रुद्राक्ष फल लाभ हानि उपाय | Rudraksh ke Fayde

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रुद्राक्ष की पहचान | Rudraksh ka Parichay

rudraksh रुद्राक्ष

Rudraksha -रुद्राक्ष वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक मूल्यवान रत्न के समान है। जिसे पहनकर जातक अपने जीवन में होने वाली परेशानियों को कम कर सकता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का रूप माना गया है। जिसके सकारात्मक प्रभावों से जातक अपने नकारात्मक प्रभावों को कम करके अच्छा जीवन जी सकता है। इस दुनियाँ में रुद्राक्ष कई प्रकार के पाए जाते हैं जिन्हे मुखी नाम से पहचाना जाता है।

जैसे एक मुखी से लेकर 27 मुखी तक बताया गया है। पर एक मुखी से 14 चौदह मुखी तक ही ज़्यादातर प्रयोग में आता है। आज कल जातक को अपने जीवन में सबसे ज्यादा परेशानी तब आती है जब वह गलत और नकली धारण कर लेता है क्योंकि आज के समय में बाजार में बिकने वाले ज़्यादातर नकली और और अगर असली भी है तो वो पहना हुआ ( refurbished ) यानि दूसरे व्यक्तियों के द्वारा पहने हुए होते हैं जिसे साफ करके दुकानदार या ऑनलाइन sites वाले सस्ते दामो में बेच देते हैं।

ऐसे सिर्फ नकारात्मक प्रभाव ही दिखाते है। जिससे जातक के जीवन में समस्याएँ और ज्यादा बढ़ जाती हैं। इसकी पहचान कर पाना मुश्किल हो गया है क्योंकि बाजार में असली की तरह नकली भी बिक रहे हैं। इसी प्रकार जब इसके मुखी की बात आती है तो पैसे कमाने के चक्कर में लोग इस पर कई धारियाँ जैसे 14 या इक्कीस धारियाँ बना देते हैं जिससे जातक को लगे यह 14 या 21 मुखी है और वह आच्छे दामों में इसे खरीद ले।

यहीं अगर गौरी शंकर की बात की जाए तो लोग दो रुद्राक्षों को आपस में जोड़कर गौरीशंकर का रूप दे देते हैं जिससे वह महंगा बिकता है। कई बार होता है की जातक दिखावे के लिए इसकी की माला या त्रिशूल की आकृति में बने को धारण कर लेता है। जिसे धारण करने के बाद जातका को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है क्योकि ऐसी आकृति का होना असंभव है। 

इसका कारण हम आपको बताते हैं रुद्राक्ष को जानने के लिए आपको कोई ऐसा ज्योतिषी चाहिए जो ज्योतिष के साथ साथ आयुर्वेद का भी ज्ञाता हो क्योकि आयुर्वेद के बिना इसका उपाय अधूरा है और जातक कभी भी असली रिज़ल्ट नहीं ले सकता। यह आपके चक्र और नेगेटिव औरा (ऊर्जा ) को संचालित करता है और इसके बाद ही आपके दुख तकलीफ कम होने शुरू होते है। 



असली रुद्राक्ष की परख    

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हम आपको असली रुद्राक्ष की परख करना बताएँगे। जो नीचे दिय गए बिन्दुओं में बताए गए हैं। 

  • इस सबसे पहले उबलते हुए पानी में कुछ देर के लिए रखें यदि इसका रंग निकलता है तो वह नकली होगा। और अगर वैसा ही रहता है तो वह असली होगा। 
  • रुद्राक्ष को किसी नोकदार वस्तु से खुदोएँ यदि इसमें से रेशा निकले तो समझों असली है। 
  • असली रुद्राक्ष की सबसे सरल पहचान है की यह कभी एक समान पठार ( ऊपरी सतह ) वाले नही होते हैं लेकिन नकली रुद्राक्षों में ऐसा होता है। 
  • यदि इसे पानी में डाला जाए और यह दुबे तो समझो यह असली है और अगर न दुबे तो समझो नकली है। पर आज कल नकली रुद्राक्ष क अंदर स्टील की बॉल दाल दी जाती है जिसकी वजह से वो डूब जाता है और आपको लगता है कि यह असली है।
  • रुद्राक्ष को दो नाखूनों के बीच रहें और देखें इधर उधर खिसकता है या नही अगर खिसकता है तो असली होगा। 
  • रुद्राक्ष को तेज धूप में रखने पर यदि उसमें कोई दरार या टूटे न तो समझों असली है। 

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नोट- इसे खरीदने से पहले उसे अच्छी तरह देखें की वह पूर्णतया गोल तो नही है या फिर वह कहीं से टूटा तो नही है उसमें किसी प्रकार का कीड़ा तो नही लगा है, कभी-कभी ऐसा होता है की इसमें छेद करते समय वह चटक जाता है जिससे वह खंडित हो जाता है इसलिए यह सब बहुत ध्यान से देखें खरीदते समय, ज्योतिषियों के अनुसार इसकी पहचान करना बहुत कठिन है इसलिए जब भी खरीदे तो यह जरूर पता करलें की वह फस्ट हैंड ( First Hand ) है या नही? 


रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते हैं 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये एक मुखी से लेकर 14 मुखी तक होते हैं। हर मुखी आपने आप में आलौकिक होता है। लेकिन 2 रुद्राक्ष कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं जो है गणेश और गौरी शंकर। यह मुखी अगर आपकी कुंडली के हिसाब से बन जाते हैं तो आपके लिए विशेष अच्छा होता है ।

जब भी किसी रुद्राक्ष को धारण करे तो वह अपने किसी अनुभवी ज्योतिष जिन्हे ज्योतिष ज्ञान के साथ-साथ आयुर्वेद का भी ज्ञान हो क्योंकि इसका मुखी निकाल पाना सभी ज्योतिषियों के बस की बात नही है। इसलिए ज्योतिष + आयुर्वेद का ज्ञान रखने वाले आचार्य से ही संपर्क करें अन्यथा आपको गलत मुखी की सलाह मिल सकती है। जो आपके लिए हानिकारक साबित होगा। 

एक मुखी रुद्राक्षदो मुखी रुद्राक्ष    तीन मुखी रुद्राक्षचार मुखी रुद्राक्ष
पाँच मुखी रुद्राक्षछः मुखी रुद्राक्षसात मुखी रुद्राक्षआठ मुखी रुद्राक्ष
नौ मुखी रुद्राक्षदस मुखी रुद्राक्षग्यारह मुखी रुद्राक्षबारह मुखी रुद्राक्ष
तेरह मुखी रुद्राक्षचौदह मुखी रुद्राक्षगणेश रुद्राक्ष   गौरी शंकर रुद्राक्ष

मुख के अनुसार रुद्राक्ष के फायदे

इस लेख में आपको एक मुखी से लेकर 14 मुखी के सामान्य लाभ, ग्रह और देवता के बारे में बताया गया है, जिसकी मदद से आपको सभी के देवता, लाभ और ग्रह के बारे में आसानी से पता चलेगा। (ज्योतिष परमर्श)

1 मुखी रुद्राक्ष के फायदे | 1 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 1 Mukhi Rudraksh ke fayde   
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1 मुखी रुद्राक्ष हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने से अनेक लाभ होते है। 1 मुखी सूर्य से संबन्धित है। जो नकारात्मक ऊर्जा को कम करता है और जातक को होने वाली बाधाओं से बचाने में मदद करता है।

इससे जातक को भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य देव की भी मदद मिलती है। यह बहुत दुर्लभ रुद्राक्ष है। जो किसी अनुभवी ज्योतिष के पास ही आपको शुद्ध रूप से मिल सकता है। 1 मुखी के फायदे कुछ इस प्रकार हैं-

  • आत्मिक विकास: 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आत्मिक उन्नति में मदद मिलती है।
  • मानसिक शांति: इसका धारण मानसिक तनाव को कम करता है और मन को शांति प्रदान करता है।
  • शिव का आशीर्वाद: 1 मुखी रुद्राक्ष शिव का सीधा प्रतीक माना जाता है और इसे पहनने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  • समृद्धि और धन: इसके धारण से धन सम्बंधी समस्याएं दूर होती हैं और समृद्धि और वैभव में वृद्धि होती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  • विकास और सफलता: इसे धारण करने से व्यक्ति के व्यापार, धन और विकास में वृद्धि होती है।
  • आत्मविश्वास: यह धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • चिंता से मुक्ति: इसे धारण करने से व्यक्ति की चिंताएं दूर होती हैं और उसे पूर्ण आत्मशांति प्राप्त होती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

एक मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं नम:


2 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 2 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 2 Mukhi Rudraksh ke fayde 
दो मुखी रुद्राक्ष

2 मुखी को हर गौरी ( जिसका अर्थ सृष्टि के निर्माण के लिए, शिव ने अपनी शक्ति को स्वयं से अलग किया ) का स्वरूप माना गया है। 2 मुखी का ग्रह चंद्रमा है। इसके पहनने से जातक के जीवन में सभी कष्टों का नाश होता है। इसके प्रभाव से जातक के जीवन में शांति आती है।

जातक को वश में लाने की शक्ति प्राप्त होती है। इसके प्रभाव से स्त्री रोग, नेत्र रोग, किडनी रोग दूर होता है। 2 मुखी रुद्राक्ष के लाभ इस प्रकार है-

  • शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: 2 मुखी रुद्राक्ष शरीर के विभिन्न तंत्रों के संतुलन को बनाए रखता है और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  • आत्मिक उन्नति: यह एक व्यक्ति की आत्मिक उन्नति में मदद करता है और उसे उच्चतर ज्ञान और समझ तक पहुँचाता है।
  • मानसिक शांति: इसके नियमित धारण से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
  • संबंधों को सुधारना: इसे पहनने से पार्टनर्स के बीच अनुराग और प्रेम बढ़ता है, जिससे संबंधों में सुधार होता है।
  • तनाव कम करना: इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में तनाव और चिंता कम होती है।
  • भाग्योदय: 2 मुखी रुद्राक्ष के धारण से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और भाग्योदय की संभावना बढ़ जाती है।
  • स्वप्न सिद्धि: इसे धारण करने से स्वप्न सिद्धि होने का दावा किया जाता है, यानी कि यह व्यक्ति की इच्छाओं को पूरा करने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य और समृद्धि: 2 मुखी रुद्राक्ष के धारण से व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि की वृद्धि होती है।
  • दृष्टि बढ़ाना: इसे धारण करने से व्यक्ति की दृष्टि और समझ में सुधार होता है।

दो मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं नम:


3 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 3 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 3 Mukhi Rudraksh ke Fayde
तीन मुखी रुद्राक्ष

3 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है और इसका संबंध ब्रह्मा, विष्णु और महेश के तीन रूपों से जोड़ा जाता है। इस के देवता मंगल हैं। 3 मुखी को पहनने से घर में वास्तुदोष खत्म होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है, बुद्धि में वृद्धि होती है।

इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जातक को छूने से फैलने वाला रोग, स्त्री रोग से छुटकारा मिलता है।

  • मानसिक शक्ति: 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मन की शांति और स्थिरता में सुधार होता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: कहा जाता है कि इसका उपयोग करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि नपुंसकता, आँखों से सम्बंधित समस्याएं, त्वचा समस्याएं, आदि को दूर किया जा सकता है।
  • आत्मिक उन्नति: तीन मुखी रुद्राक्ष का उपयोग आत्मिक उन्नति के लिए भी किया जाता है, क्योंकि इसे तीनों लोकों के स्वामी का प्रतीक माना जाता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: इसे धारण करने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और दुष्प्रभाव से बचाव मिलता है।
  • अग्नि तत्व का संतुलन: तीन मुखी रुद्राक्ष को अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है, जो शरीर के पाचन और ऊर्जा संबंधी कार्यों में मदद करता है।
  • चिंता और तनाव से छुटकारा: इसे धारण करने से चिंता और तनाव से छुटकारा मिलता है, और यह मन को शांत रखने में मदद करता है।
  • शरीरिक ऊर्जा: तीन मुखी रुद्राक्ष शरीर की ऊर्जा को बढ़ावा देता है, जो व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति को सुधारता है।
  • जीवन की चुनौतियों का सामना: इसे धारण करने से व्यक्ति की सहनशीलता बढ़ती है और वह जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर पाता है।
  • शिक्षा में सुधार: कहा जाता है कि तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के ज्ञान में सुधार होता है और वह पढ़ाई में अधिक एकाग्र होता है।

तीन मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं क्‍लीं नम:


4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 4 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 4 Mukhi Rudraksh ke fayde  
चार मुखी रुद्राक्ष

4 मुखी रुद्राक्ष उनमें से एक है जिसमें चार नाभिका या रेखाएं होती हैं। इसे ब्रह्मा, सृष्टि के देवता, के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसका मान्यता है कि इसका धारण करने से व्यक्ति के मनन शक्ति और ज्ञान में वृद्धि होती है।

4 मुखी रुद्राक्ष का उपयोग विद्या, ज्ञान, और विवेक को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसे पहनने से विद्यार्थियों को अध्ययन में मदद मिलती है और उनकी स्मृति शक्ति में सुधार होता है। यह बुद्धि और समझ को बढ़ाने में भी सहायक होता है। यह राहत, शांति, और ध्यान को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।

  • बुद्धिमत्ता में वृद्धि: इसका धारण करने से व्यक्ति की बुद्धि और समझ में सुधार होता है।
  • स्मृति और ध्यान बढ़ाता है: इसे पहनने से व्यक्ति की स्मृति और ध्यान क्षमता में सुधार होता है। इसका उपयोग ध्यान के साधन के रूप में भी किया जाता है।
  • संवेदनशीलता और समझ को बढ़ाता है: इसे पहनने से व्यक्ति की संवेदनशीलता और समझ की क्षमता में सुधार होता है।
  • भय और चिंता को कम करता है: 4 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति के मन को शांत रखता है, जिससे वह भय और चिंता से मुक्त हो सकता है।
  • स्वस्थ्य को सुधारता है: इसे पहनने से व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • व्यक्तित्व विकास में सहायता: यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को सशक्त और आकर्षक बनाता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है: यह व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जो नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
  • संवेदनाओं और भावनाओं को संतुलित करता है: यह व्यक्ति के मन को संतुलित रखता है, जिससे वह अपनी संवेदनाओं और भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है।
  • आत्मनिरीक्षण क्षमता में वृद्धि: यह व्यक्ति को अपने आत्मा की ओर झूलते हुए स्वयं को बेहतर समझने की क्षमता देता है।

चार मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं नम:


5 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 5 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 5 Mukhi Rudraksh ke fayde 
पाँच मुखी रुद्राक्ष

5 मुखी रुद्राक्ष का उपयोग हिंदू धर्म के अनुयायियों में व्यापक रूप से किया जाता है, जिसे मनुष्य के आत्मिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए जाना जाता है। यह रुद्राक्ष लोर्ड शिव (Rudra) के प्रतीक के रूप में सम्मानित होता है। 5 मुखी के देवता रुद्र और गृह गुरु है। इसे पहनने से जातक को प्रीतिष्ठा, यश, ऐशोआराम में बढ़ोत्तरी होती है।

इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जातक को किडनी, शुगर, चर्बी बढ़ना और पीलिया जैसे रोगों से मुक्ति मिल सकती है।

  • मानसिक शांति: 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मन शांत रहता है और स्थिरता मिलती है। यह तनाव, चिंता और नकरात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: इसे धारण करने से हृदय सम्बंधी विकारों, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
  • ध्यान और एकाग्रता: 5 मुखी रुद्राक्ष का इस्तेमाल मेधा और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। यह ध्यान लगाने में सहायता करता है।
  • कर्म और भाग्य: 5 मुखी रुद्राक्ष जातक के कर्मों को सुधारता है और भाग्य में आई कमी को भी सुधारने में मददगार होता है।
  • भगवान शिव की कृपा: 5 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसे धारण करने से शिव की कृपा बनी रहती है।
  • आत्मिक विकास: इसके धारण से व्यक्ति का आत्मिक विकास होता है।
  • संपत्ति का वृद्धि: इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जातक को भगवान शिव की कृपा से धन-संपत्ति में वृद्धि प्राप्त होती है, और कार्यक्षेत्र में लाभ मिलता है।
  • स्वप्न और अभीप्सा सिद्धि: यह स्वप्नों और इच्छाओं की पूर्ति में मदद करता है।
  • शारीरिक और मानसिक रोग से मुक्ति: यह शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने में मदद करता है।

पाँच मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं नम:


6 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 6 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 6 Mukhi Rudraksh ke fayde 
छः मुखी रुद्राक्ष

6 मुखी रुद्राक्ष को कार्तिकेय रुद्राक्ष कहा जाता है। यह शुक्र ग्रह से संबन्धित होते हैं। यह रुद्राक्ष कार्तिकेय की प्रतिष्ठा का प्रतीक होता है, जो भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं। 6 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से धारणकर्ता के बुद्धि, ज्ञान, विचारशीलता और अन्य मानसिक क्षमताओं में सुधार होता है।

यह रुद्राक्ष भी व्यक्ति को स्थिरता और धैर्य प्रदान करता है, और समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। 6 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव की शक्ति का प्रतिष्ठापन करता है और उसके धारणकर्ता को उनकी कृपा की आशा दिलाता है।

  • बुद्धि और ज्ञान: 6 मुखी रुद्राक्ष का धारण करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह ज्ञान के देवता ब्रह्मा के प्रतिष्ठापन का साधन है।
  • मनोविज्ञान और स्वास्थ्य: यह माना जाता है कि 6 मुखी रुद्राक्ष मनसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और चिंता, तनाव, और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
  • शील और व्यवहार: इसे पहनने से व्यक्ति के आचरण में सुधार होता है, और यह समाजिक संबंधों को सुधारने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: 6 मुखी रुद्राक्ष का धारण करने से हृदय से संबंधित बीमारियों से राहत मिल सकती है।
  • शारीरिक शक्ति: इसे धारण करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति में उत्साह और ऊर्जा की वृद्धि होती है।
  • भौतिक संसाधनों का समृद्धि: यह माना जाता है कि 6 मुखी रुद्राक्ष धन संबंधी समस्याओं को दूर करता है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को सुधारता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: इसका धारण करने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो उसे शक्तिशाली और समर्थ बनाता है।
  • क्षमता विकास: यह व्यक्ति की सहनशीलता, समय प्रबंधन, और निर्णय करने की क्षमता को बढ़ाता है।
  • भक्ति और ध्यान: 6 मुखी रुद्राक्ष ध्यान की गहराई को बढ़ाता है और व्यक्ति के आध्यात्मिक जीवन को प्रगाढ़ करता है।

छह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं हूं नम: 


7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 7 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 7 Mukhi Rudraksh ke fayde 
सात मुखी रुद्राक्ष

7 मुखी के देवता अनंग और सप्त ऋषि को माना गया है। इसका ग्रह शनि है। “7 मुखी रुद्राक्ष” उस रुद्राक्ष को कहा जाता है जिसके 7 फण होते हैं। यह सातवां स्वर्ग यानी सत्यलोक का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से कहा जाता है कि संभोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह धन, भाग्य, आरोग्य और सुख-शांति का करक होता है और कहा जाता है कि इसे पहनने से किसी भी प्रकार की मनोविकारों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, यह व्यक्ति को सच्चाई और ईमानदारी की ओर ले जाता है और उसे सही और गलत के बीच अंतर बताने में मदद करता है।

  • धनवान बनाता है: 7 मुखी रुद्राक्ष को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसका धारण करने से व्यक्ति के धन संबंधी कठिनाइयां दूर होती हैं।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह रुद्राक्ष चिकित्सकीय रूप से भी लाभकारी होता है। इसका धारण करने से व्यक्ति के श्वसन तंत्र, त्वचा, पेट और अन्य बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
  • मानसिक शांति: इसके धारण से मानसिक शांति और संतुलन मिलता है, जो एक व्यक्ति को अधिक सकारात्मक और ऊर्जावान बनाता है।
  • भय और चिंताओं को दूर करता है: इसे धारण करने से व्यक्ति को भय और चिंताओं से छुटकारा मिलता है। यह व्यक्ति को आत्मविश्वास और साहस प्रदान करता है।
  • सफलता प्रदान करता है: 7 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से व्यक्ति की क्षमता बढ़ती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
  • कर्म फल: यह रुद्राक्ष कर्मों के बंधन को दूर करने में मदद करता है, जो एक व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से उन्नति करने में मदद करता है।
  • सौंदर्य बढ़ाता है: 7 मुखी रुद्राक्ष एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक सौंदर्य को बढ़ाने में मदद करता है।
  • स्वप्न दोष को दूर करता है: यह रुद्राक्ष स्वप्न दोष और अनिद्रा के समस्याओं को दूर करने में सहायता करता है।
  • सामाजिक और परिवारिक संबंधों को सुधारता है: इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के सामाजिक और परिवारिक संबंधों में सुधार होता है।

सात मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं हूं नम:


8 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 8 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 8 Mukhi Rudraksh ke fayde 
आठ मुखी रुद्राक्ष

8 मुखी रुद्राक्ष भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसका ग्रह राहु है। यह रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को बौद्धिक शक्ति और आत्मनिर्भरता प्रदान करता है। यह व्यक्ति के आंतरिक शक्तियों को जागृत करता है और उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन करता है। इसका उपयोग मुख्यतः अवरोधों को दूर करने, ध्यान और समाधि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

8 मुखी रुद्राक्ष के धारण से जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इसे पहनने से साधक की व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सुधार आता है, और यह उनके जीवन को एक नई दिशा देता है। इसका उपयोग करने से व्यक्ति अपने जीवन में निराशा, डर, चिंता और भय को दूर कर सकता है।

  • मानसिक शांति: 8 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • सफलता: इसका प्रयोग व्यापार, नौकरी, या किसी भी प्रकार की सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • अच्छी सेहत: 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सेहत को लाभ पहुँचता है, और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
  • श्री गणेश का आशीर्वाद: 8 मुखी रुद्राक्ष श्री गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • विघ्न निवारण: इसका प्रयोग जीवन में आने वाली बाधाओं और विघ्नों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
  • ज्ञान और बुद्धि: 8 मुखी रुद्राक्ष ज्ञान और बुद्धि को बढ़ाने में सहायक होता है।
  • भय और चिंताओं को दूर करता है: इसे धारण करने से व्यक्ति के मन में भय और चिंताएं कम होती हैं।
  • विपत्तियों से रक्षा: 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से विपत्तियों से बचाव होता है।
  • स्वास्थ्य समस्याओं में राहत: यह अनेक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि तनाव, उच्च रक्तचाप, दिल से सम्बंधित रोगों, और अन्य बीमारियों में राहत दिलाने में मदद करता है।

आठ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं हूं नम:


9 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 9 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 9 Mukhi Rudraksh ke fayde 
नौ मुखी रुद्राक्ष

9 मुखी रुद्राक्ष को हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह नौ देवियों का प्रतीक होता है। इसका ग्रह केतु है। 9 मुखी रुद्राक्ष का सबसे अधिक सम्बन्ध माता दुर्गा से होता है और इसे धारण करने से धारण करने वाले व्यक्ति को माता दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है, उसे धैर्य, अध्यात्मिक उन्नति, आत्मविश्वास और मानसिक शांति मिलती है। यह आत्मज्ञान और धारण करने वाले की सहायता करने के लिए जाना जाता है।

9 मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से ध्यान, भक्ति और आत्म-साधना में उपयोगी माना जाता है। यह भक्तों को उनके भक्ति मार्ग में आगे बढ़ने में मदद करता है और उन्हें आत्मनिर्भरता, निर्भयता और आत्म-अनुशासन प्रदान करता है।

  • दृढ़ इच्छा शक्ति: 9 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की इच्छा शक्ति बढ़ती है। इससे व्यक्ति अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिक समर्पित होता है।
  • भय मुक्ति: इसे पहनने से भय और असुरक्षा से मुक्ति मिलती है।
  • शक्ति और ऊर्जा: 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति में ऊर्जा और शक्ति बढ़ती है।
  • अध्यात्मिक उन्नति: इसे पहनने से व्यक्ति की अध्यात्मिक उन्नति होती है।
  • रोगनिवारण: इसके प्रयोग से विभिन्न रोगों से निवारण मिलता है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
  • मानसिक शांति: 9 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करने से मन की शांति मिलती है और चिंताएं दूर होती हैं।
  • भगवान धन्वन्तरि का आशीर्वाद: 9 मुखी रुद्राक्ष पहनने से भगवान धन्वन्तरि का आशीर्वाद मिलता है, जो आयुर्वेद के देवता हैं।
  • धन और समृद्धि: इसे पहनने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • स्वप्नदोष निवारण: इसे धारण करने से स्वप्नदोष और अनियमित नींद से मुक्ति मिलती है।

नौ मुखी रुद्राक्ष का मंत्र  – ऊं ह्रीं हूं नम:


10 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 10 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 10 Mukhi Rudraksh ke fayde
दस मुखी रुद्राक्ष

10 मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से मनुष्य को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसे धारण करने से धारणकर्ता के सभी दोष दूर हो जाते हैं, और वह सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय, चिंता और आशंकाओं से मुक्ति पा सकता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे धारण करने से व्यक्ति के पाप और दोष दूर होते हैं। यह धारणकर्ता को आत्मिक शांति, एकाग्रता और स्थिरता प्रदान करता है, साथ ही उसे स्वास्थ्य और समृद्धि की ओर ले जाता है।

  • भौतिक और मानसिक शांति: इसे धारण करने से ध्यान की गहराई बढ़ती है, जो भौतिक और मानसिक शांति देती है।
  • धन और सम्पत्ति: इसे धारण करने से व्यक्ति के लिए धन और सम्पत्ति के अर्जित करने के नए अवसर उभरते हैं।
  • आत्मविकास: यह व्यक्ति को आत्मविकास के पथ पर ले जाता है, और उसके आत्मस्वरूप को समझने में मदद करता है।
  • ऊर्जा और स्वास्थ्य: 10 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति की ऊर्जा को बढ़ाता है और उसके स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
  • खुशहाल जीवन: इसका धारण व्यक्ति के जीवन को खुशहाल और सुखी बनाता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: यह नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है, और व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा की ओर खिंचता है।
  • मानसिक तनाव से राहत: इसका धारण करने से मानसिक तनाव और चिंताओं को कम किया जा सकता है।
  • भय और चिंता से मुक्ति: 10 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को भय और चिंता से मुक्ति कर सकता है।
  • अनुशासन और संगठनात्मक क्षमता: इसका धारण करने से व्यक्ति की अनुशासन और संगठनात्मक क्षमताएं बढ़ती हैं।

दस मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं नम:


11 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 11 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 11 Mukhi Rudraksh ke fayde  
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

11 मुखी का संबंध भगवान शिव के एकादश अवतार है। इसे धारण करने से व्यक्ति में दृढ़ता, वीर्य, आत्मबल, धैर्य और स्थिरता आती है। इसे धारण करने से व्यक्ति के अंतर्मन में विश्राम की अनुभूति होती है और समाधि की स्थिति में जाने में सहयोग मिलता है।

यह रुद्राक्ष मानसिक तनाव, चिंता, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, पेट की समस्याएं, वात रोग आदि दूर करने में सहायक होता है। 11 मुखी धारण करने से व्यक्ति को सचेत और संयमी बनाता है और यह ध्यान, समाधि और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करता है।

  • धार्मिक श्रद्धा: 11 मुखी धारण करने से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होने का मान्यता है, जो बल और साहस प्रदान करते हैं।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह माना जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार होता है। इसका धारण ह्रदय रोगों, रक्तचाप, डायबिटीज, गठिया आदि को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • मानसिक शांति: यह धारणकर्ता को मानसिक शांति प्रदान करता है और उसे तनाव और चिंताओं से मुक्ति दिलाता है।
  • समर्थन और सुरक्षा: इसे धारण करने से व्यक्ति को जीवन की कठिनाईयों का सामना करने में सहायता मिलती है और उसे नकरात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: इसे पहनने से व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो उसके आसपास के वातावरण को भी सकारात्मक बनाता है।
  • समय प्रबंधन: 11 मुखी धारण करने से व्यक्ति की क्षमता बढ़ती है और वह अपने समय को अधिक प्रभावी तरीके से प्रबंधित कर सकता है।
  • ध्यान और समाधान: इसे धारण करने से व्यक्ति की ध्यान क्षमता बढ़ती है, और वह अपने मन को शांत करने और एकाग्रता प्राप्त करने में समर्थ होता है।
  • जीवन में संतुलन: इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में संतुलन आता है और उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
  • भाग्योदय: इसे पहनने से व्यक्ति की भाग्यशालीता बढ़ती है और वह जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं हूं नम:


12 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 12 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 12 Mukhi Rudraksh ke fayde 
बाहर मुखी रुद्राक्ष

12 मुखी रुद्राक्ष का सीधा संबंध भगवान सूर्य से होता है। जिस व्यक्ति ने इसे धारण किया होता है, उस पर सूर्य का प्रकोप नहीं होता है और उसकी जिंदगी में आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।

12 मुखी धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और उसकी दिमागी क्षमताएं भी बढ़ती हैं। इसे पहनने से व्यक्ति के अंदर स्वायत्तता, आत्मसम्मान, नेतृत्व की क्षमता, तथा अन्य गुण विकसित होते हैं।

यह भी माना जाता है कि 12 मुखी धारण करने वाले व्यक्ति की सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है। यह व्यक्ति को शारीरिक रोगों से भी मुक्ति दिलाता है और उसकी आयु को बढ़ाता है।

  • शांति और स्थिरता: 12 मुखी को पहनने से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। यह मन को संतुलित करता है और चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: इसे पहनने से शरीर की अनेक बीमारियों में राहत मिल सकती है। यह हृदय से संबंधित समस्याओं, त्वचा विकारों, आदि में उपयोगी होता है।
  • लीडरशिप क्षमता: 12 मुखी को सूर्य का प्रतीक माना जाता है और इसे धारण करने वाले को नेतृत्व क्षमता मिलती है।
  • आत्मविश्वास: यह व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
  • ऊर्जा का संचार: यह व्यक्ति में ऊर्जा का संचार करता है, जिससे वे दिन भर एक्टिव और जीवंत रह सकते हैं।
  • धन की प्राप्ति: कहा जाता है कि यह धन और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: 12 मुखी धारण करने वाले की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य का ज्ञान होता है।
  • नेगेटिव ऊर्जा से बचाव: इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव होता है और व्यक्ति की रक्षा होती है।
  • शारीरिक और मानसिक रोगों से छुटकारा: 12 मुखी शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने में सहायता करता हैं।

बारह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं रों शों नम: ऊं नम:


13 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 13 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 13 Mukhi Rudraksh ke fayde
तेरह मुखी रुद्राक्ष

13 मुखी रुद्राक्ष को लोर्ड कामदेव भगवान ईश्वर का वह रूप, जिसे प्रेम के देवता के रूप में माना जाता है) का प्रतीक माना जाता है। यह धारण करने वाले व्यक्ति को वासना और कामनाओं को पूरा करने में मदद करता है। यहां वासना से तात्पर्य धार्मिक, भौतिक और आध्यात्मिक लाभों से है।

13 मुखी की शक्तियां अद्वितीय होती हैं। यह धारण करने वाले की आत्मा को शांति और संतोष प्रदान करता है। इसे पहनने वाले व्यक्ति की बुद्धि और स्थायित्व में वृद्धि होती है, और उसे अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।

  • कामनाओं की पूर्ति: धारण करने वाले की इच्छाओं को पूरा करता है और उन्हें सफलता दिलाता है।
  • आत्मविश्वास बढ़ाता है: यह धारण करने वाले के आत्मविश्वास और आत्म-निश्चय को बढ़ाने में मदद करता है।
  • मनोबल बढ़ाता है: इसे पहनने से धारण करने वाले का मनोबल बढ़ता है।
  • ध्यान और एकाग्रता: यह ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे ध्यान और योगाभ्यास में सुधार होता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है, और तनाव, चिंता, और अनिद्रा समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
  • विपत्ति से रक्षा: 13 मुखी धारण करने वाले की विपत्तियों से रक्षा करता है।
  • राज्यों की प्राप्ति: इसे धारण करने से धारण करने वाले को राज्य संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • कर्मफल की प्राप्ति: इसका धारण करने से कर्म के फल अच्छे होते हैं।
  • अंतिम मोक्ष: 13 मुखी को अंतिम मोक्ष प्रदान करने की क्षमता वाला भी माना जाता है।

तेरह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं ह्रीं नम:


14 मुखी रुद्राक्ष के फायदे । 14 मुखी रुद्राक्ष के लाभ । 14 Mukhi Rudraksh ke fayde
चौदह मुखी रुद्राक्ष

14 मुखी रुद्राक्ष का महत्त्व हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा होता है। यह रुद्राक्ष लॉर्ड शिव के एकादश रूप, लॉर्ड हनुमान को प्रतिष्ठित करता है। यह ब्रह्मांड में सर्वोच्च शक्ति को प्रदर्शित करता है और इसे धारण करने वाले व्यक्ति को अनेक शक्तियां प्रदान करता है।

इसे धारण करने से व्यक्ति के मन में स्थिरता आती है और उसे अपने जीवन के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता मिलती है। यह धारक को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है और साथ ही उसके जीवन को संतुलित भी करता है।

  • धन और समृद्धि: यह माना जाता है कि 14 मुखी धन और समृद्धि ला सकता है।
  • मानसिक शक्ति: यह मानसिक शक्ति बढ़ाने में सहायक हो सकता है और सोचने की योग्यता को बढ़ा सकता है।
  • भय और चिंता को दूर करना: यह भय और चिंता को दूर करने में मदद कर सकता है, और व्यक्ति को आत्मविश्वास और स्थिरता प्रदान कर सकता है।
  • मानसिक और भौतिक रोगों से रक्षा: यह शारीरिक और मानसिक रोगों से रक्षा प्रदान कर सकता है।
  • सिद्धियां प्राप्त करना: 14 मुखी को धारण करने से व्यक्ति को विशेष सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं।
  • तीसरी आँख का उद्घाटन: कहा जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति की तीसरी आँख खुल सकती है और उसकी अंतर्दृष्टि बढ़ सकती है।
  • शास्त्रीय गुण: इसे धारण करने से व्यक्ति में शास्त्रीय गुणों का विकास हो सकता है।
  • अन्तरात्मा से जुड़ना: इसका उपयोग व्यक्ति को उसकी अन्तरात्मा से जोड़ने में मदद कर सकता है।
  • भगवान शिव का आशीर्वाद: इसको भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, और कहा जाता है कि इसे धारण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष का मंत्र – ऊं नम:


गणेश रुद्राक्ष के फायदे | Ganesha Rudraksh ke fayde
गणेश रुद्राक्ष

गणेश रुद्राक्ष एक खास प्रकार का होता है जिसका आकार हिन्दू देवता गणेश के आकार जैसा होता है। इसे विशेष रूप से श्री गणेश के साथ संबंधित माना जाता है।

गणेश को पहनने से आधिकारिक और अनावश्यक बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है, जैसा कि गणेश का सामान्य धार्मिक स्वरूप होता है। यह धारण करने वाले को बुद्धि और समझ देता है और जीवन की विभिन्न समस्याओं से निपटने में सहायता करता है।

इसके अलावा, इसका उपयोग धार्मिक क्रियाओं, पूजा और मंत्र जाप में भी किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे पहनने से स्थायी स्थिति, सम्पत्ति और आरोग्य प्राप्त होते हैं।

  • बुद्धि और विवेक: यह धारक की बुद्धि और विवेक को बढ़ाता है, जो जीवन के कठिन निर्णयों में मदद करता है।
  • धन और समृद्धि: इसे धारण करने से व्यक्ति को धन और समृद्धि मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • रोगों से राहत: यह शारीरिक और मानसिक रोगों से राहत दिलाने में सहायक होता है।
  • सफलता: इसे धारण करने से व्यक्ति की जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।
  • आत्मविश्वास: यह आत्मविश्वास बढ़ाता है और व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है।
  • शान्ति और स्थिरता: गणेश रुद्राक्ष व्यक्ति को आत्मिक शान्ति और स्थिरता प्रदान करता है।
  • विघ्न हरन: गणेश जी को विघ्न हर्ता माना जाता है और इसको धारण करने से जीवन के विघ्न दूर होते हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने में मदद करता है।
  • आत्मिक उन्नति: इसको धारण करने से धारक की आत्मिक उन्नति होती है।

गणेश रुद्राक्ष का मंत्र – ॐ श्री गणेशाय नमः


गौरी शंकर रुद्राक्ष के फायदे | Gauri Shankar Rudraksh ke fayde
गौरी शंकर रुद्राक्ष

गौरी शंकर रुद्राक्ष एक खास प्रकार का होता है जो की दो रुद्राक्ष जो आपस में संयुक्त होते हैं उसे दर्शाता है। यह भगवान शिव (शंकर) और उनकी पत्नी माता पार्वती (गौरी) की अद्वितीय एकता और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।

गौरी शंकर को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सामरिक्य और संतुलन की स्थापना होती है। यह व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

गौरी शंकर को धारण करने से व्यक्ति को उसकी संघर्ष, तनाव, चिंताओं से मुक्ति मिलती है और स्वस्थ तथा संतुलित जीवन जीने में सहायता मिलती है। इसका धारण मानसिक शांति के लिए भी बहुत लाभदायक माना जाता है।

  • धार्मिक और आध्यात्मिक विकास: इसे धारण करने से धार्मिक और आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है। यह व्यक्ति को आत्म-संयम और ईश्वर की अनुपस्थिति को महसूस करने में मदद करता है।
  • परिवार के कल्याण के लिए: यह परिवार के सम्बन्धों को मजबूत करता है और घर में सुख-शांति बढ़ाता है।
  • जोड़ों के दर्द से राहत: इसे धारण करने से जातक को होने वाली जोड़ों के दर्द कि समस्या में राहत दिला सकता है।
  • हृदय रोगों से बचाव: गौरी शंकर का धारण हृदय सम्बन्धी समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है।
  • स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा: इसे पहनने से स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • स्त्री और पुरुष के बीच संतुलन सृजित करता है: यह स्त्री और पुरुष तत्व के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद करता है।
  • चिंता और तनाव को कम करता है: गौरी शंकर धारण करने से मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है।
  • सुंदर सपने देखने में मदद करता है: इसे धारण करने से स्वप्नों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • कर्मों का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है: गौरी शंकर पहनने से कर्मों का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष का मंत्र – ॐ गौरी शंकराय नमः  


रुद्राक्ष की उपज [ उत्पत्ति ] 

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार एक मान्यता है कि जब भगवान शिव समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष को पीते हैं, तो उनकी आंखों से आंसू गिरते हैं। जो आंसू धरती पर गिरते हैं, वे रुद्राक्ष के वृक्ष के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रकार, इसकी उत्पत्ति का धार्मिक आधार भगवान शिव के साथ जोड़ा गया है। इसलिए यह माना जाता है कि रुद्राक्ष का वृक्ष भगवान शिवा का आधारभूत स्वरूप है।  


रुद्राक्ष के फायदे जीवन के भिन्न हिस्सों में

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन के विभिन्न  क्षेत्रों में इसके क्या-क्या फायदे होते हैं। जब जातक इसे धारण करता है तब उसे इससे क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं। यह नीचे बताया गया है। 

करियर के लिए उपाय
  • आपके बेहतर करियर के लिए कोन सा व्यापार ठीक है?
  • करियर के क्षेत्र में यदि आप काफी समय से मेहनत कर रहे हैं और सफलता नही मिल रही? 
  • आपको अपने ही कार्यों में नुकसान हो रहा है? 
  • आप अपनी कंपनी में लोगों से काम लेते हैं तो उसके परिणाम गलत आते हैं?  
  • अगर आप अपने व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं और रुकावटें पैदा हो रही है? 
  • आप अपने करियर को बेहतर बनाने के लिए विदेश जाते-जाते रह जाते हैं?
  • यदि आप विदेश में व्यापार करते हैं और सफलता नही मिल रही? 
  • आप अपने करियर के प्रति न सोचते हुए गलत रास्तों में रहते हैं? 
  • आप कार्य करते हैं लेकिन उसके परिणाम चिंतापूर्ण आते हैं?

आर्थिक जीवन के लिए उपाय
  • आप अपने आर्थिक जीवन को लेकर चिंता में रहते हैं?
  • आपको आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है?
  • आप मेहनत करते हैं पैसे कमाने के लिए लेकिन कोई लाभ नही मिलता है?
  • आप समय से कार्य करते हैं उसके बाद भी व्यापार में आर्थिक समस्या रहती है?
  • बिजनेस में धन कमाने के लिए आप धन खर्च करते हैं लेकिन कोई आर्थिक लाभ नही होता? 
  • पैसों को लेकर आपसी मतभेद होते रहते हैं?
  • बीमारियों के कारण आर्थिक समस्याएँ तनाव दे रही है?
  • परिवार में आर्थिक समस्या के कारण कलह मचा रहता है?
  • आप पैसों को लेकर तनाव महसूस करते हैं जिसके कारण सेहत में गड़बड़ी रहती है?

वैवाहिक जीवन के लिए उपाय
  • वैवाहिक जीवन में आपसी तनाव रहता है?
  • विवाह होने में कई तरह की रुकावटें आ रही हैं?
  • वैवाहिक जीवन में किसी अंजान व्यक्ति के कारण मतभेद होना?
  • आप अपने जीवनसाथी के कारण मानसिक तनाव का शिकार होते हैं? 
  • वैवाहिक जीवन में सुख नही मिल रहा है?
  • आपका जीवनसाथी आपको सम्मान नही देता है?
  • आपको अपनी शादी टूटने का डर रहता है?
  • विवाह के तुरंत बाद तलाक की स्थिति बनती है?
  • विवाह होने के बाद संतान सुख की प्राप्ति नही हो रही है? 

प्रेम जीवन के लिए उपाय
  • आपको अपने साथी के कारण शारीरिक समस्या होती है?
  • आप अपने प्रेम जीवन को मजबूत बनाना चाहते हैं लेकिन आपका साथी कमजोर कर रहा है?
  • प्रेम जीवन में तनाव पैदा हो रहा है?
  • आपका साथी गलतफहमियों की वजह से लड़ता रहता है?
  • आप अपने साथी के साथ संबंध बनाने का प्रयास करते हैं लेकिन ऐसा नही होता?
  • आपके प्रेम जीवन में किसी तीसरे की वजह से दरार आ रही है?
  • प्रेम जीवन में प्रेम की जगह लड़ाई-झगड़े ज्यादा हो रहे हैं?
  • आपका प्रेमी आपको छोडने की बात करता है?
  • आप अपने प्रेमी से प्रेम विवाह करने की बात करते हैं तो वह ब्रेकअप करने की बात करता है?

शिक्षा के लिए उपाय
  • शिक्षा के क्षेत्र में कठिन परिश्रम करने में रुकावटें पैदा हो रही हैं?
  • शिक्षा के दौरान किसी कार्य को करते हैं तो वह विफल हो जाता है?
  • आप शिक्षा के क्षेत्र में जल्दबाज़ी के कारण असफलता की ओर जा रहे हैं?
  • आप अपने मित्रों की संगत में आकार शिक्षा से दूर भागते हैं?
  • माता-पिता की बात न मानकर गलत संगत में पड़ रहे हैं?
  • पढ़ाई में मन नही लग रहा है?
  • आपको प्रतियोगी परीक्षाओं में परिणाम पढ़ाई के अनुसार नही मिलते हैं? 
  • जिस प्रकार से आप मेहनत करते हैं उस हिसाब से आपको परिणाम नही मिलते हैं?
  • आप कार्यों के साथ-साथ पढ़ाई पर फोकस करते हैं तो एक चीज में नुकसान होता है?

स्वास्थ्य के लिए उपाय
  • आप बीमारी के कारण समस्याओं में रहते हैं?
  • आपको पुराने रोगों से छुटकारा नही मिल रहा है?
  • आपको मानसिक तनाव के कारण डिप्रेशन का शिकार होना पड़ता है?
  • आप बाहर का खाना खाते हैं तो पेट में दर्द जैसी समस्या आती है?
  • आपकी सेहत में उतार-चढ़ाव रहता है?
  • खराब सेहत के कारण कमजोरी ज्यादा रहती है?
  • किसी गलती के कारण खतरनाक रोग से जूझना पड़ रहा है?
  • आप नशे को छोड़ना चाहते हैं लेकिन छोड़ नही पाते?
  • डॉक्टर से दवाई लेने के बाद भी बीमारी ठीक नही हो रही है?

बिजनेस के लिए उपाय
  • बिजनेस के क्षेत्र में हानि हो रही है?
  • बिजनेस में साझेदार के साथ बात नही बनती है?
  • आप कुछ अच्छा करना चाहते हैं लेकिन बुरा हो जाता है?
  • बिजनेस को बढ़ाने के लिए आप मेहनत करते हैं लेकिन सफलता नही मिलती है?
  • आप पूरा-पूरा दिन बाहर रहते हैं लेकिन कार्यस्थल पर आते समय निराश रहना पड़ता है?
  • बिजनेस में कम पैसे लगाकर ज्यादा कमाने के विचार करते हैं लेकिन होता नही है?
  • आप गाँव में रहकर बिजनेस करना चाहते हैं?
  • इंडिया लेवल तक आप अपने बिजनेस को बढ़ाना चाहते हैं लेकिन सफलता नही मिल रही है?
  • कौन से बिजनेस में अच्छी कमाई होगी?

संतान के लिए उपाय
  • आप विवाह के बाद लंबे समय से संतान प्राप्ति के लिए परेशान हैं?
  • संतान प्राति के लिए आप पूजा पाठ करते हैं लेकिन संतान प्राप्त नही होती है?
  • आप पुत्र प्राप्ति इच्छा रखते हैं लेकिन पुत्री की प्राप्ति होती है?
  • संतान के लिए आप दूर-दूर यात्राओं पर जाते हैं उसके बाद भी निराश रहना पड़ता है?
  • आपकी शादी होने के बाद संतान मिलती है परंतु किसी समस्या के चलते उसकी मृत्यु हो जाती है?
  • आप बच्चो के सुख से वंचित हैं?
  • आप संतान सुख प्राप्त करने के लिए आश्रम से बच्चा लाते हैं लेकिन आपका मन संतुष्ट नही होता?
  • गर्भपात की समस्या के कारण संतान होते-होते रह जाती है?
  • नपुनशकता के कारण आपको संतान सुख नही मिल रहा है?

काला जादू के लिए उपाय
  • आपके घर में किसी ने काला जादू कर दिया है?
  • भूत-प्रेत का शिकार हो रहे हैं?
  • आप जादू-टोने के कारण कमजोरी महसूस कर रहे हैं?
  • काला-जादू से कोई आपका बुरा कर रहा है?
  • आपके घर में काली शक्तियों का बास है?
  • आपके ऊपर किसी ने टोटका कर दिया है?
  • आपको चिड़चिड़ापन रहता है?
  • आप घर पर किसी की बात नही मानते और बाहर लोगों की सारी बात मानते हैं?
  • आपके अंदर भय का भूत रहता है?

रुद्राक्ष पहनने की विधि

सर्व प्रथम इसे कुंडली के अनुसार हे पहनना चाहिए । कुंडली में जब आयुर्वेद तत्व विधि को सम्मलित करके अध्यन किया जाता है तब जा के सही रुद्राक्ष मुख का पता चलता है । इसलिए सही ज्योतिषी का होना सबसे ज्यादा ज़रूरी है ।इसलिए आप जब भी इसे धारण करने का विचार करे तो उससे पहले अपनी कुंडली ज्योतिष + आयुर्वेद का ज्ञान रखने वाले ज्योतिषी को अवश्य दिखा लें।

  •  सबसे पहले सही दिन और सही मुहूर्त में (यह आपको वही ज्योतिष दे सकता है जिसने इसको निर्धारित किया है) इसको साफ करके चौकी पर रखें।
  • जिस भगवान की मूर्ति आपके ज्योतिष आचार्य ने बताई है उस मूर्ति को पूर्व दिशा की ओर मुख करके चौकी पर रख लें। 
  • ताम्र के लोटे में जल भरें और घी डाल के एक दीपक भी धूप वाती के साथ तैयार कर लें।
  • एक चांदी की कटोरी में दूध, शहद, मिश्री, गंगाजल और दही को मिलकर चरणामृत बना लें। 
  • अब सही मुखी वाले रुद्राक्ष ( जो ज्योतिष + आयुर्वेद के आधार पर ज्योतिषी आचार्य ने बताया हो ) उसे उस हाथ में न रखें जिस हाथ को आप सौंच ( वशरूम ) में उपयोग करते हैं।
  • इसके ऊपर एक चम्मच से चरणामृत डालें और दूसरे हाथ से इसे ढ़क ( बंद ) लें।
  • अब 108 बार उस मंत्र का जाप करें जो आपके ज्योतिष आचार्य ने बताया हो। याद रहे सही ज्योतिषी आपको कभी भी बीज मंत्र का उपाय नही बताएगा अगर बताया तो समझ लेना कुछ गड़बड़ है। 
  • मंत्र सम्पन्न करने के बाद इस को धारण कर लें। 
  • चरणामृत और लोटे के पानी को स्वंम पी लें याद रहे वह जल और चरणामृत किसी और न दें।  

यही है असली और सटीक विधि जो आपको DsK Astrology के माध्यम से बताई गई है। 


रुद्राक्ष के नुकसान

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसको को पहनना भगवान शिव को अपने जीवन में प्रवेश कराने के समान है। जिससे जातक को शारीरक और जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ मिलता है परंतु जातक अगर इसे ऐसी जगह पर ले जाता है जहां नही जाना चाहिए तो यह यंत्र खंडित हो जाता है जिससे इनके नुकसान जातक को झेलने पड़ते हैं। इसीलिए इसे को धारण करने के नियम और विधि बनाई गई है जिसका पालन करने से ही लाभ होता है अन्यथा हानि का शिकार होना पड़ता है। 

  • इसे पहनने के बाद किसी की मृत्यु हो जाए तो वहाँ नही जाना चाहिए। 
  • शमशान घाट पर पहनकर न जाएँ।