सूर्य ग्रह – ज्योतिष में प्रभाव, महत्व और उपाय

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ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व

ज्योतिष में सूर्य । सूर्य ग्रह

ज्योतिष विज्ञान में, सूर्य ग्रह को बहुत महत्व दिया जाता है। सूर्य ग्रह हमारे सौरमंडल का केंद्रीय ग्रह है और जीवन संबंधी प्रकाश, ऊर्जा और जीवनशक्ति का प्रतीक माना जाता है। यह आकर्षक और प्रभावशाली होता है और जीवन के सभी क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव डालता है।

सूर्य का प्रकाश हमारी आँखों को जगमगाता है और इसकी ऊर्जा हमें जीवित रखने में मदद करती है। सूर्य ज्योतिष में जीवन की प्रमुख भूमिका निभाता है और हमारे जन्मकुंडली में उसकी स्थिति और संयोग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को देवताओं का राजा भी माना जाता है। सूर्य को सभी देवताओं में सबसे सर्वोच्च देवता माना जाता है और इसकी पूजा और अराधना से शक्ति, स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त की जा सकती है। सूर्य की उपासना और यज्ञ करने से मनुष्य को उज्ज्वल बुद्धि, ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है। सूर्य वैदिक ज्योतिष में ब्रह्मा, विष्णु और शिव की त्रिमूर्ति का प्रतीक माना जाता है और इसे ज्ञान, उत्साह, तपस्या और ब्रह्मचर्य का प्रतीक भी कहा जाता है।



ज्योतिष में सूर्य के संबन्धित कारक अथवा लक्षण

सूर्य ग्रह को ज्योतिष में ग्रहों का राजा कहा जाता है और यह विभिन्न कारकों और विशेषताओं को दर्शाता है, व्यक्ति के शारीरिक गुणों के साथ-साथ उनके मानसिक विशेषताओं के हिसाब से।

  1. शारीरिक विशेषताएं: सूर्य कुंडली में आत्मा और शारीरिक शरीर का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य की स्थिति से व्यक्ति के स्वास्थ्य, शरीर की बनावट, और ऊर्जा स्तर का पता चल सकता है।
  2. मानसिक और भावनात्मक गुण: सूर्य आत्म-विश्वास, नेतृत्व गुण, और अभिप्रेता क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। यह व्यक्ति की आत्मिक प्रगति और अंतर्मुखी संवेदना के लिए भी महत्वपूर्ण है।
  3. सम्बंधित भाव: सूर्य कुंडली में पहले और दसवें भाव का कारक माना जाता है। पहला भाव व्यक्तित्व, शारीरिक आकृति, और जीवन के प्रारंभिक अनुभवों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि दसवां भाव व्यक्ति के करियर, समाज में प्रभाव, और प्राप्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य से हम पिता और बेटे भी देख सकते है।
  4. दिन, ऋतु, और रंग: सूर्य दिन का प्रतिनिधित्व करता है, ग्रीष्म ऋतु का, और पीला/केसरिया रंग का।
  5. सम्बंधित राशि और नक्षत्र: सूर्य को सिंह राशि और कृत्तिका, उत्तराफल्गुनी, और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी माना जाता है।
  6. सम्बंधित धातु और रत्न: सूर्य का सम्बंध सोने से, और उसका मुख्य रत्न माणिक होता है।

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सूर्य ग्रह से संबंधित व्यवसाय

  1. राजनीति: सूर्य नेतृत्व और सत्ता का प्रतीक होता है, इसलिए राजनीतिक करियर के लिए यह अच्छा माना जाता है।
  2. प्रशासनिक सेवाएं: सूर्य की उच्च स्थिति प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता का सूचक हो सकती है, जैसे कि आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनना।
  3. चिकित्सा विज्ञान: सूर्य स्वास्थ्य और जीवन के प्रकाशक के रूप में माना जाता है, इसलिए यह चिकित्सा पेशे में आवेदन करने वालों के लिए शुभ हो सकता है।
  4. आत्मनिर्भरता सम्बंधी पेशे: सूर्य आत्म-निर्भरता का प्रतीक होता है, जिससे स्व-नियोजित या उद्यमी पेशों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  5. मनोरंजन और कला: सूर्य मनोरंजन और कला क्षेत्रों में उच्च स्थानीय अधिकारियों और कला निर्देशकों के रूप में रोल प्ले कर सकता है।

सूर्य का अन्य 8 ग्रहों से संबंध

  1. सूर्य और चन्द्रमा (Moon): सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे के मित्र माने जाते हैं।
  2. सूर्य और मंगल (Mars): सूर्य और मंगल को एक-दूसरे के मित्र माना जाता है, यानी कि वे एक-दूसरे के प्रति सकारात्मक प्रवृत्ति रखते हैं।
  3. सूर्य और बुध (Mercury): सूर्य और बुध एक-दूसरे के सम (neutral) माने जाते हैं।
  4. सूर्य और गुरु (Jupiter): सूर्य और गुरु को एक-दूसरे के मित्र माना जाता है।
  5. सूर्य और शुक्र (Venus): सूर्य और शुक्र एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं।
  6. सूर्य और शनि (Saturn): सूर्य और शनि एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं।
  7. सूर्य और राहु (Rahu): सूर्य और राहु एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं।
  8. सूर्य और केतु (Ketu): सूर्य और केतु एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं।

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सूर्य का 12 भावों में प्रभाव 

12 bhavo mein surya ka prabhav fal

ज्योतिष में सूर्य ग्रह के सभी 12 भावों में अलग-अलग प्रभाव होता है। परंतु ये प्रभाव सामान्य हैं व्यक्तिगत जानकारी के लिए आपको ज्योतिष परामर्श लेना आवश्यक होगा।

यहाँ नीचे दिये गए सभी 1 से 12 भावों में सूर्य ग्रह का क्या प्रभाव होगा यह विस्तृत में उयदहरण सहित दिया गया है।

सूर्य प्रभाव – प्रथम भाव / पहला भाव

पहले भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के व्यक्तित्व और आत्मविश्वास पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत है, तो व्यक्ति स्वाभिमानी, सामरिक और आत्मसम्मानी होता है। वह नेतृत्व कौशल रखता है और स्वयं को प्रमुख स्थान पर रखता है।

सूर्य प्रभाव – द्वितया भाव / दूसरा भाव

दूसरे भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के आर्थिक स्थिति और संपत्ति पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत है, तो व्यक्ति धनी, समृद्ध, स्वावलंबी और अभिभूत होता है। वह उच्च स्थानों पर सफलता प्राप्त करता है और आर्थिक रूप से स्थिर रहता है।

सूर्य प्रभाव – तृतीय भाव / तीसरा भाव

तीसरे भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के भावनात्मक जीवन, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत है, तो व्यक्ति स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सामरिक ऊर्जा में उच्च स्तर पर रहता है। वह बहुत प्रभावशाली होता है और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संकल्पित होता है।

सूर्य प्रभाव – चतुर्थ भाव / चौथा भाव

चौथे भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के परिवार, घर, संपत्ति और निजी जीवन पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत है, तो व्यक्ति अपने परिवार के लिए गर्वन्वित होता है, संपत्ति की प्राप्ति करता है और अच्छे घरीले सुख का आनंद लेता है। वह निजी जीवन को स्थायीता और सुख-शांति से भर देता है।

सूर्य प्रभाव – पंचम भाव / पाँचवाँ भाव

पांचवे भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के शिक्षा, ज्ञान, करियर और उच्चतम शिक्षा पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत है, तो व्यक्ति ज्ञानार्जन में सफल होता है, उच्चतम शिक्षा प्राप्त करता है और सरकारी या प्रशासनिक क्षेत्र में स्थान प्राप्त करता है। वह प्रभावशाली और सम्मानित होता है और अपने करियर में ऊर्जावान रहता है।

सूर्य प्रभाव – छठे भाव / षष्ठम भाव

छठे भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के संघटनात्मक क्षेत्र, रोमांच, यात्रा और सामाजिक जीवन पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत है, तो व्यक्ति सामाजिक संगठनों में नेतृत्व कौशल रखता है, यात्रा में सफल होता है और सामाजिक मंचों पर प्रतिष्ठित होता है। वह संगठन के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है और रोमांच का आनंद लेता है।

सूर्य प्रभाव – सप्तम भाव / सातवाँ भाव

सूर्य ग्रह यदि सप्तम भाव में स्थित होता है, तो व्यक्ति के साथी और विवाहित जीवन पर प्रभाव डालता है। इस योग से व्यक्ति पत्नी के साथ अच्छे संबंध रखता है, पारिवारिक सुख का आनंद लेता है और साथी के साथ संयुक्त निर्णय लेने में सक्षम होता है।

सूर्य प्रभाव – अष्टम भाव / आठवाँ भाव

अष्टम भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के उत्तराधिकारी, रहस्यों, जीवन-मृत्यु के विषयों और आयु पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत होता है, तो व्यक्ति शक्तिशाली होता है, आयु में लम्बी अवधि रहती है और उन्नति और पुनर्जन्म के सिद्धांतों को समझता है। यहां सूर्य का प्रभाव विपरीत रूप में भी हो सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में उत्पीड़न, परेशानी और आयु के सम्बन्ध में संकट हो सकता है।

सूर्य प्रभाव – नवम भाव / नौवाँ भाव

नवम भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के धर्म, धर्मीय अध्ययन, गुरुजन, यात्रा, दैवी विद्या और उच्चतम ज्ञान पर प्रभाव डालती है। सूर्य यदि नवम भाव में मजबूत होता है, तो व्यक्ति धार्मिक स्वभाव का होता है, धर्मीय अध्ययन में सफलता प्राप्त करता है, गुरुजन का आदर करता है और अध्यात्मिक जीवन में प्रगति करता है।

सूर्य प्रभाव – दशम भाव / दसवां भाव

दशम भाव में सूर्य की स्थिति व्यक्ति के करियर, सार्वजनिक प्रमुखता, उच्चतम स्थान, यश, सम्मान और व्यापार पर प्रभाव डालती है। सूर्य यदि दशम भाव में मजबूत होता है, तो व्यक्ति करियर में सफल होता है, व्यापार में उच्च स्थान प्राप्त करता है और सम्मानित होता है। उन्नति की प्राप्ति के साथ उन्हें यश और प्रतिष्ठा मिलती है।

सूर्य प्रभाव – एकादश भाव / ग्यारवा भाव

एकादश भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के आय, मित्रों, नेटवर्क, लाभ और सामाजिक अनुबंध पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य एकादश भाव में मजबूत होता है, तो व्यक्ति को आर्थिक सुख प्राप्त होता है, मित्रों के साथ मेल-जोल अच्छा रहता है और सामाजिक नेटवर्क के माध्यम से लाभ हासिल करता है।

सूर्य प्रभाव – द्वादश भाव / बारवा भाव

द्वादश भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति के व्यय, विमान, अस्पष्टता, अन्तर्दृष्टि और मोक्ष पर प्रभाव डालती है। यदि सूर्य यहां मजबूत होता है, तो व्यक्ति में धार्मिक आदर्शों का विकास होता है, सत्य के मार्ग पर चलता है और मोक्ष की प्राप्ति की चाह रखता है। इस भाव में सूर्य का प्रभाव स्पष्ट रूप से अस्पष्ट होता है, जिससे व्यक्ति की मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि में विचलन हो सकता है।

नोट- ये सूर्य का प्रभाव जातक के व्यक्तित्व, पेशेवर जीवन, सामाजिक स्थिति, आध्यात्मिक उन्नति और अन्य क्षेत्रों पर आधारित होता है। आपका जन्मकुंडली ज्योतिषीय विश्लेषण आपको अपने स्वयं के लिए विशेष ज्ञान और समझ प्रदान कर सकता है जिससे आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कार्यवाही कर सकते हैं।


ज्योतिष की 12 राशियों में सूर्य का प्रभाव

surya 12 raashi mein

सूर्य, जो ज्योतिष में आत्मा, प्राण, पहचान, सम्मान, प्रतिभा, और सत्ता का प्रतीक होता है, विभिन्न राशियों में विभिन्न प्रभाव डालता है।

हमारे द्वारा लिखे गए लेख सामान्य है कृपया व्यक्तिगत जानकारी के लिए ज्योतिष परामर्श आवश्यक होगा। यहाँ सूर्य के प्रभाव को 12 राशियों में बताया गया है। जो निम्नलिखित रूप में है-

सूर्य प्रभाव – मेष राशि (Aries) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति में साहसिकता, स्वतंत्रता और नेतृत्व की प्रवृत्ति होती है। वे स्वतंत्र विचारधारा रखते हैं और प्रगतिशील होते हैं।

सूर्य प्रभाव – वृषभ राशि (Taurus) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को धैर्य, स्थिरता और संवेदनशीलता की प्राप्ति होती है। वे सामरिक और सुरक्षापरायण होते हैं।

सूर्य प्रभाव – मिथुन राशि (Gemini) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति में बुद्धिमत्ता, संचार कौशल और ज्ञान की प्रवृत्ति होती है। वे अवधारणाशील और संचारशील होते हैं।

सूर्य प्रभाव – कर्क राशि (Cancer) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को परिवारप्रेम, भावुकता और सहानुभूति की प्राप्ति होती है। वे आदर्शवादी और संरक्षक होते हैं।

सूर्य प्रभाव – सिंह राशि (Leo) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को स्वाभिमान, अभिनय कौशल और नेतृत्व की प्रवृत्ति होती है। वे गर्वित और प्रभावशाली होते हैं।

सूर्य प्रभाव – कन्या राशि (Virgo) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को विवेक, स्वच्छता और विवेकशीलता की प्राप्ति होती है। वे विवेकपूर्ण और व्यवस्थापक होते हैं।

सूर्य प्रभाव – तुला राशि (Libra) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को संतुलन, सहयोग और समानता की प्राप्ति होती है। वे न्यायप्रिय और संवादशील होते हैं।

सूर्य प्रभाव – वृश्चिक राशि (Scorpio) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति में शक्ति, आत्मविश्वास और अंतर्दृष्टि की प्रवृत्ति होती है। वे साहसिक और गहराईवादी होते हैं।

सूर्य प्रभाव – धनु राशि (Sagittarius) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति में उदारता, ज्ञान की प्रवृत्ति और स्वतंत्रता की प्राप्ति होती है। वे अनुभवशील और आध्यात्मिक होते हैं।

सूर्य प्रभाव – मकर राशि (Capricorn) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को संघटितता, कठोरता और नियमितता की प्राप्ति होती है। वे दृढ़-संकल्पी और कर्मठ होते हैं।

सूर्य प्रभाव – कुंभ राशि (Aquarius) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति को समाजसेवा, अद्भुतता और नवाचार की प्राप्ति होती है। वे सामाजिकताप्रिय और आलोचनात्मक होते हैं।

सूर्य प्रभाव – मीन राशि (Pisces) 

सूर्य ग्रह के इस राशि में स्थित होने से व्यक्ति में संवेदनशीलता, सृजनशीलता और आध्यात्मिकता की प्रवृत्ति होती है। वे सहानुभूतिशील और सहज स्वभाव के होते हैं।


ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में सूर्य 

27 Nakshatra mein Surya ka Prabhav Fal

ज्योतिष शास्त्र में, 27 नक्षत्रों के आधार पर सूर्य ग्रह का भी विशेष महत्व होता है। सूर्य, ज्योतिष में प्राकृतिक ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है और इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा पड़ता है।

सूर्य का प्रभाव नक्षत्रों के माध्यम से भी व्यक्त होता है, और निम्नलिखित रूप से आपको इसके बारे में अधिक समझने में मदद मिल सकती है। 

अश्विनी नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Ashwini Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को स्वतंत्रता के साथ जीने का जीवन मिलता है। वे कार्यों में उत्साही और सक्रिय होते हैं।

भरणी नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Bharani Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को उच्च ऊर्जा और सामर्थ्य मिलता है। वे नेतृत्व की क्षमता रखते हैं और उच्चतम मानसिकता के धनी होते हैं।

कृत्तिका नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Krittika Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को धैर्य और निर्णायकता की आवश्यकता होती है। वे उच्च मोरल और नैतिक मूल्यों के साथ जीवन जीते हैं।

रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Rohini Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग खुशहाल और आकर्षक होते हैं। वे कला, संगीत, और सौंदर्य में माहिर होते हैं।

मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Mrigashira Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग क्रांतिकारी और आध्यात्मिक विचारधारा रखते हैं। वे संवेदनशील होते हैं और कला में सुझाव देने का काम करते हैं।

आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Ardra Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग विचारशील और उदार होते हैं। वे अनुकंपा, न्याय, और धर्म में विश्वास रखते हैं।

पुनर्वसु नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Punarvasu Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग परिवार के महत्व को समझते हैं। वे ज्ञानवान, निष्ठावान, और धर्मी होते हैं।

पुष्य नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Pushya Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग दानशील और योग्य होते हैं। वे श्रेष्ठ शिक्षा और संस्कृति में रुचि रखते हैं।

अश्लेषा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Ashlesha Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग मानसिक तनाव और विचारशक्ति में माहिर होते हैं। वे सामाजिक संघर्षों को दूर करने में सक्षम होते हैं।

मघा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Magha Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग गर्वभरे और प्रभावशाली होते हैं। वे स्वाधीनता, प्रभुत्व, और उच्चतम पद के लिए प्रयासरत होते हैं।

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Purva Phalguni Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग साहसिक और समर्पित होते हैं। वे सहजता से लोगों के साथ जुड़ते हैं और समाज सेवा के लिए काम करते हैं।

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Uttara Phalguni Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग मेधावी और उद्दीपक होते हैं। वे कर्मठ होते हैं और सामान्यतः सफलता प्राप्त करते हैं।

हस्त नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Hasta Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग कुशल और योग्यतापूर्ण होते हैं। वे कर्मठ और निपुण हस्तकला में होते हैं।

चित्रा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Chitra Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग सौंदर्य में माहिर होते हैं। वे कला, रंग-रूप, और यात्रा में रुचि रखते हैं।

स्वाति नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Swati Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग सहज और न्यायप्रिय होते हैं। वे शांति, संतुलन, और सामरिक क्षमता को महत्त्व देते हैं।

विशाखा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Vishaka Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग सामाजिक और प्रगतिशील होते हैं। वे सामान्य से कम होंगे।

अनुराधा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Anuradha Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग संगठनशील और समर्पित होते हैं। वे महत्वपूर्ण कार्यों में सक्रिय रहते हैं और लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

ज्येष्ठा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Jyeshtha Nakshatra )

सूर्य ग्रह के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग साहसी और प्रभावशाली होते हैं। वे नेतृत्व की क्षमता रखते हैं और समाज के लिए संघर्ष करते हैं।

मूल नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Moola Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग आध्यात्मिक और साहसिक होते हैं। वे ज्ञान की खोज करते हैं और आत्मा के मूल्यों को समझते हैं।

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Purva Ashadha Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग समर्पित और योग्यतापूर्ण होते हैं। वे उच्चतम स्तर की शिक्षा प्राप्त करते हैं और सामाजिक न्याय के पक्षधर होते हैं।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Uttara Ashadha Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग महानता और धार्मिकता की प्राप्ति करते हैं। वे लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयासरत होते हैं और सामाजिक रूप से महत्त्वपूर्ण कार्यों में सक्रिय होते हैं।

श्रवण नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Shravana Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग श्रद्धानपूर्ण और संगठित होते हैं। वे ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं और सामाजिक संघर्षों के समाधान में सक्षम होते हैं।

धनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Dhanishta Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग उद्यमी और समर्पित होते हैं। वे विजय प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं और नेतृत्व के क्षेत्र में सक्रिय होते हैं।

शतभिषा नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Satabhisha Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग अद्भुत और रहस्यमयी होते हैं। वे विचारशील होते हैं और अन्याय के खिलाफ लड़ाई करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Purva Bhadrapada Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग मानवता के हित में सेवा करने का संकल्प रखते हैं। वे न्यायप्रिय होते हैं और आध्यात्मिकता को महत्व देते हैं।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Uttara Bhadrapada Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग समाज सेवा के लिए समर्पित होते हैं। वे महान लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयासरत होते हैं और आध्यात्मिक साधना में रुचि रखते हैं।

रेवती नक्षत्र में सूर्य का प्रभाव / फल ( surya in Revati Nakshatra )

सूर्य के प्रभाव से इस नक्षत्र में जन्मे लोग दयालु और संयमित होते हैं। वे सामरिक क्षमता और मानवीय सम्बंधों के पक्षधर होते हैं और संघर्ष के बावजूद आगे बढ़ते हैं।


नीच सूर्य या कमजोर सूर्य का प्रभाव

जब जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, तो कुछ निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं। 

  1. कमजोर स्वास्थ्य: कमजोर सूर्य के कारण व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा और प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है। व्यक्ति आमतौर पर तंद्रापूर्ण हो सकता है और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकता है।
  2. कमजोर आत्मविश्वास: सूर्य आत्मविश्वास, स्वाभिमान, और नेतृत्व का प्रतीक है। कमजोर सूर्य के कारण व्यक्ति का आत्मविश्वास कम हो सकता है और वह अपनी क्षमताओं और प्रभाव को समझने में संकोच कर सकता है।
  3. प्रतिबंधित संघर्ष क्षेत्र: सूर्य व्यक्ति की इच्छाशक्ति, स्वतंत्रता, और साहस का प्रतीक है। कमजोर सूर्य के कारण व्यक्ति को संघर्ष करने और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए साहस और प्रयास में कमी महसूस हो सकती है।
  4. पीढ़ी का प्रभाव: कुंडली में कमजोर सूर्य के उपस्थिति में जन्मे व्यक्ति के परिवार और पीढ़ी पर भी प्रभाव पड़ सकता है। उन्हें अपने परिवार का सामर्थ्य और सम्मान का मामला में समर्थन और प्रभाव कम मिल सकता है।

यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो आपको इसे समझकर अपने क्षमताओं को विकसित करने और स्वास्थ्य और आत्मविश्वास को सुधारने के लिए उचित मार्गदर्शन और सहायता लेना चाहिए। आप प्राकृतिक उपाय जैसे योग, मेडिटेशन, प्राणायाम, और पौष्टिक आहार का सेवन करके भी सूर्य की ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं। अगर आपको अपनी कुंडली के बारे में विशेष जानकारी चाहिए, तो एक प्रशस्त कुंडली विश्लेषण के लिए एक विशेषज्ञ ज्योतिषी से संपर्क करना उपयुक्त होगा।


ज्योतिष में सूर्य को मजबूत कैसे बनाएँ

ज्योतिष में सूर्य को शक्तिशाली बनाने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं।

  1. सूर्य पूजा और मंत्र जाप: सूर्य को पूजन और मंत्र जाप करना, जैसे “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” आपके द्वारा सूर्य की ऊर्जा को बढ़ा सकता है और आपको उज्जवलता, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास और सफलता में सहायता कर सकता है।
  2. सूर्य की आराधना: रोजाना सूर्य की आराधना करना और सूर्य की ओर दिशा बदलना आपके आत्मिक और मानसिक स्थिति को सुधार सकता है। सूर्योदय के समय उठकर सूर्य को नमस्कार करना और ध्यान करना भी उपयोगी हो सकता है।
  3. सूर्य के रंग का उपयोग: सूर्य के रंग का उपयोग करना, जैसे सूर्य की किरणों का आभास करने वाले रंग जैसे पीला, नारंगी और सुनहरा आपके आसपास के माहौल में प्रयोग करना आपकी सूर्य की ऊर्जा को बढ़ा सकता है।
  4. रूद्राक्ष धारण करना: एकमुखी या द्विमुखी रूद्राक्ष का धारण करना, जो सूर्य की ऊर्जा का प्रतीक है, आपको सूर्य की शक्ति में सहायता कर सकता है।
  5. सूर्य के लिए दान करना: सूर्य के लिए दान करना, जैसे सूर्यदेव के मंदिरों में तेल, अर्घ्य, अदरक, गुड़, गेहूं आदि का दान करना उपयोगी हो सकता है।

यदि आप सूर्य को शक्तिशाली बनाने के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो एक प्रशिक्षित ज्योतिषी से संपर्क करना उपयुक्त होगा, जो आपको विवरणित मार्गदर्शन और उपाय प्रदान कर सकता है।