आवश्यकता होगी। यहां हम आपको ज्योतिष के अनुसार बुध का बारह राशियों पर प्रभाव क्या होगा यह सामान्य रूप से बता रहे हैं जो कुछ इस प्रकार है-

बुध का मेष राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Aries)

बुध आपकी मेष राशि में चतुरता, विवेचना और बुद्धिमानता लाता है। यह राशि वाणिज्यिक यात्रा और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आपके लिए शुभ हो सकता है।

बुध का वृषभ राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Taurus)

बुध आपकी वृषभ राशि में आपको वित्तीय लेनदेन, धन-संचय, निवेश, व्यापार और आर्थिक मुद्दों में बुद्धिमानता प्रदान कर सकता है।

बुध का मिथुन राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Gemini)

मिथुन राशि में बुध स्वभावतः स्थिर होता है, जिससे आपको वाणिज्यिक क्षेत्र, संचार, ज्ञान, शिक्षा, विद्या, वाणिज्यिक कला और साहित्यिक क्षेत्र में महारत मिल सकती है।

बुध का कर्क राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Cancer)

इस राशि में बुध आपके लिए पारिवारिक मामलों, धार्मिक अध्ययन, संगठन, मनोविज्ञान, नैतिकता, संगठनात्मक कौशल, निवेश, घर-वापसी और अपने आप को व्यक्त करने के क्षेत्र में प्रभावी होता है।

बुध का सिंह राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Leo)

बुध इस राशि में आपको संचार, नौकरी, प्रोफेशनल उच्चता, कार्यस्थल में विजय, प्रशासनिक कौशल, शिक्षा, कला और नृत्य के क्षेत्र में बढ़ोतरी प्रदान कर सकता है।

बुध का कन्या राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Virgo)

यह राशि बुध की मूल राशि है, और इसलिए बुध यहां बहुत शक्तिशाली होता है। यह राशि बुद्धि, विचारशीलता, सेवा, स्वास्थ्य, रोग-निवारण, औद्योगिक प्रगति, सटीकता, लेखन, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में आपको प्रभावशाली बना सकता है।

बुध का तुला राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Libra)

तुला राशि में बुध आपके लिए सामरिक गतिविधियों, न्याय, मीडिया, संगठन, कला, सामंजस्य, सामाजिक न्याय, वाणिज्यिक कार्य, वित्तीय प्रबंधन और विपणन के क्षेत्र में बुद्धिमानता लाता है।

बुध का वृश्चिक राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Scorpio)

वृश्चिक राशि में बुध आपको रहस्य, अनुसंधान, मांगलिक कार्य, गहन विचारशीलता, शक्ति प्रदर्शन, ज्योतिष, मनोविज्ञान, नैतिकता, प्रवंचन और तंत्र-मंत्र के क्षेत्र में प्रभाव डालता है।

बुध का धनु राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Sagittarius)

धनु राशि में बुध आपके लिए शिक्षा, धार्मिक अध्ययन, विदेशी यात्रा, विदेशी संबंध, अभियांत्रिकी, विज्ञान, भूगोल, संगठनात्मक कौशल, लेखन, संदेशाचार और ज्ञान के क्षेत्र में प्रभावी होता है।

बुध का मकर राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Capricorn)

मकर राशि में बुध आपको उच्चता, पदोन्नति, नौकरी, पेशेवर विकास, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, उद्यमिता, निवेश, राजनीति, व्यापार और संगठनात्मक क्षेत्र में सफलता प्रदान कर सकता है।

बुध का कुंभ राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Aquarius)

कुंभ राशि में बुध आपको विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आधुनिकी, कंप्यूटर, सामाजिक सुधार, आदर्शवाद, मानवाधिकार, राष्ट्रीयता, समाजशास्त्र और विज्ञान के क्षेत्र में बुद्धिमानता लाता है।

बुध का मीन राशि में फल/प्रभाव (Mercury in Pisces)

मीन राशि में बुध आपको आध्यात्मिकता, अनुभूति, कला, संगीत, संगठन, चिकित्सा, अस्पताल, नृत्य, विनोद, तंत्रिका और मनोविज्ञान के क्षेत्र में प्रभावी होता है।


ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में बुध ग्रह का प्रभाव

27 नक्षत्रों में बुध

बुध ग्रह का ज्योतिषीय प्रभाव सभी 27 नक्षत्रों में अलग-अलग हो सकता है। ज्योतिष का विश्लेषण व्यक्ति के जन्मकुंडली और अन्य ग्रहों अथवा नक्षत्रों के संयोग पर भी निर्भर करता है। इसलिए, एक पूर्ण ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए आपको अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेने की आवश्यकता होगी। यहां हम आपको प्रत्येक नक्षत्र के साथ बुध ग्रह के प्रभाव का संक्षेप में वर्णन दे रहे हैं जो सामान्य है।

अश्विनी नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Ashwini Nakshatra )

बुध अश्विनी नक्षत्र में व्यापार, उद्यम, कार्यशीलता, यात्रा और वाणिज्यिक क्षेत्र में शक्तिशाली बना सकता है।

भरणी नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Bharani Nakshatra )

बुध इस नक्षत्र में नियमितता, विचारशीलता, विपणन, वित्तीय कार्य और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा होता है।

कृत्तिका नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Krittika Nakshatra )

इस नक्षत्र में बुध आपको नेतृत्व, आदर्शवाद, विज्ञान, संगठन, सामरिक गतिविधियों और आर्थिक मुद्दों में बेहतर बना सकता है।

रोहिणी नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Rohini Nakshatra )

यहां बुध इस नक्षत्र में आपको कला, संगठनात्मक कौशल, वित्तीय प्रबंधन, सौंदर्य, संगीत, रसायन शास्त्र और अद्यतन प्रौद्योगिकी में अनुभवी होने की क्षमता मिलती है।

मृगशीर्ष नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Mrigashira Nakshatra )

इस नक्षत्र में बुध आपके लिए रचनात्मकता, यात्रा, व्यापार, विज्ञान, गणित, कला, संगीत और साहित्यिक क्षेत्र में अच्छा होता है।

आर्द्रा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Ardra Nakshatra )

बुध आर्द्रा नक्षत्र में आपको अभिव्यक्ति, संचार, विज्ञान, नौकरी, विपणन, ग्रामीण विकास और बोलचाल क्षेत्र में हो सकता है।

पुनर्वसु नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Punarvasu Nakshatra )

बुध पुनर्वसु नक्षत्र में आपको विचारशीलता, धर्म, अध्ययन, आध्यात्मिकता, सामाजिक कार्य, विपणन और मनोविज्ञान में बेहतर होने का अवसर मिलता है।

पुष्य नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Pushya Nakshatra )

इस नक्षत्र में बुध आपको शिक्षा, संगठन, नेतृत्व, राजनीति, मानवाधिकार, आदर्शवाद, औद्योगिक प्रगति और आर्थिक विकासशील बना सकता है।

आश्लेषा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Ashlesha Nakshatra )

बुध आश्लेषा नक्षत्र में आपको रहस्य, अनुसंधान, मनोविज्ञान, नौकरी, आयुर्वेद, निदान, विज्ञान, साहित्य और वैदिक अध्ययन में प्रभावी होने की क्षमता मिलती है।

मघा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Magha Nakshatra )

मघा नक्षत्र में बुध आपको शासन, नेतृत्व, आदर्शवाद, कला, संगठन, उच्चता, विज्ञान, गणित, प्रशासनिक कौशल और साहित्यिक क्षेत्र में अवसर प्रदान करता है।

पूर्वफाल्गुनी नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Purva Phalguni Nakshatra )

इस नक्षत्र में बुध आपके लिए सामरिक गतिविधियाँ, मनोविज्ञान, कला, संगीत, नृत्य, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र, विनोद और उद्यमिता के क्षेत्र में हो सकता है।

उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Uttara Phalguni Nakshatra )

बुध इस नक्षत्र में आपको सामाजिक कार्य, नेतृत्व, विपणन, संगठनात्मक कौशल, कला, संगीत, राजनीति, प्रवंचन और संघर्ष क्षेत्र में बेहतर होने का अवसर मिलता है।

हस्त नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Hasta Nakshatra )
हस्त नक्षत्र में बुध आपके लिए कला, कार्यशीलता, हाथकरघा, हस्तकला, व्यापार, विज्ञान, यात्रा और आधुनिकता के क्षेत्र में हो सकता है। 
चित्रा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Chitra Nakshatra )

बुध इस नक्षत्र में आपको कला, रंग, नृत्य, विज्ञान, संगठन, साहित्यिक क्षेत्र, विपणन, प्रबंधन, निदेशकता और सामाजिक कार्य में प्रभावी होने का मौका मिलता है।

स्वाति नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Swati Nakshatra )

स्वाति नक्षत्र में बुध आपको वाणिज्यिक कार्य, विदेशी संबंध, न्याय, संगठन, संवाद, यात्रा, कला, संगीत, ज्ञान और तंत्र-मंत्र के क्षेत्र में जानकार बना सकता है।

विशाखा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल  ( Mercury in Vishaka Nakshatra )

बुध विशाखा नक्षत्र में आपके लिए संघटनात्मक कौशल, न्याय, यात्रा, विदेशी संबंध, संगठन, राजनीति, संगीत, कला, विज्ञान और व्यापार में सफलता प्राप्त करने का अवसर मिल सकता है।

अनुराधा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Anuradha Nakshatra )

इस नक्षत्र में बुध आपको समाजसेवा, राजनीति, विपणन, न्याय, विदेशी संबंध, विज्ञान, यात्रा, शिक्षा और कला में प्रभावी हो सकता है।

ज्येष्ठा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Jyeshtha Nakshatra )

ज्येष्ठा नक्षत्र में बुध आपके लिए अनुसंधान, अन्तर्राष्ट्रीय मामले, राजनीति, न्याय, विज्ञान, नौकरी, व्यापार और अध्ययन क्षेत्र में हो सकता है।

मूल नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Moola Nakshatra )

यहां बुध नक्षत्र में आपको तंत्र-मंत्र, योगा, धर्म, साहित्यिक क्षेत्र, आध्यात्मिकता, न्याय, शिक्षा, विपणन और विदेशी संबंधों में अवसर मिल सकता है।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Purva Ashadha Nakshatra )

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में बुध आपके लिए कला, साहित्यिक क्षेत्र, संगठन, नृत्य, संगीत, नेतृत्व, धर्म, आदर्शवाद और व्यापार में सफल हो सकता है।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Uttara Ashadha Nakshatra )

बुध इस नक्षत्र में आपको नेतृत्व, संगठनात्मक कौशल, विपणन, न्याय, धर्म, राजनीति, विज्ञान, कला और साहित्यिक क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिल सकता है।

श्रवण नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Shravana Nakshatra )

श्रवण नक्षत्र में बुध आपको शिक्षा, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, कला, नौकरी, व्यापार, निदान और साहित्यिक क्षेत्र में कार्यकारी हो सकता है।

धनिष्ठा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Dhanishta Nakshatra )

बुध इस नक्षत्र में आपके लिए समाजसेवा, विज्ञान, तंत्र-मंत्र, न्याय, संघर्ष, विपणन, आदर्शवाद, आर्थिक विकास, प्रशासनिक कौशल और विदेशी संबंधों में अच्छा होने का अवसर मिलता है।

शतभिषा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Satabhisha Nakshatra )

शतभिषा नक्षत्र में बुध आपको तंत्र-मंत्र, योगा, ज्योतिष, साहित्यिक क्षेत्र, विज्ञान, तकनीकी प्रगति, विपणन, व्यापार और विदेशी संबंधों में प्रभावी हो सकता है।

पूर्वप्रोष्ठपदा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Purva Bhadrapada Nakshatra )

पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र में बुध आपके लिए रसायन शास्त्र, गणित, विज्ञान, कला, संगीत, नौकरी, व्यापार, यात्रा, विदेशी संबंध और उच्चता के क्षेत्र में होने का अवसर मिलता है।

उत्तरप्रोष्ठपदा नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Uttara Bhadrapada Nakshatra )

इस नक्षत्र में बुध आपको तंत्र-मंत्र, धर्म, योगा, आध्यात्मिकता, न्याय, विज्ञान, नौकरी, साहित्यिक क्षेत्र, व्यापार और अधिकृत क्षेत्रों में अवसर दे सकता है।

रेवती नक्षत्र में बुध ग्रह का फल ( Mercury in Revati Nakshatra )

रेवती नक्षत्र में बुध आपके लिए विज्ञान, कला, संगीत, नृत्य, धर्म, न्याय, नौकरी, विपणन, आध्यात्मिकता क्षेत्र में अनुभवी हो सकता है।


जब आपकी कुंडली में बुध कमजोर हो

जब कुंडली में बुध कमजोर होता है, तो इसके कुछ प्रभाव हो सकते हैं। यह प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर भिन्न भिन्न हो सकते है और इसका विश्लेषण उनकी जन्मकुंडली के संपूर्ण संयोगों के साथ किया जाना चाहिए। यहां कुछ सामान्य प्रभाव दिए गए हैं जो किसी कुंडली में कमजोर बुध ग्रह का संकेत कर सकते हैं।

  1. बुद्धि और ज्ञान: कमजोर बुध के कारण व्यक्ति की बुद्धि और ज्ञान कमजोर हो सकते हैं। वे शिक्षा, अध्ययन, संवाद और अभिव्यक्ति क्षेत्र में संकटों का सामना कर सकते हैं।
  2. वाणी और संवाद: बुध कमजोर होने से व्यक्ति की वाणी और संवाद क्षमता प्रभावित हो सकती है। वे बातचीत में संकट और अवसर की कमी महसूस कर सकते हैं।
  3. व्यापारिक कौशल: व्यापारिक क्षेत्र में कमजोर बुध व्यक्ति के व्यापारिक कौशलों को प्रभावित कर सकता है। उन्हें व्यापारिक निर्णय लेने, संबंध बनाने और व्यापार में सफलता प्राप्त करने में संकट आ सकता है।
  4. संघटनात्मक कौशल: बुध कमजोर होने से व्यक्ति की संघटनात्मक कौशल प्रभावित हो सकती है। उन्हें संगठन, प्रबंधन और योजना बनाने में कठिनाइयां आ सकती हैं।
  5. विदेशी संबंध: कमजोर बुध के कारण व्यक्ति के विदेशी संबंध प्रभावित हो सकते हैं। यात्रा, विदेश में शिक्षा या कार्य के लिए अवसर में कठिनाइयां आ सकती हैं।

इन प्रभावों के अलावा, कुंडली में कमजोर बुध के प्रभाव संपूर्ण जन्मकुंडली के अन्य ग्रहों और योगों के साथ देखने की आवश्यकता होती है। कुंडली में बुध के कमजोर प्रभाव को शांत करने के लिए ज्योतिषी से परामर्श की आवश्यकता होगी। 


ज्योतिष में बुध ग्रह को मजबूत कैसे बनाएँ । बुध ग्रह के उपाय

ज्योतिष में बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय और निर्देश निम्नलिखित हैं।

  1. मंत्र और जप: बुध को मजबूत करने के लिए बुध मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”। इस मंत्र का नियमित जाप करने से बुध ग्रह की शक्ति बढ़ती है।
  2. पूजा और अर्चना: बुध के उपास्य रूप के ब्रज या उपास्य पदार्थों की पूजा करें। बुध की पूजा के लिए हरे रंग के पुष्प, चांदनी, सफेद वस्त्र, और बुध मंत्र का जाप करें।
  3. रत्न धारण करें: अगर आपकी जन्मकुंडली में बुध ग्रह कमजोर है, तो आप उनकी शक्ति को बढ़ाने के लिए पन्ना जैसे बुध रत्न धारण कर सकते हैं। इसके लिए एक ज्योतिषी की सलाह लें जो आपकी जन्मकुंडली के अनुसार सुझाव दे सकते हैं।
  4. स्तोत्र और अष्टोत्तर शतनामावली: बुध की स्तुति के लिए बुध स्तोत्र और अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करें। यह उनकी शक्ति बढ़ाने और आपको सुख और सफलता देने में सहायता कर सकता है।
  5. व्रत और उपवास: बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए सोमवार को उपवास रखें और बुधवार के दिन उनका व्रत रखें। व्रत में बुध मंत्र जपें और उनका उपासन करें।

यदि आप बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए इन उपायों का पालन करना चाहते हैं, तो आपको एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित होगा जो आपकी जन्मकुंडली के संदर्भ में अनुकूल उपाय सुझा सकते हैं। वे आपको सही मार्गदर्शन देंगे और उपायों का संपूर्ण विवरण प्रदान करेंगे।


बुध ग्रह शांति धूप [ जो कमजोर बुध को मजबूत बनाने में करेगी आपकी मदद ] खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें