श्रवण नक्षत्र फल लाभ हानि उपाय विशेषताएँ। Shravana Nakshatra

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 श्रवण नक्षत्र । Shravana Naksha

श्रवण नक्षत्र shravana nakshtra

श्रवण नक्षत्र का राशि चक्र में 280 डिग्री 00 अंश से 293 डिग्री 00 अंश तक विस्तार वाला क्षेत्रफल होता है। श्रवण नक्षत्र को अरब मंजिल में ” अल सद अल धाबीह “, ग्रीक में ” अलटैर 20 ” और चीनी सियु मे ” नियु ” के नाम से जाना जाता है। श्रवण का मूल अर्थ सुनना होता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार श्रवण को श्राण कहा गया जिसका अर्थ लड़का होता है। श्रवण नक्षत्र के तीन तारे होते हैं। जो भगवान विष्णु के पद चिन्हों को प्रदर्शित करते हैं। 

श्रवण नक्षत्र के देवता विष्णु स्वामी ग्रह चन्द्र और राशि मकर जो 10 डिग्री 00 अंश से 32 डिग्री 20 अंश तक के विस्तार वाले क्षेत्रफल में होती है। आकाशीय पिंडों के अध्यन से यह 22 व चार संज्ञक नक्षत्र होता है। श्रवण नक्षत्र के 3 तारे होते हैं। जो भगवान विष्णु ने वामन अवतार मे तीन कदम जामीन मांगने के लिए चले थे तो उनके द्वारा चले गय कदमों के निशान को वैदिक पुराण तथा पौराणिक कथाओं में बताया गया है। जिन्हे श्रवण नक्षत्र के तीन तारे दर्शाते हैं। इसीलिए इस नक्षत्र को तीन पग का कारक कहा जाता है। 



जिन्हे भारतीय खगोल के अनुसार तीन तारों के समूह [ अलसेन, अल्टेर, तरज़ेड ] जो भगवान विष्णु के 3 पद चिन्हों के प्रतीक होते हैं। इसीलिए इसे ज्ञान का नक्षत्र कहा जाता है। यह शुभ, सात्विक, बुद्धि कारक, पुरुष नक्षत्र होता है। श्रवण नक्षत्र की जाति शूद्र, योनि वानर, योनि वैर छाग, देव गण, नाड़ी आदि होती है। श्रवण नक्षत्र को उत्तर दिशा का स्वामित्व प्राप्त है।




श्रवण नक्षत्र की कथा पौराणिक कहानी । Shravana Nakshatra mythological story 

श्रवण नक्षत्र के देवता विष्णु हैं। पौराणिक कथा के अनुसार इस ब्रह्मांड के रचयिता [ ब्रह्मा, विष्णु महेश ] में ब्रह्मांड को चलाने वाले भगवान विष्णु ही सबसे श्रेष्ठ हैं। जिन्हे चतुर्भुज के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु की चारो भुजाएँ जिसमें पहली भुजा में शंख जो ॐ को प्रदर्शित करता है, दूसरी में चक्र जो समय और काल को प्रदर्शित करता है, तीसरी में कमल जो सुंदरता को प्रदर्शित करता है और चौथे में गदा जो दण्ड और अधिकार को परदर्शित करता है। 

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ हैं जो वेदों को प्रदर्शित करते हैं। इनकी पूज्यनिय अर्धांगिनी लक्ष्मी जी जो धन और संपत्ति को प्रदर्शित करती है। भगवान विष्णु शेषनाग पर शयनावस्था मे विश्व निद्रा के कारक होते है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की खड्गासन मुद्रा हरी अवस्था यानि हरण या निवारण का कारक होती है।


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श्रवण नक्षत्र की विशेषताएँ । Swati Nakshatra Importance 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वस्तुओं का ज्ञान श्रवण से ही होता है। जिसके लिए इसे वेदों को सुनना [ श्रुति ] और उन्हे पहचानने से संबंधित माना गया है। इसीलिए इसे सुनने से संबंधित नक्षत्र भी कहा जाता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक का जीवन शुरुआत में परेशानी और दुखों के साथ गुजरता है। ये धार्मिक पुस्तकें तथा धर्म शास्त्रों को सुनना बेहद पसंद करते हैं। 

इस नक्षत्र में जातक उच्च कोटी का विद्वान, शास्त्रों का ज्ञाता, उच्च शिक्षा प्राप्तक, गाने-बजाने का शौकीन होने के कारण लोगों को सिखाने वाला, अच्छी खुशबू वाले सेंट [ इत्र ] और फूलों के शौकीन, स्त्रियों के स्नेह में डूबा रहने वाला होता है। इस नक्षत्र के जातक को कानूनी विवादों, लड़ाई-झगड़ों, झूठे वादे, पुरानी चीजों को खत्म करना, किसी बच्चे को गोद लेना ये सब इसके लिए नुकसानदायक होते हैं।


श्रवण नक्षत्र के नाम अक्षर । श्रवण नक्षत्र नामाक्षर

इस नक्षत्र के अनुसार जिस जातक का नाम आता है वह इस नक्षत्र के बताए गए गुण दोषों के समान होगा। श्रवण नक्षत्र के नामाक्षर कुछ इस प्रकार है- 

श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का नाम अक्षर – खी

श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का नाम अक्षर खू

श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का नाम अक्षर – खे

श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का नाम अक्षर – खो


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श्रवण नक्षत्र के उपाय । Shravana Nakshatra Remedy 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रवण नक्षत्र के देवता भगवान विष्णु है। जो इस दुनियाँ के पालन हार है। यदि जातक का जन्म नक्षत्र श्रवण है और वह पाप अथवा अशुभ स्थिति में हो तो जातक को इसके उपाय करने चाहिए जिनकी मदद से इसके अशुभ प्रभाव कम हो सकते हैं। श्रवण नक्षत्र के उपाय कुछ इस प्रकार हैं- 

  • भगवान विष्णु की पूजा अर्चना प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद करनी चाहिए इससे पाप प्रभाव कम होते है।
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ प्रतिदिन करने से श्रवण नक्षत्र की अशुभता दूर होती है और शुभ परिणाम मिलते हैं।
  • भगवान विष्णु जी के कई अवतार हुए हैं तो उनमें से किसी एक की आराधना करने से भी इस नक्षत्र के शुभ फलों में वृद्धि की जा सकती है। 
  • जातक अपने इष्टदेव की पूजा-आराधना से भी श्रवण नक्षत्र के अशुभ प्रभाव को खतम कर सकता है। 
  • जब चंद्रमा का गोचर श्रवण नक्षत्र में हो तब जातक भगवान विष्णु या उनके अवतारों का पूजन भजन करे तो इससे जातक को अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिल सकता है। 
  • श्रवण नक्षत्र के माह के शुरुआती 9 दिनों तक विष्णु पूजन विशेष लाभदायक साबित होता है।
  • नीले रंग के वस्त्र अथवा वस्तुओं का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करने से इसके पाप प्रभाव कम होते हैं और शुभता में वृद्धि होती है।
  • श्रीमद्भागवत गीता का प्रतिदिन पाठ करने से जातक सुखी व संपन्न होता है और इसके अशुभ प्रभावों को कम करता है। 

जातक यदि इन उपायों को नही कर सकता है तो उसके लिए वह श्रवण नक्षत्र के वैदिक मंत्र का जाप कर सकता है। जिसके लिए जातक को खीर व अपामार्ग की लकड़ी से होम करते हुए श्रवण नक्षत्र के वैदिक मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।  यदि होम करते हुए मंत्र करना संभव ना हो तब केवल वैदिक मंत्र का ही जाप 108 बार रोज करना चाहिए। जो कुछ इस प्रकार है-

श्रवण नक्षत्र का वैदिक मंत्र 

ऊँ विष्णोरराटमसि विष्णो: रनप्त्रेस्थो विष्णो: स्यूरसि विष्णोर्ध्र् वोsसि

वैष्णवमसि विष्णवेत्वा ।। ऊँ महाविष्णवे नम: ।। 


श्रवण नक्षत्र में जन्मे जातक । People Born In Shravana Nakshatra

बुद्धि, ज्ञान और विध्या की देवी सरस्वती का जन्म श्रवण नक्षत्र में हुआ था।

भगवान विष्णु के स्वरूप व्यंकटेश्वर का जन्म श्रवण नक्षत्र में हुआ था। 

बलराम और वामन अवतार का जन्म नक्षत्र श्रवण ह।


श्रवण नक्षत्र फलादेश । श्रवण नक्षत्र का फल । Shravana Nakshatra Prediction 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक ज्ञानी और उच्च स्तर के विद्वान होते है। जातक ज्ञानता की ओर बढ्ने वाला, लेखन का कार्य करने वाला, वैदिक मान्यता है की अच्छा श्रोता ही अच्छा वक्ता होता है। श्रवण नक्षत्र का स्वामी ग्रह चन्द्र ज्ञान की प्राप्ति का प्रतीक होता है। जहां भगवान विष्णु संसार के पालन करता है। वहीं राशि स्वामी शनि चलने का प्रतीक हैं। ये सभी गुण श्रवण नक्षत्र के जातक के अंदर होते हैं।

श्रवण नक्षत्र में जन्मा जातक संदेश देने वाला, अनेक भाषाओं का ज्ञाता, हिन्दू धर्म का विध्यार्थी, लोगों को सत मार्ग दिखने वाला, शिक्षा और ज्ञान को बढ़ाने के लिए इधर-उधर घूमने वाला, ऐतिहासिक चीजों के बारे में गहराई से खोज करने वाला, परंपरा के अनुसार कार्य करने वाला होता है। जातक को चलने में दिक्कत होती है जैसे लिगड़ा कर चलना या फिर झुककर चलता होगा। 

जातक गाने का शौकीन, धार्मिक ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त करने वाला, धर्म जुड़े साधू संतों का आदर सम्मान करने वाला होता है। जातक अच्छी महक वाले पदार्थों, इत्रों और फूलों को सबसे अधिक पसंद करने वाले होते हैं। जातक अपने दोस्तों और रिशतेदारों की मदद करने वाला, अच्छा और मधुर बोलने वाला, अच्छे गुणों से युक्त होता है। जातक के गुप्तांगो में मछली के आकार का निशान होता है। जीवन में मेहनत करके आगे बढ्ने वाले होते हैं।


श्रवण नक्षत्र के पुरुष जातक | Impact of Shravana Nakshatra on Male

श्रवण नक्षत्र के पुरुष जातक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले, मध्यम लंबाई वाले, इनके शरीर पर मस्सा, तिल या फिर अन्य प्रकार का पहचान चिन्ह होता है। जातक सच का साथ देने वाला, नेता नगरी में अच्छी पहचान वाला, ईमानदार, लोगों पर भरोशे के कारण धोखे का मुख देखने वाला, राजनीति में अच्छा कदम जमाने वाला, जरूरतमन्द की मदद करने वाला होता है। जातक अपनी शांति के लिए अकेले रहना पसंद करने वाला, गाली-गलौज देने वाला या सुनने वाला होता है।

जातक अपने जीवन में विश्व का सबसे बड़ा ज्ञानी बनने का प्रयास करने वाला, अध्यात्म से जुड़ा रहने वाला, एक से अधिक व्यापार करने वाला होता है। ये अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में कदम बढ़ाते हैं और अपने व्यापार में बृद्धि करने में भी सफल रहते हैं। श्रवण नक्षत्र के जातक तकनिकी, इंजीनियर, तेल, पेट्रोलियम पदार्थो से संबन्धित व्यवसाय में जल्द सफल होते हैं। ऐसे में कुछ जातक अपने व्यापार के लिए यात्राएं करने वाले होते है।

ये अपनी सेहत को लेकर परेशान रहने वाला तथा मानसिक संतुलन डग-मग होता है। जातक को अपने जीवन में सफल होने के लिए लगभग 30 साल की उम्र तक मेहनत करनी पड़ती है उसके बाद सफलता की ओर बढ्ने लगता है।  50 से 60 वर्ष की उम्र के बाद पूरी तरह सफलता प्राप्त करके जीवन सुखमय जीने वाला होता है। विवाह के बाद जीवन में आनंदित रहने वाला और पत्नी प्रेम में रत होता है। जातक की पत्नी अच्छे आचरण वाली, अच्छे गुणों से युक्त और आज्ञाकारी स्वभाव की होती है।


श्रवण नक्षत्र के स्त्री जातक | Impact of Shravana Nakshatra on Female

श्रवण नक्षत्र के स्त्री जातक लंबे कद वाली, कमजोर या दुबले शरीर वाली, लंबे मुखाकृति वाली, लंबे या बाहर निकले हुए दातों वाली, मनमोहक होती हैं। ये अपनी सुंदरता की किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करने वाली होती हैं। स्त्रियॉं अपने परिवार अथवा पति के साथ धार्मिक स्थलों पर घूमने वाली, झूठ बोलने वाली, अपनी चीजों का घमंड करने वाली, दिखावा करने वाली होती हैं। इस नक्षत्र की कुछ स्त्रियाँ चालाकी से धन कमाने वाली भी होती हैं। 

ये पूरी तरह कुशल और पारिवारिक सभी मामलों आगे रहने वाली होती हैं। विवाह के बाद पति से इनके संबंध अच्छे नही रहते हैं, ससुराल में कलेश मचाय रखने वाली, पति को छोडने या तलाक की धमकी देने वाली, अपनी जरूरतों को इतना बढ़ाने वाली होती हैं की इन्हे अपनी और अपने पति की इज्जत का ख्याल नही रहता है। ये अपने पति को पैर की जूती के समान रखने वाली होती हैं।


प्राचीन ऋषिमुनियों व आचार्यों के अनुसार श्रवण नक्षत्र | Shravana Nakshatra

श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाला जातक उच्च शिक्षा प्राप्तक, समाज में सम्मानित, महान और धन-दौलत से परिपूर्ण होता है। जातक अच्छी इच्छाशक्ति वाला होता है। ये समाज में अच्छी छवि बनाने के बाद अच्छा धन लाभ कमाने वाले होते है। —— वराहमिहिर

ये जातक अपने आपको दूसरों की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रखते हैं। इनकी पत्नी अच्छे और साफ दिल की होती हैं को कभी किसी गरीब की मदद के लिए माना नही करती हैं। ये धर्म के कार्यों में खुल कर दान-पुण्य करने वाले होते है। ये धार्मिक पुस्तकों अथवा धर्म से जुड़े संगीत सुनना बेहद पसंद करते हैं। ——– नारद

इस नक्षत्र के जातक किसी की ओर आकर्षित नही होते हैं लेकिन ये अपने ज्ञान से गुणवान जातक को समझने वाले होते हैं। ये समाज में सबसे अच्छा करने वाले, दान-पुण्य में आगे रहने वाले, साफ मन के, चालाक स्वभाव के, सेहत के लिए परेशान, शत्रुयों का नाश करने वाले होते हैं। ——  पराशर

चन्द्र

यदि इस नक्षत्र में चन्द्र हो तो जातक धन-दौलत से परिपूर्ण, गुणवान पत्नी वाला, मेहमानदारी करने वाला, शुद्ध और अच्छा भोजन करने वाला, उत्साहित, ज्ञान को बढ़ाने की इच्छा रखने वाला, संचार सूचक, अच्छी बात करने वाला, धैर्य न रखने वाला, पिता की संपत्ति पर नज़र रखने वाला, बाल्यावस्था में परेशानी का सामना करने वाला, दुखी होता है।

सूर्य

यदि सूर्य इस नक्षत्र में हो तो जातक सफलता प्राप्त करने वाला, अपने घर के लोगों से दुखी रहने वाला, राजनीति में अच्छा कदम जमाने वाला, कलेश मचाने वाला, संचार वाहक, अच्छी सेहत वाला, दूसरों की संपत्ति हड़पने वाला होता है। 

लग्न

यदि लग्न श्रवण नक्षत्र में हो तो जातक धर्म के रास्ते पर चलने वाला, आज्ञाकारी, कार्य-कुशल, अच्छे चरित्र वाला, समाज में प्रसिद्धि, जन्म भूमि से दूर रहने वाला, दान-पुण्य करने वाला, एक या दो संतानों वाला, परिवार से दूर रहने वाला होता है।


श्रवण नक्षत्र का चरण फल | Prediction of Shravana Nakshatra Charan pada 

प्रित्येक नक्षत्र में चार चरण होते हैं जिसमें एक चरण 3 अंश 20 कला का होता है। नवमांश की तरह होता है जिसका मतलब यह है की इससे नौवे भाग का फलीभूत मिलता है सभी चरणों में तीन ग्रहों का प्रभाव होता है जो इस प्रकार है – स्वाति नक्षत्र के देवता विष्णु, स्वामी ग्रह चन्द्र और राशि मकर।


श्रवण नक्षत्र का प्रथम चरण | Prediction of Shravana Nakshatra First Charan pad

श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी मंगल है। इस चरण मेंशनि, चन्द्र और मंगल का प्रभाव होता है। राशि मकर 10 डिग्री 00 अंश से 13 डिग्री 20 अंश तक होती है। नवमांश मेष ! यह चरण इच्छा, जीवन का निर्वाह और कार्य का प्रारम्भ का कारक होता है। इस चरण में जन्मे जातक के गाल व आंखें गोल, चौड़े मस्तक वाला, लंबे-लंबे हाथ वाला, कमजोर शरीर वाला, बोलने में परेशानी महसूस करने वाला [ हकलाना या तुतलाना ] होता है।

जातक स्थिर होकर कार्य करना पसंद करने वाला, बड़ा बनने की इच्छा रखने वाला, आत्म निर्भर, कुसंगत वाला, दुष्ट मित्रों की संगत करने वाला, विपरीत लिंग को बदलने वाला होता है। जातक जरूरतमन्द की मदद करने वाला, दयालु, धर्म के मार्ग पर चलने वाला, धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाला, कार्यों की शुरुआत से पहले पूजन करने वाला, समाज के कार्यों में योगदान देने वाला, धार्मिक कार्यों में सबसे आगे रहने वाला, परिवार से अधिक स्नेह करने वाला, विपरीत लिंग के जातक के साथ मजे लेने वाला, एक से अधिक संतान वाला, पुष्पप्रेमी, खुद को सजा सवार के रखने वाला होता है। इस नक्षत्र के जातक गुप्तांगों या फिर शल्य चिकित्सक हो सकता है।


श्रवण नक्षत्र का द्वितीय चरण | Prediction of Shravana Nakshatra Second Charan pad 

श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र है। इस चरण में शनि, चन्द्र और शुक्र का प्रभाव होता है। राशि मकर 13 डिग्री 20 अंश से 16 डिग्री 40 अंश तक होती है। नवमांश वृषभ ! यह चरण गुप्त चाल, नम्र होने का भाव, युक्ति, लंबे प्रयत्न का कारक होता है। इस चरण में जातक की नाक ऊंची, मोटे और बड़े पेट वाला, सावले रंग वाला, गोल और गठीले भुजा वाला, रूपवान, कार्यों की शुरुआत कर अंत तक न हटने वाला होता है। 

जातक वादे का पक्का, बुद्धिमान, गुप्त योजनाएँ बनाने वाला, अच्छा और आकर्षक बोलने वाला, पैसो के लिए किसी भी कार्य को करने वाला होता है।


श्रवण नक्षत्र का तृतीय चरण | Prediction of Shravana Nakshatra Third Charan pad

श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी बुध है। इस चरण मे शनि, चन्द्र और बुध का प्रभाव होता है राशि तुला 16 डिग्री 40 अंश से 20 डिग्री 00 अंश तक होती है। नवमांश मिथुन ! यह चरण झुकाव, वाहक और चालाकी का कारक होता है। इस चरण में जन्मे जातक नाजुक शरीर वाले, पतले होठों वाले, बड़ी-बड़ी दाढ़ी वाले, बड़े मस्तक वाले, कार्य-कुशल, अच्छा बोलने वाला, अपनी बातों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले और अच्छे कपड़े पहनने वाले होते हैं।

इस नक्षत्र के जातक के अंदर सभी प्रकार के गुणदोष पाय जाते हैं। ये लोगों को अच्छा रास्ता दिखाने वाले, शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करने वाला, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए देश-विदेश में घूमने वाला, एक से अधिक पुत्र संतति वाला होता है।


श्रवण नक्षत्र का चतुर्थ चरण | Prediction of Shravana Nakshatra Fourth Charan pad

श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी चंद्रमा है। इस चरण में शनि, चन्द्र और चन्द्र का प्रभाव होता है। राशि मकर 20 डिग्री 00 अंश से 23 डिग्री 20 अंश तक होती है। नवमांश कर्क ! यह चरण मन की भावनाओं को उत्पन्न करने, अधिक लोगों की संख्या [ भीड़ ], झुकाव और सहनभूति का कारक होता है। इस चरण का जातक सावले या काले रंग वाला, लंबे-चौड़े शरीर वाला लेकिन कोमल देह वाला होता है। 

जातक अच्छा बोलने वाला, निर्दयी, अच्छे आचरण वाला, संगठन को पसंद करने वाला, समाज का वातावरण सतुलित रखने वाला, अधिक बोलने वाला, किसी से न शर्माने वाला, धार्मिकता से जुड़े जातक का सम्मान करने वाला, अपनी वस्तुओं का घमंड करने वाला होता है।


श्रवण नक्षत्र को वैदिक ज्योतिष आचार्यों ने सूत्र रूप में बताया है लेकिन यह फलित में बहुत ज्यादा बदलाव हुआ है। 

यावनाचार्य

श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण में कल्याणकारी कार्यो की जिद करने वाला, द्वितीय चरण में अच्छे गुणों से युक्त, तृतीय चरण में धन-दौलत से परिपूर्ण, चतुर्थ चरण में गुणवान पत्नी वाला होता है। 

मानसागराचार्य 

श्रवण नक्षत्र के पहले चरण में स्त्रियों की संगत करने वाला, दूसरे चरण में देवताओं का अंश, तृतीय चरण में पुत्र रत्न प्राप्तक, चौथे चरण में महान होता है।


श्रवण नक्षत्र का चरण ग्रह फल | Shravana Nakshatra Prediction based on planets   

भारतीय ज्योतिष आचार्यों के मतानुसार सूर्य, बुध और शुक्र इन ग्रहों की पूरी तरह अवलोकन या चरण दृष्टि होती है, क्योंकि सूर्य ग्रह से बुध ग्रह 28 अंश और शुक्र 48 अंश से दूर नही जा सकता है।


सूर्य – Sun [ श्रवण नक्षत्र में सूर्य ] 

  • चन्द्र की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक स्त्रियों के कारण अपना धन बरवाद करने वाला जिसके कारण जीवन में दुखी रहने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि सूर्य पर हो तो पुरुष जातक दूसरों के कानूनी मामलो में पड़ कर अपना धन बरवाद करने वाला लेकिन कुछ मामलों में अच्छा धन लाभ कमाने वाला होगा। 
  •  गुरु की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक दयावान, उच्च स्तर का विद्वान, महान, समाज की सेवा में व्यस्त रहने वाला होगा। 
  • शनि की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक अपने दुश्मनों से बदला लिए बिना शांत न बैठने वाला, सरकार से अच्छा लाभ कमाने वाला होता है।

श्रवण नक्षत्र में सूर्य | When sun is in Shravana Nakshatra – Prediction

सूर्य का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक अच्छी सेहत वाला, गठीले शरीर वाला, अपने श्रेष्ठों से दुखी, समाज में अपमान सहने वाला, कार्य करने में गलतियाँ करने वाला, कार्यक्षेत्र में बदनामी सहने वाला, मानसिक तनाव वाला, पौराणिक बातों को न मानने वाला होता है। 

सूर्य का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक महान, धन-दौलत से परिपूर्ण, उच्च कोटी का विद्वान, दूसरों के धन को हड़पने वाला, अपनी ताकत से दूसरों को डराने वाला होता है। जातक की पत्नी दयालु होने के कारण दूसरों की मदद करने वाला होता है।

सूर्य का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक राजनीति में अच्छा कदम जमाने वाला, कूट नीतियों पर कार्य करने वाला, एक से अधिक भाषाओं का ज्ञाता, बुद्धिमान होने से दूसरों को ज्ञान देने वाला, पौराणिक या इतिहासिक चीजों की जानकारी लेने वाला, परंपरा के अनुसार चलने वाला होता है। 

सूर्य का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक विद्वान, शिक्षा प्रसार करने वाला, धर्म के कार्यों में तन मन धन सब लगाने वाला, प्राचीन अध्यायों को सुनने वाला, चालाक, इधर-उधर भटकने वाला, वैश्य स्त्रियों के साथ संबंध बनाने वाला, माता-पिता से मनमुटाव रखने वाला, परेशान होने वाला, गुप्त शत्रुओं से कष्ट पाने वाला होता है।


चन्द्र – Moon [ श्रवण नक्षत्र में चन्द्र ]

  • सूर्य की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक राजा के समान जीवन जीने वाला, अपनी ताकत व शक्तियों का उपयोग करने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक उच्च कोटी का विद्वान, साहस वाला होगा।
  • बुध की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक धन-दौलत से परिपूर्ण, उच्च स्तर का व्यापारी होगा।
  • गुरु की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक मंत्री या किसी मंत्री के समकक्ष रहने वाला होगा।
  • शुक्र की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक धन हानि, निर्धन व साधारण होगा।
  • शनि की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक जमीदार, धन-दौलत से परिपूर्ण होगी।          

श्रवण नक्षत्र में चन्द्र | When Moon is in Shravana Nakshatra – Prediction

चन्द्र का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक की सेहत में उतार-चढ़ाव, ये अपनी जवानी में ही बूढ़े होने लगते हैं। जातक अच्छी बाते करने वाला लेकिन अधिक देर तक घुसपूस करने वाला, धैर्य न करने वाला, अपने प्यार को पाने के लिए सब करने वाला लेकिन असफल होता है।

चन्द्र का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक श्रेष्ठ, समाज में सम्मानित, उच्च स्तर का विद्वान, धन-दौलत से परिपूर्ण, शास्त्रों का ज्ञाता, बड़े दिल वाला, चालक, कहने और सुनने वाला होता है। यदि यह चरण लग्न हो और शुक्र से मिलन हो तो जातक की माता या फिर वैश्यावृत्ती होगी।     

चन्द्र का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक अपनी बातों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, बोलने में माहिर, काव्यात्मक शैली में बात करने वाला, पौराणिक कहानियों को सुनने वाला, प्राचीन ग्रन्थों की जानकारी लेने वाला होता है।

चन्द्र का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक समाज में प्रसिद्ध, साफ हृदय वाली पत्नी वाला, मेहमानों का सम्मान करने वाला, अच्छे आहार वाले भोजन करने वाला, अच्छा बोलने और सुनने वाला, ज्ञान देने वाला, लोगों को अच्छे ,मार्ग के लिए सूचित करने वाला, माता-पिता की संपत्ति पर नज़र रखने वाला, बचपन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


मंगल – Mars [ श्रवण नक्षत्र में मंगल ]

  • सूर्य की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक सावले रंग वाला, सुखी जीवन यापन करने वाला होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक माता का सुख पाने की इच्छा रखने वाला, पक्के दोस्तों वाला, धन-दौलत से परिपूर्ण होगा।
  • बुध की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक आकर्षक मधुर वाणी वाला, यात्राओं का शौकीन, अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी करने के लिए झूठ बोलने वाला, ताकतवर होगा।
  • गुरु की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक लंबी उम्र जीने वाला, अपने माता-पिता की सेवा करने वाला, गुणवान, शासन के निकट कार्य करने वाला होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक भाग्यवान, अपनी इच्छा अनुसार अलग-अलग स्त्रियों के साथ संभोग क्रिया करने वाला परंतु गुस्सेबाज़ और झगड़ा करने वाला होगा।
  • शनि की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक विद्वान, समाज में प्रसिद्ध, स्त्रियों से नफरत करने वाला, सरकारी विभाग में कार्यरत या फीर सरकार से धन लाभ प्राप्त करने वाला होगा।   

श्रवण नक्षत्र में मंगल | When Mars is in Swati Nakshatra – Prediction

मंगल का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक बकबक करने वाला, कड़वा बोलने वाला, लालची, स्त्रियों के साथ रहना पसंद करने वाला, स्त्री स्नेह में रत रहने वाला होता है। जातक अपने अनुसार कार्य करने वाला होता है फिर चाहे उससे कोई कुछ भी कहे।

मंगल का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक समाज में श्रेष्ठ, समूह में सबसे तेज बोलने वाला, अच्छा बोलने से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, जातक की पत्नी अच्छे आचरण वाली होती है। प्राचीन कथाओं को सुनने और पढ़ने वाला, धर्म से जुड़ी बातों को ध्यान से सुनने वाला होता है। 

मंगल का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक बुद्धिमान, अपने से बड़ों का आदर करने वाला, धार्मिक कार्यों में तक मन धन से कार्य करने वाला, दूसरों की मदद करने वाला, जरूरतमन्द के साथ खड़ा रहने वाला होता है।

मंगल का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक रूपवान, सुख भोगने वाला, धन कमाने वाला, पौराणिक कथाओं को सुनने वाला, धर्म को मानने वाला, एतिहासिक चीजों को विस्तारपूर्वक सुनने वाला, जातक एक सफल और उच्च स्तर का डॉक्टर होता है।


बुध – Mercury [ श्रवण नक्षत्र में बुध ] 

  • चन्द्र की दृष्टि बुध पर हो तो जातक किसी के सामने बोलने से हिचकिचाने वाला तथा डरने वाला, जलीय वस्तुओं से जीवन यापन करने वाला होगा।
  • मंगल की दृष्टि बुध पर हो तो जातक धन-दौलत से सम्पन्न, धन के लिए किसी भी हद तक गिरने वाला, किसी पर दया न करने वाला होगा। 
  • गुरु की दृष्टि बुध पर हो तो जातक गांव अथवा किसी समूह का मुखिया और संस्था का निर्माता होगा।
  • शनि की दृष्टि बुध पर हो तो जातक दया न करने वाला, गलत कार्य करने वाला, धन के लिए परेशान रहने वाला, दुखद जीवन यापन करने वाला होगा।  

श्रवण नक्षत्र में बुध | When Mercury is in Shravana Nakshatra – Prediction

बुध का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक अधिक बोलने वाला, फालतू की बकबक करने वाला, अनियंत्रित रहने वाला, अपनी जाति के लोगों में सबसे आगे रहने वाला, धर्म के कार्यों से विरत, दान-पुण्य करने में विश्वास न करने वाला, चालबाजी से लोगों का उपयोग करने वाला होता है। 

बुध का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक धन-दौलत से पूर्ण, अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति करने वाला, अच्छा बोलने वाला जिसके कारण लोगों को आकर्षित करने वाला, शास्त्रों का ज्ञाता, पढ़ने और पढ़ाने वाला, धर्म से जुड़ा, धार्मिक कथा वाचक होता है।

बुध का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक समाज में प्रसिद्ध, अपने परिवार में सबसे ऊंचे स्तर पर पाहुचने वाला, उन्नतिवान, वेदों को पढ़ने वाला, लोगों को अच्छा मार्ग दिखाने वाला, सामवेदी ऋत्विक् [ प्रस्तावक ], प्राचीन वस्तुओं के बारे में बारीकी से जानने वाला होता है।

बुध का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल 

इस चरण में जातक सुंदर मुखाकृति वाला, मनमोहक, दयावान, जरूरतमन्द की मदद करने वाला, सुशील और गुणवान पत्नी वाला, प्राचीन से जुड़ी कथाओं को सुनने वाला, पुस्तकों को पढ़ने वाला, सतर्क रहने वाला, धार्मिक कार्यों में सबसे आगे रहने वाला, दान-पुण्य करने वाला होता है।


गुरु – Jupiter [ श्रवण नक्षत्र में गुरु ]

  • सूर्य की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक मनमोहक, प्रभावशाली वक्ता, समाज में लोगों की मदद और सेवा करने वाला होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक समाज में सम्मानित, उच्च स्तर का नेता होगा।
  • मंगल की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक विश्वास करने योग्य, धन कमाने के लिए किसी भी कार्य को करने वाला होगा। 
  • बुध की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक स्त्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, धर्म के मार्ग पर चलने वाला, शांत स्वभाव वाला होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक अपने जीवन में सभी गुण भोगने वाला, नेता या मंत्री के समकक्ष रहने वाला होगा। 
  • शनि की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक अपने जीवन में सब कुछ कर पाने में सक्षम होगा।  

श्रवण नक्षत्र में गुरु | When Jupiter is in Shravana Nakshatra – Prediction 

गुरु का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक दूसरी स्त्रियों के साथ संभोग करना बेहद पसंद करने वाला, धर्म के विरुद्ध रहने वाला, निर्दयी, असहाय की मदद न करने वाला, लोगो को गलत रास्ते पर ले जाने वाला होता है।

गुरु का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल  

इस चरण में जातक समाज में प्रचलित, अपनी बातों से लोगों को एकत्रित करने वाला, सेहत के मामले में अच्छा रहने वाला, जातक के विचार नौजवान की तरह लेकिन शरीर के हिसाब से बुड़ा दिखने वाला होता है।

गुरु का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक रूपवान, आकर्षक पूर्ण बाते करने वाला, दूसरों के मन को पढ़ने वाला, दूसरों के साथ तभी जाने वाला जब वह उन्हे अच्छी तरह समझ लेता है। जातक धन-दौलत से पूर्ण, धर्म के कार्यों में अपना योगदान देने वाला होता है। 

गुरु का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल 

इस चरण में जातक आकर्षक स्वभाव वाला, अपने बड़ो की बात मानने वाला, जीवन में उन्नति करने वाला, अच्छा भाषण देने वाला, धार्मिक स्थलों में शारीरिक तथा आर्थिक मदद करने वाला होता है। जातक की पत्नी इज्जतदार, अच्छे चरित्र वाली और गुणवान होती हैं।


शुक्र – Venus [ श्रवण नक्षत्र में शुक्र ]

  • चन्द्र की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक मनमोहक, मुस्कुराते रहने वाला, खुशदिल होगा।  
  • मंगल की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक धन से संबन्धित परेशानियों से घिरे होने के साथ-साथ मानसिक तनाव का शिकारी भी होगा। 
  • गुरु की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक गाने-बजाने का शौकीन, धन-दौलत से सम्पन्न और सर्व सुख भोगने वाला होगा। 
  • शनि की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक भाग्य से तेज, अपने कार्यों से मतलब रखने वाला होगा। 

श्रवण नक्षत्र में शुक्र | When Venus is in Shravana Nakshatra – Prediction

शुक्र का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक अपने स्वभाव से लोगों का दिल जीतने वाला किन्तु लंबाई में छोटा, आँख बंद करके भरोषा करने के कारण नुकसान सहने वाला, स्त्रियों के साथ संभोग क्रिया में डूबा रहने वाला, शत्रुओं का नाश करने वाला, बड़ा बनने की इच्छा रखने वाला, परिस्थितियों के अनुसार कार्य करने वाला होता है। 

शुक्र का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक कार्य-कुशल, अच्छी सेहत वाला, लोगों को सत मार्ग दिखाने वाला, यात्राएं करने वाला, धार्मिक ग्रन्थों को पढ़ने का शौकीन, सुगंधित वस्तुओं [ इत्र ] को पसंद करने वाला होता है। 40 से 45 वर्ष की आयु में बड़ी हानि का सामना करने वाला होता है। 

शुक्र का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक दयालु, अच्छे स्तर का विद्वान, धन-दौलत आदि से परिपूर्ण, सतमार्ग दिखाने वाला, अधीन सुनने की शक्ति वाला, परंपरा के अनुसार कार्य करने वाला, अच्छा वक्ता होता है।

शुक्र का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक आकर्षक शरीर वाला, धन सम्पदा से सर्व सुख प्राप्त करने वाला, महान, दयावान, उपदेश देने वाला, ज्ञान की तलाश में इधर-उधर भटकने वाला, बड़ा बनने की इच्छा रखने वाला लेकिन नियमानुसार कार्य न करने वाला होता है। जातक की पत्नी सुंदर और अच्छे गुणों से युक्त होती है।


शनि – Saturn [ श्रवण नक्षत्र में शनि ]

  • सूर्य की दृष्टि शनि पर हो तो जातक गरीब, धनहीन, दूसरों की पत्नी की अपेक्षा जातक की पत्नी कम सुंदर होगी।
  • चन्द्र की दृष्टि शनि पर हो तो जातक एक से अधिक नामों से जाना जाने वाला, माता-पिता की सेवा न करने वाला लेकिन अच्छे चरित्र वाला होगा।
  • मंगल की दृष्टि शनि पर हो तो जातक दूसरों से अलग कार्य करने वाला, शारीरिक कष्ट सहने वाला होगा।  
  • बुध की दृष्टि शनि पर हो तो जातक दयावान, धनवान, समाज और शासन से लाभ प्राप्तक होगा। 
  • गुरु की दृष्टि शनि पर हो तो जातक राज्य अथवा केंद्र सरकार मे मंत्री पद पर, नियमों का पालन करने वाला होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि शनि पर हो तो जातक स्त्रियों का साथ पाने की इच्छा रखने वाला, आकर्षक शरीर और स्वभाव वाला होगा।

श्रवण नक्षत्र में शनि | When Saturn is in Shravana Nakshatra – Prediction

शनि का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक दुबले-पतले शरीर वाला, विद्वान परंतु स्वार्थ के लिए कार्य करने वाला, धनवान लेकिन कंजूस, घमंडभरी चाल में चलने वाला, गंदी बाते करने वाला, गुप्तांगों पर विशेष निशान वाला होता है। ससुराल पक्ष से बिना मागे काफी धन मिलेगा उसके बाद भी अपनी मांग रखने वाला होगा।

शनि का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल 

इस चरण में जातक बुद्दिमान, अपने आपको काबू में रखने वाला, न बुरा कहने वाला और न ही बुरा सुनने वाला, धैर्यवान, एहसानमंद होता है। जातक विदेश में घूमने वाला, वैवाहिक जीवन में सुख भोगने वाले होते हैं। 

शनि का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक अपने काम से प्रचलित, जीवन में उन्नति करने वाला, गायक, गाने-बजाने का शौकीन, लोगों की मदद करने वाला, मन में शंका रखने वाला, माता-पिता पर भरोषा न करने के कारण इधर-उधर भटकने वाला होता है। 

शनि का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल 

इस चरण में जातक अधिक कमजोर शरीर वाला, गाने-बजाने में माहिर, अच्छे स्तर का कथा वाचक, पढ़ने और सुनने वाला, जीवन कथा को लिखने वाला, अपने काम से काम रखने वाला, कम बोलने वाला होता है।


श्रवण नक्षत्र में राहु | When Rahu is in Shravana Nakshatra – Prediction

राहु का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक कम उम्र जीने वाला, कमजोर शरीर वाला, शारीरिक अंग में समस्या के कारण चलने में परेशानी का सामना करने वाला, अपने मतलब के लिए जीने वाला, शास्त्रों को न सुनने वाला होता है। 

राहु का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक शांत स्वभाव वाला, धैर्यवान, दयालु, अच्छी और गुणवान पत्नी वाला, मेहनत करने के बाद भी फल न मिलने के कारण दुखी होता है। 

राहु का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक बुद्धिमान, दुश्मनों से घिरा रहने के बाद भी निडर होकर सुखमय जीवन व्यतीत करने वाला होता है।

राहु का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक बराबर जबाब देने वाला, अच्छे व्यवहार वाला लेकिन बेईमान, स्वार्थ के लिए कार्य को अंजाम देने वाला, परेशान रहने वाला होता है।


श्रवण नक्षत्र में केतु | When Ketu is in Shravana Nakshatra – Prediction

केतु का श्रवण नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक धन दौलत से पूर्ण, संतान सुख प्राप्तक होता है। 

केतु का श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक एक से अधिक पुत्री के कारण परेशान और दुखी रहने वाला, अधिक संताने करने के बाद पछताने वाला होता है।

केतु का श्रवण नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक की पत्नी समस्याओं का कारण होगी जिसके कारण जातक अपने जीवन में परेशानियों से घिरा रहने वाला और उन्नति में रुकावटों का सामना करने वाला होता है। 

केतु का श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल 

इस चरण में जातक रोगों से ग्रसित, जीवन में संकटों से उलझा हुआ होता है। जातक को अपनी संतान और पत्नी से जीवन का खतरा रहता है। 


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