उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र फल लाभ हानि विशेषताएँ। Uttara Phalguni Nakshatra

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उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र । Uttara Phalguni Nakshatra

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का राशि चक्र में 146 डिग्री 40 अंश से 160 डिग्री 00 अंश तक क्षेत्रफल होता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को अरब मंजिल में ” अल सरफ़ाह “, ग्रीक में ” डेनेबोला “, चीन सियु में ” येन ” कहा जाता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के दो तारे होते हैं जिससे पलंग के दो पायो की आकृति बनकर तैयार होती है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के अधिष्ठाता 12 आदित्यों में से एक आर्यमान हैं। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता अर्यमा, स्वामी ग्रह सूर्य और राशि सिंह 26 डिग्री 40 अंश से कन्या 10 डिग्री 00 अंश तक होती है। भारतीय आकाशीय पिंडों के आधार पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को 12 वा ध्रुव संज्ञक नक्षत्र होता है। यह शुभ विघ्या दाता और राजसिक स्त्री नक्षत्र है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की जाति क्षत्रिय, योनि गौ, योनि वैर व्याघ्र, गण मनुष्य और नाड़ी मध्य होती है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को पूर्व दिशा का स्वामित्व प्राप्त है।




उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की कथा पौराणिक कहानी । Uttara Phalguni Nakshatra mythological story  

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष शस्त्र में पौराणिक कथा के अनुसार माता अदिति से 12 आदित्यों का जन्म हुआ जिसमें से देवता अर्यमा को दूसरा आदित्य बताया गया है। जिन्हे हिफाजत, मदद, कृपा और प्रेम के देवता कहा जाता है। इन्हे वैदिक महीनो में माधव और चन्द्र महीने में मास कहा जाता है। ये सिद्ध शिव, यश अथवा, गन्धर्व नारद [ एक देवता जो स्वर्ग में गाने-बजाने का कार्य करते हैं ], अप्सरा पूजिकास्थली, रक्षा प्रहेती नाग कच्चनिर है। इन्हे पितरों का स्वामी भी कहा जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने  भागवत गीता के 10 वे अध्याय के 29 वे श्लोक में कहा है की ” मे पिटरो मे अर्यमा हूँ ” जिसके कारण इन्हे आर्यों की रक्षा करने वाला मानने में शंका पैदा होती है। 


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उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र की विशेषताएँ । Uttara Phalguni Nakshatra Importance

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को उत्तरांचल की लालिमा कहा जाता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में महाभारत के माहन योद्धा अर्जुन का जन्म हुआ था। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र विवाह अथवा विवाह की बात कहने अथवा विवाह के लिए प्रस्ताब ले जाने का कारक होता है। इस नक्षत्र में जातक यौन रहस्य, तंत्र, कानूनी अपराध और न्याय, दूसरों को संकट से मुक्त कराने और ईश्वर में विश्वास रखने वाले लोगों में लगाव रखते हैं। 


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के उपाय । Uttara Phalguni Nakshatra Remedy

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र जन्म नक्षत्र होकर पाप अथवा अशुभ प्रभाव में हो तो जातक को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसके अशुभ प्रभाव से जातक अपने जीवन में कई तरह की बाधाओं का सामना करता है। जिसके लिए जातक को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के उपाय करने की सलाह दी जाती है जो कुछ इस प्रकार है – 

  • उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। 
  • सूर्य देव की पूजा आराधना करने से इस नक्षत्र को बल प्राप्त होता है जिससे जातक के जीवन में अशुभ प्रभाव कम होते हैं। 
  • सुबह उठकर स्नान करने के बाद प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करना चाहिए। 
  • माँ दुर्गा या माँ काली की पूजा वंदना करनी चाहिए। 
  • उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के पाप प्रभाव को कम करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए इससे भी इस नक्षत्र को बल प्राप्त होता है। 
  • हरा, लाल, सफेद और सुनहरी चमक वाले रंगों के वस्त्रों का उपयोग किया जाए तो भी इस नक्षत्र की अशुद्धियाँ कम होती है। 
  • जिन रंगों को देखकर आपका मन अप्रसन्न होता है उन रंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए। 
  • अर्यमा देव की मूर्ति का रोज पूजन करना चाहिए जिससे आपको अच्छा प्रभाव देखने को मिलेंगे। 
  • यदि जातक अर्यमा देव की पूजा आराधना विधि विधान से करते हैं तो जातक को इस नक्षत्र के अशुभ प्रभाव कम करने में ज्यादा मदद मिलेगी। 

यदि जातक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को जल्दी और असरकारी मंत्र से करना चाहते हैं तो जातक को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के वैदिक मंत्र का जाप सच्चे मन से करना चाहिए। वैदिक मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करने से जातक को इस नक्षत्र के अशुभ प्रभाव कम करने में मदद मिलती है। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का वैदिक मंत्र   

ऊँ दैव्व्यावध्वर्यू आगत गूँ रथेन सूर्यत्वचा ।

मध्वायज्ञगूँ समजाथे तं प्रत्नथा यं वेनश्चित्रं देवानाम् ।।

ऊँ अर्यम्णे नम: ।।


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उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातक

महारथी अर्जुन महाभारत

सुभाष चन्द्र बोष संस्थापक आज़ाद हिन्द फौज

सोफिया लॉरेन मशहूर इटालियन सिने तरीका

एफ डी रूजवेल्ट 32 वे राष्टपति अमेरिका 

बी चर्चिल ब्रिट्रिस प्रधान मंत्री

जार्ज वाशिंगटन अमेरिका खोजकर्ता


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र फलादेश । उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का फल । Uttara Phalguni Nakshatra Prediction

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का फलादेश पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के समान होता है। परंतु इस नक्षत्र में सूर्य के कारण भिन्नता उत्पन्न हुई है। सूर्य के प्रभाव से यह नक्षत्र निर्दयी, भाग्यवान, तीव्र बुद्धि वाला और रोशनी वाला होता है। यह हिफाजत और मदद का नक्षत्र होता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र प्यार, शादी, विवाह, खुशी और महमानों का प्रतीक होता है। जातक संभोग अथवा यौन से जुड़े विचारों अथवा बातों की खोज करने और तंत्र-मंत्र की विध्या में अधिक लगाव रखता है।

जातक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, समाज में मुख्य समझा जाने वाला, कानून और सत्य के साथ रहने वाला, कष्टों का निवारण करने वाला, आत्मा और परमात्मा से लगाव रखने वाला, नियंत्रक और जरूरत से ज्यादा गुस्सा करने वाला होता है। जातक शादी के बाद खुश रहने वाला, अच्छे परिवार वाला, इंसानियत को मानने वाला, शादी में आने वाली रुकावटों अथवा दिक्कतों का हल निकालने के लिए दूसरों की मदद लेने वाला, कमजोर, साहस वाला, मधुर, जरूरतमन्द की सहायता करने वाला, युद्ध कला में माहिर, समाज में पसंद किया जाने वाला और अच्छा धन कमाने वाला होता है।   


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के पुरुष जातक । Impact of Uttara Phalguni Nakshatra on Male

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के पुरुष जातक सकारात्मक विचार और सोच वाले होते हैं। इस नक्षत्र के जातक रूपवान, मांसल देह, मोटे शरीर वाले, लंबी नाक वाला और अच्छी नस्ल का होता है। जातक की गर्दन में दाईं ओर मसा या तिल होता है। जातक भाग्यवान, सौभाग्यवान, सही मार्ग पर चलने वाला, पवित्र मन वाला, दयालु और ईमानदारी से कार्य करने वाला होता है। जातक गलत मार्ग अथवा उसके साथ न चलने वाले से परेशान रहता है। यदि इन्हे गुस्सा आ जाए तो फिर मानना और सम्झना किसी के बस की बात नही होती है। 

जातक अगर किसी से कठोर व्यवहार करता है तो इन्हे अफसोस होता है जिसके कारण ये बाद में प्रेम भी दर्शाते है। देवी के निकट रहने पर ये विश्वास पूर्ण होते हैं। जातक अपनी मर्जी से स्वतंत्र जीवन जीने वाला, समाज के हित में कार्य करते हुए लोगों के दिल में अच्छी जगह बनाकर अच्छा धन भी अर्जित करने की क्षमता रखते हैं। यदि किसी बात का वादा किया है तो उसे पूरा करने वाले, खुले आसमान में अच्छा महसूस करने के कारण लेखक के समान पंक्तिया लिखना पसंद करता है। जातक शिक्षा विभाग में कार्यरत, खोज करने वाला होता है। 

इस नक्षत्र में कुछ जातक गणित विषय के ज्ञाता, अच्छे ज्योतिषी, आकाशीय पिंडों से अध्यन करने वाले और कई जातक इंजीनियर भी होते है। ये अध्यापन कार्य करके अच्छा धन अर्जित करते हैं। जातक 30 से 32 वर्ष की उम्र तक जीवन में रुकावटों और परेशानियों का सामना करता है परंतु उसके बाद 30 से 40 वर्ष तक धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी करते हुए आगे बढ़ता है परंतु पूर्ण रूप से 60 साल की उम्र में स्थिर हो पाता है। परंतु जातक अगर चाहे तो वह 50 वर्ष की उम्र तक अच्छी सफलता प्राप्त कर सकता है। जातक का दाम्पत्य जीवन सुखमय और पारिवारिक जीवन शांति पूर्ण होता है।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्त्री जातक । Impact of Uttara Phalguni Nakshatra on Female

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्त्री जातक सुंदरता का दिखावट करने वाली, रूपवान, न ज्यादा लंबी और न ज्यादा छोटे कद वाली, सावले रंग वाली, कोमल और नाजुक शरीर वाली और कुछ ऐसी स्त्रियाँ जिनकी नाक लंबी और बड़ी होती है। शरीर में किसी ऐसी जगह पर निशान या मस्सा होगा जो साफ दिखाई देता है। पुरुष जातक के समान इस नक्षत्र की स्त्री जातक में सारी सकारात्मक्ता होती है। इनका जीवन खुशहाल, शांतिपूर्ण और चमकदार होता है।

इस नक्षत्र की स्त्रियाँ शांत स्वभाव वाली, नाजुक, कोमल देह, दयालु, महान, ईमानदार, सत्य का साथ देने वाली होती है। यदि इनके साथ कोई छल करता है तो ये बहुत गुस्सा और कठोर हो जाती हैं। ये पुरुष जातक के समान गलती करने के बाद भी अपनी गलती को स्वीकार नही करती हैं परंतु बाद में अफसोस मनाते हुए बुरा महसूस करती हैं। ये अच्छी ग्रहणी होती है परंतु अन्य सभी स्त्रियाँ इससे नफरत करने वाली होंगी। 

यदि इस नक्षत्र के पुरुष और स्त्री पति-पत्नी हो तो इनका जीवन बहुत साधारण और खुशहाल होता है।


प्राचीन ऋषिमुनियों व आचार्यों के अनुसार उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र । Uttara Phalguni Nakshatra

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातक सूर्य के समान तेज वाले, सबको अपनी ओर आकर्षित करने वाला, सबके दिलों पर राज करने वाला, अपने पैरों पर खड़ा होने वाल और अच्छा धन कमाने वाला होता है। जातक खुशहाल जीवन जीने वाला होता है। —– वरामिहिर

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातक अपने दुश्मनों को हराने वाले, कविताएं लिखने की क्षमता रखने वाले होते हैं। स्त्रियाँ जातक की ओर मोहित होती है और इसकी सुंदरता हो देख कर इसकी प्रसंसा करती हैं। जातक एक से आधी विषयों का ज्ञान प्राप्त करने वाला होता है। —– नारद

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातक अच्छा और प्रभावकारी व्यवहार रखने वाले, धैर्य के साथ कार्य करने वाले, समाज में अच्छी छवि बनाने वाले, उच्च पदीय अधिकारियों से अच्छे संबंध बनाए रखने वाले होते हैं —– जातकाभरण

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के जातक छोटे वाहनों को कम चलना पसंद करते हैं बड़े वाहनों की अपेक्षा, ये गाने-बजाने में माहिर और कलात्मक रूप से भी अच्छा प्रदर्शन करने वाले होते हैं। जातक बुद्धिमान होता है। — पराशर

चन्द्र

      उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्र हो तो जातक उन्नतिशील, स्थिर, समाज में सम्मान प्राप्त करने वाले, सुख-सुविधाओं वाले, विद्वान। खोजकर्ता, अच्छे व्यवहार वाला और स्वतंत्र रूप से जीना चाहते हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्र सहायता, दयालुता, मित्रता, लगन, पारिवारिकता, साहस और जीवन निरंतरता का कारक होता है।

सूर्य

      उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य हो तो जातक मानव को मानने वाला, पढ़ाई-लिखाई करने में आगे, खुद पर विश्वास रखने वाला, अहंकारी, अभिमान वाला, अकेले रहना पसंद करने वाला, कला क्षेत्र में रुचिवान होता है।

लग्न 

     उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लग्न हो तो जातक मनमोहक, अच्छा धन कमाने वाला, लोगों की मदद करने वाला, अहंकारी, बिजनेस व्यापार में सफल, खोज करने की शक्ति रखने वाला, शुशील और ईश्वर को मानने वाला होता है।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का चरण फल । Prediction of Uttara Phalguni Nakshatra Charan pada 

प्रित्येक नक्षत्र में चार चरण होते हैं जिसमें एक चरण 3 अंश 20 कला का होता है। नवमांश की तरह होता है जिसका मतलब यह है की इससे नौवे भाग का फलीभूत मिलता है सभी चरणों में तीन ग्रहों का प्रभाव होता है जो इस प्रकार है – देवता अर्यमा, स्वामी ग्रह सूर्य और राशि सिंह।  


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण । Prediction of Uttara Phalguni Nakshatra First Charan pad

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी गुरु है। इस चरण में सूर्य, सूर्य और गुरु का प्रभाव होता है। राशि सिंह 146 डिग्री 40 अंश से 150 डिग्री 00 अंश तक होती है। नवमांश धनु ! यह आचार, नियम, मशवरा, सौभाग्य, सांसरिक फैलाव का कारक होता है। इस चरण में जातक घोड़े के समान मुख वाला, मिट्टी के समान दिखने वाली गंदी आँखें, लंबे-लंबे हाथों वाला, मोटी-मोटी जांघों वाला, पतली कमर और दमा जैसे रोगों से ग्रसीत होता है।

इस चरण मे जातक धनवान, समाज में प्रसिद्ध, महान, सुख-सम्पन्न, परिवार वाला, शुभ कार्य करने वाला, अच्छे और साफ कपड़े पहनने वाला, लोगों को अपने काबू में रखने वाला और प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माता होता है। जातक अपने घर-परिवार से 21 से 35 वर्ष तक की उम्र तक बाहर रहता है लेकिन उसके बाद साथ रहने लगता है।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का द्वितीय चरण । Prediction of Uttara Phalguni Nakshatra Second Charan pad

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी शनि है। इस चरण में सूर्य, बुध और शनि का प्रभाव होता है। राशि कन्या 150 डिग्री 00 अंश से 153 डिग्री 20 अंश तक होती है। नवमांश मकर ! यह कार्यों के आयोजन अथवा सांसरिक सफलता का कारक होता है। इस चरण में जातक मोर के समान नयनों वाला, रूपवान, लंबे-चौड़े कद वाला, अच्छा बोलने वाला, दान-पुण्य करने वाला,धन-दौलत से परिपूर्ण और दूसरों की मदद के लिए सदैव तैयार रहने वाला होता है।

इस चरण में जातक अच्छे बुरे स्वभाव वाला, छोटी- से गलती में बड़ा नुकसान उठाने वाला, अधिक कन्या संतति वाला, ईमानदार और परमात्मा में पूर्ण विश्वास रखने वाला, खोज करने वाला, वातावरण में सकारात्मक और इच्छानुसार परिवर्तन की इच्छा रखने वाला, धनहीन और निर्दयी होता है। कई जातक इधर-उधर भटकने वाले, कृषि कार्यों में माहिर, गंदे चरित्र वाले चरित्रहीन होते है। इस चरण में पुरुष जातक अच्छा शिल्पकार, घमंड न करने वाला, गणित विषय का ज्ञाता, निरंतर प्रयास करने वाला, अपनी समझदारी और बुद्धि से धन कमाने वाला, जातक मध्यम वर्ग का धनवान होता है।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का तृतीय चरण । Prediction of Uttara Phalguni Nakshatra Third Charan pad

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी शनि है। इस चरण में सूर्य, बुध और शनि का प्रभाव होता है। राशि कन्या 153 डिग्री 20 अंश से 156 डिग्री 40 अंश तक होती है। नवमांश कुंभ ! यह ज्ञान, स्नेह, नौकरी या गुलामी, सामाजिक जबाबदारियों का कारक होता है। जातक गोल और भरे हुए चहरे वाला, सुंदर और पतली आँखों वाला, लंबा अथवा मोटे पेट वाला, मोटी-मोटी टांगों वाला, मधुर वाणी वाला, कोमल और नाजुक देह वाला, चालाक और किसी से न डरनेवाला होता है। 

इस चरण में जातक उपकार को न मानने वाला, झगड़े करने वाला, दिखावा करने वाला, साफ-दुथरा रहने वाला और अधिक ज्ञान को प्राप्त करने वाला होता है। जातक कन्या संतति वाला, भाई-बहनों के साथ झगड़ालू संबंध रखने वाला, चालाकी से कार्य करने वाला, लालच न करने वाला, धर्म के साहित्य को मानने वाला और धर्म के बारे में लिखने वाला होता है। जातक 35 से 40 वर्ष की उम्र के बाद लेखन कार्य में अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त करता है।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का चतुर्थ चरण । Prediction of Uttara Phalguni Nakshatra Fourth Charan pad

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी गुरु है। इस चरण में सूर्य, बुध और गुरु का प्रभाव होता है। राशि कन्या 156 डिग्री 40 अंश से 160 डिग्री 00 अंश तक होती है। नवमांश मीन ! यह ज्ञान, फैली हुई दृष्टि सीमा, आत्मा-परमात्मा को मानने वाला, सांसरिक सफलता का कारक होता है। इस चरण में जातक मोटी नाक वाला, गोरे और अच्छे पैरों वाला, गौरव वर्णी, बड़ी-बड़ी बाते करने वाला, साफ दिखाई देने पर संतुष्ट होने वाला होता है। 

जातक इस चरण मे सुख-सुविधाओं से युक्त, ज्ञान प्राप्तक, पंडित या विद्वान, पुत्र रत्न प्राप्त करने वाला, विनोदपूर्ण, उपकार न मानने वाला, गुनाह करने वाला, प्रभावित करने वाला, अच्छा धन कमाने वाला, लालच न करने वाला और मौका मिलने पर थोड़ा लाभ ले पाने वाला होता है।   


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को वैदिक ज्योतिष आचार्यों ने सूत्र रूप में बताया है लेकिन यह फलित में बहुत ज्यादा बदलाव हुआ है। 

यावनाचार्य- 

                  उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में जातक धर्म को मानने वाला, दूसरे चरण में राजा के समान राज करने वाला, तीसरे चरण में सफलता ग्रहण करने वाला और चौथे चरण में धर्म को मानने और ईश्वर पे विश्वास रखने वाला होता है। 

मानसागराचार्य –

                      उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जातक धनहीन, द्वितीय चरण मेंगरीब, तृतीय चरण में पुत्रहीन और चतुर्थ चरण में दुश्मनों के कारण परेशान होता है।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का चरण ग्रह फल | Uttara Phalguni Nakshatra Prediction based on planets   

भारतीय ज्योतिष आचार्यों के मतानुसार सूर्य, बुध और शुक्र इन ग्रहों की पूरी तरह अवलोकन या चरण दृष्टि होती है, क्योंकि सूर्य ग्रह से बुध ग्रह 28 अंश और शुक्र 48 अंश से दूर नही जा सकता है। 


सूर्य – Sun [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य ] 

  • चन्द्र की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक अपने रिशतेदारों से परेशान रहने वाला और जीवन-यापन करने के लिए विदेश रहने वाला होगा।  
  • मंगल की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक दुश्मनों की वझ से कार्यों में रुकावटों का सामना करने वाला और आलसी होगा। 
  •  गुरु की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक तंत्र-मंत्र की विध्या में निपुण, इधर-उधर घूमने वाला और परिवार से दुखी होगा।
  • शनि की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक झूठ बोलने वाला और स्त्रियों के कारण जीवन में परेशानियाँ महसूस करने वाला होगा। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य | When sun is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction 

सूर्य का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक अच्छे स्वभाव वाला, जरूरत से ज्यादा घमंड करने वाला, खुद पर विश्वास रखने वाला, पढ़ाई-लिखाई में अच्छा प्रदर्शन करते हुए आगे चलने वाला, सूर्य के समान तीव्र और सबके दिलों पर राज करने वाला होता है। 

सूर्य का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक लेखन का कार्य करने वाला, अपनी महानता से दुश्मनों का नाश करने वाला, अकेले रहना पसंद करने वाला, सही गलत की परख लगाने वाला, सच के साथ रहने वाला होता है। स्त्री जातक अपने पति से नफरत करने वाली या तो फिर वह उससे प्यार न करने वाली होती है।    

सूर्य का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक को द्वितीय चरण के समान गुण प्राप्त हैं। जातक सही बात को महत्वता देने वाला, रचनात्मक कार्यों में अपना समय व्यतीत करने वाला होता है लेकिन द्वितीय और तृतीय चरण में आचार्यों के मतानुसार सूर्य के अशुभ प्रभाव भी बताए हैं। 

सूर्य का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल 

इस चरण में जातक प्रथम चरण के समान गुण धर्म वाला होता है परंतु इस चरण में जातक सभी सुखो को भोगने वाला, धन-दौलत से परिपूर्ण, सांसरिक सुख का आनंद लेने वाला और किसी से उंच-नीच का भेदभाव न करने वाला होता है। 


चन्द्र – Moon [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्र ]

  • सूर्य की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक बारीक विषयों का ज्ञान रखने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक बुद्धिमान और अच्छे स्वभाव और व्यक्तित्व वाला होगा। 
  • बुध की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक सरकार की मदद से लाभ प्राप्त करने वाला होगा। 
  • गुरु की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक  शिक्षा विभाग में कार्यरत अथवा व्याख्याता होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक अपने जीवन में सुख भोगने वाला होगा। 
  • शनि की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक गरीब अथवा सामान्य वर्ग का धनवान होगा। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्र | When Moon is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

चन्द्र का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक लोगों के द्वारा पसंद किया जाने वाला, अहंकारी, समाज में सममान प्राप्त करने वाला, बुद्धिमान, मित्रता पूर्ण व्यवहार रखने वाला, अच्छे-अच्छे लोगों तक अपनी पहुँच रखने वाला, सभी प्रकार के सुख भोगने वाला होता है। जातक धन जिस प्रकार कमाता है उसी प्रकार गमाने वाला होता है।    

चन्द्र का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक मनमोहक, शांतिपूर्वक कार्य करने वाला, खोज करके अपनी समाज में अच्छी छवि बनाने वाला होता है। धर्म को मानने वाला, ये इधर-उधर घूमना पसंद करते हैं जिसके कारण इन्हे सभी जगहाओं का अच्छा ज्ञान होता है। जातक कन्या संतति वाला होता है।    

चन्द्र का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक न्याय और सत्य का साथ देने वाला, सट्टेबाजी अथवा नशे की लत वाला, कन्या संतति के कारण दुखी, आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परेशानियों का सामना करने वाला होता है। द्वितीय और तृतीय चरण के जातक समान गुणधर्म वाले होते हैं। 

चन्द्र का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक घमंड करने वाला, सच के साथ रहने वाला, झूठे लोगों से नफरत करने वाला,लोगों से अच्छा व्यवहार रखने वाला, अपराधियों को सजा दिलाने वाला होता है। चन्द्र अगर शनि के साथ मिलन करता है तो जातक की माता अथवा बहन की मृत्यु हो जाती है।    


मंगल – Mars [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मंगल ]

  • सूर्य की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक धन-दौलत से परिपूर्ण और पेड़-पौधे आदि से जुड़ा व्यापार करने वाला होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक कानूनी विभाग में कार्यरत, बाजारू और चरित्रहीन स्त्रियों के साथ रहने के कारण यौन रोगों से पीड़ित होता है।  
  • बुध की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक अच्छा ज्योतिषी और खुशहाल होगा। 
  • गुरु की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक लेखक या फिर अच्छा प्रकाशक होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक का विवाह जिसके साथ होगा वह उससे ज्यादा कमाएगा। 
  • शनि की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक की पत्नी संस्कारी होगी। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मंगल | When Mars is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

मंगल का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक साहस वाला, ताकतवर, लड़ाई-झगड़े करने वाला, अपने से विरोध में रहने वाले लोगों के पक्ष में रहने वाला, दुश्मनों को अपनी महानता से हराने वाला, धन हीन होता है। 

मंगल का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक दूसरों की बुराई करने वाला, दूसरों की कमियों पर उसकी हसी करने वाला, छोटी सी गलती पर बड़ी सजा देने वाला, राजा के समान लोगों के साथ अच्छे संबंध रखने वाला होता है। 

मंगल का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक द्वितीय चरण के समान होता है। इस चरण में जातक उच्च पदीय अधिकारियों से अच्छे संबंध बनाए रखने वाला होता है। इस चरण में स्त्री अथवा पुरुष जातक चिकित्सक, फरमासिस्ट या सर्जन बनने के आसार होते हैं परंतु इस लाइन में सफल होने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। 

मंगल का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक प्रथम चरण के समान गुणधर्म वाले होते है। इन्हे प्रथम चरण के हिसाब से ही सारे परिणाम प्राप्त होते हैं। जातक धनहीन लेकिन समस्याओं और हालातों को सहने वाला, इधर उधर भटकने वाला, गुस्सेबाज़ और जल्दबाज़ी में कार्य करने वाला होता है। 


बुध – Mercury [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में बुध ] 

  • चन्द्र की दृष्टि बुध पर हो तो जातक गांव या शहर का रखवाला, समाज में सम्मान प्राप्त करने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि बुध पर हो तो जातक साहस वाला लेकिन कठोर हृदय के कारण किसी पर दया न करने वाला होगा। 
  • गुरु की दृष्टि बुध पर हो तो जातक धनवान, उन्नतिशील, लेखक या दलाली करने वाला होगा। 
  • शनि की दृष्टि बुध पर हो तो जातक अच्छे स्वभाव और व्यवहार वाला, समाज में अचानक सबके मन में अच्छा बनने से सम्मान प्राप्त करने वाला होगा। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में बुध | When Mercury is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

बुध का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम व चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक अपने दम पर महल खड़े करने वाला, अच्छा धन कमाने वाला, एक से अधिक लाभ प्राप्त करने वाला, मौके का फाइदा उठाने वाला, अच्छी-अच्छी कविताएं लिखने वाला, किसी एक विषय का ज्ञाता, सरकारी किसी विभाग में कार्यरत, आकाशीय पिंडों का अध्यन करने वाला अथवा अच्छा ज्योतिषी होता है।  

बुध का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय व तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक धार्मिक गतिविधियों का उलंघन करने वाला, पूर्वजों की प्रथा को न मानने वाला, परंपराओं के विरुद्ध कार्य करने वाला, तेलीय पढ़ार्थों का व्यवसाय करने वाला, सच का साथ देने वाला, झूठे लोगों से बहुत दूर रहने वाला, सरकारी संस्था में वित्तीय अथवा लेखा अधिकारी, लोगों को प्रभावित करने वाला और विशेषताओं से युक्त होता है। 


गुरु – Jupiter [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गुरु ]

  • सूर्य की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक धनवान, संपत्तिवान और समाज में मान सम्मान प्राप्त करने वाला होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक गाव अथवा शहर का मुखिया और किसी सरकारी संस्था का अधिकारी होगा। 
  • मंगल की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक वाहन अथवा वायुयान का चालक होगा। 
  • बुध की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक अच्छा और उच्च कोटी का ज्योतिषी होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक धन-दौलत कमाने वाला परंतु धन-दौलत एकत्रित करने वाला होगा उसका उपयोग न कर पाने वाला होगा।  
  • शनि की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक सर्व सुखी, समाज में सबसे अलग पहचान बनाने वाला, शान-शौकत वाला, संपत्तिवान, जमीदार और वाहन आदि से परिपूर्ण होगा। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गुरु | When Jupiter is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

गुरु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम व चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक सर्व सुखी, समाज में सबसे अलग पहचाना जाने वाला, शान-शौकत वाला, संपत्तिवान, जमीदार और वाहन आदि से परिपूर्ण होगा। राजनीति में अच्छी पाहुच बनाने वाला, धैर्य के साथ कार्य करने वाला, युद्ध प्रेमी और शस्त्रों-अस्त्रों से पूर्ण होता है। जातक सरकारी अथवा प्राइवेट संस्था में किसी अच्छे पद का अधिकारी हो सकता है। अगर मंगल या शनि का मिलन हो और पुष्य लग्न में हो तथा राहु हस्त में हो तो जातक का भाई जुआरी और डाकू बदमाशों के साथ रहने वाला होगा।  

गुरु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय व तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक साहित्य कला प्रेमी, सट्टेबाज, कम दिमाग वाला, परेशानियों का सामना करने वाला, कमजोर आर्थिक स्थिति वाला और गलत कार्य करने की वजह से सजा काटने वाला होता है। अगर तृतीय चरण में लग्न हो तथा बुध का मिलन हो और श्रवण में मंगल , पुष्य में चन्द्र हो तो स्त्री जातक गरीब के घर पैदा होगी परंतु विवाह ऊंचे और अमीर खानदान में होगा।  


शुक्र – Venus [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में शुक्र ]

  • चन्द्र की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक विचार करने वाला परंतु दूसरों के सामने अपने विचार कहने में संकोच करता है जिसके कारण गलत और नासमझ समझा जाने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक सभी सुखों को भोगने वाला और सौभाग्यशाली होगा।  
  • गुरु की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला और उच्च कोटी का विद्वान होगा। 
  • शनि की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक एक से अधिक स्त्रियों के साथ संभोग करने वाला होगा जिसके कारण वह यौन रोगों से पीड़ित होगा। 

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में शुक्र | When Venus is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

शुक्र का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम व चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक सुंदर स्त्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, मनमोहक, अच्छा व्यवहार करने वाला, मधुर वाणी बोलने वाला, छोटो वाहनों की अपेक्षा बड़े वाहनों को अधिक महत्वता देने वाला, गाने-बजाने में शौकीन, ज्ञान प्राप्तक, जरूरतमंद की मदद करने वाला और दयालु होता है।   

शुक्र का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय व तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक परिवार के सुख के लिए परेशान रहने वाला, अपने जीवन में अच्छा नाम बनाने वाला, अधिक संपत्ति वाला नही होगा। बुरे लोगों के कारण दुखी होने वाला होता है। लेकिन अगर उत्तरा भाद्रपद में लग्न हो तो जातक अपनी पत्नी की गलती से समस्याओं का सामना करने वाला होता है। अगर मंगल से मिलन हो तो स्त्री जातक विधवा या फिर तलाक के बाद दूसरा विवाह करने वाला होगा। जातक स्त्रियों से यौन संबंध बनाने वाला होता है।


शनि – Saturn [ उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में शनि ]

  • सूर्य की दृष्टि शनि पर हो तो जातक पिता से संबंध अच्छे होंगे लेकिन पिता पक्ष से कोई मदद नही मिलेगी ज्सिके कारण परेशान होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि शनि पर हो तो जातक की विधवा बहन जातक के भरोषे रहने वाली होगी। 
  • मंगल की दृष्टि शनि पर हो तो जातक के पिता की संपत्ति में आपत्ति आ सकती है। 
  • बुध की दृष्टि शनि पर हो तो जातक उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाला, विज्ञान के क्षेत्र में अच्छे पद पर नियुक्त किया गया और दांपत्य जीवन में तनाव के कारण दुखी होगा। 
  • गुरु की दृष्टि शनि पर हो तो जातक सरकार की तरफ से लाभ प्राप्त करने वाला और सम्मान प्राप्त करने वाला होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि शनि पर हो तो जातक सोने-चाँदी का विक्रेता या फिर धातुओं का व्यापारी अथवा दलाल होगा।  

उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में शनि | When Saturn is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

शनि का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम व चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक अपनी मेहनत से और कठिन परिश्रम करके अच्छा पैसा कमाने वाला, अच्छे चाल चलन वाला, पढ़ाई-लिखाई करने वाला, सयंम के साथ कार्य करने वाला और जातक इधर-उधर शहर-शहर गांव-गांव घूमने वाला जिसके कारण जातक को सभी जगहों का ज्ञान होता है। यदि लग्न, राहु और चन्द्र उत्तरा भाद्रपद या केतु और मंगल हस्त नक्षत्र में हो तो जातक के जन्म पश्चात 7 वर्ष की उम्र के लगभग माता की मौत हो जाती है। यदि शुक्र रोहिणी नक्षत्र में हो तो जातक का भाई विदेश में रहने वाला और अच्छा धन कमाने वाला होता है।     

शनि का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय व तृतीय चरण का फल

इस चरण में पुरुष जातक काला जादू जैसी तंत्र-मंत्र विध्याओं को सीखने वाला और गुप्त विघाओं की खोज करने वाला होता है। इस चरण में स्त्री जातक का पति रोगों से पीड़ित रहने वाला होता है। अगर उत्तरा भाद्रपद में हो तो जातक सुंदर कन्या संतति वाला, परंतु पुत्री के बाल सफेद होने के कारण उसके रंग रूप और सुंदरता में बदलाव देखने को मिलेगा। जिसके कारण जातक की पुत्री का विवाह में रुकावटें पैदा हो सकती हैं।


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में राहु | When Rahu is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

राहु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक धन के लिए परेशान रहने वाला, निर्धन और बेईमानी करने वाला होता है। दूसरों का नुकसान करने वाला और दूसरों के पैसे और वस्तुओं की चोरी करने वाला होता है। जातक की मृत्यु किसी दुर्घटना में हो सकती है।  

राहु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक परम्पराओं के अनुसार कार्य करने वाला, बड़ा बनने की इच्छा रखने वाला और स्थिर होता है। जातक इस चरण में गलत कार्यों से पैसा कमाने वाला होता है।   

राहु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक के विवाह में कई प्रकार की रुकावटें आएंगी परंतु पूर्ण होगा। जातक आर्थिक परेशानी से घिरा हुआ और यौन रोगों से ग्रसित होता है।  

राहु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक धनहीन, चालाकी करने वाला, बेईमानी करने वाला होता है। जातक अपने मामा के लिए परेशानी का कारण बनेगा। दुर्घटना के कारण शरीर का कोई अंग नष्ट होता है।  


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में केतु | When Ketu is in Uttara Phalguni Nakshatra – Prediction

केतु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक अच्छी सेहत वाला, खुशहाली से रहने वाला, धन-दौलत से प्परिपूर्ण और सुखी वैवाहिक जीवन जीने वाला होता है। एक से अधिक संतान होंगी परंतु कन्याएँ। 

केतु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक लोगों से नफरत करने वाला, पत्नी पक्ष से अच्छा-खासा धन प्राप्त होगा परंतु जातक ज्यादा लंबी उम्र न जी पाने वाला होगा।  

केतु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक महान, बुद्धिमान, गुप्त विध्याओं का ज्ञाता, ज्योतिषी, आकाशीय पिंडों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की इच्छा रखने वाला होता है। जातक क्लर्क अथवा कप्यूटर से जुड़े कार्यों में कार्य करने वाला होता है।  

केतु का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक शासक में सेवा कार्य करने वाला, वाहन दुर्घटना के कारण बीमा कंपनी से घाटा होता है। 


उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र
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