मिथुन राशि का स्वभाव और व्यक्तित्व। Mithun Rashi Personality
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह होता है। ज्योतिष में बुध ग्रह को ज्ञान और मित्रता का कारक माना जाता है। मिथुन राशि के जातक अपने कार्यों में कुशल होते हैं। ये हमेशा सबसे बेहतर करने का प्रयास करते हैं। ये जिस कार्य को करने का संकल्प लेते है तो उसे करके ही छोडते हैं फिर चाहे धरती आसमान एक क्यों न हो जाए। ये समय के पाबंद होते हैं, क्योंकि ये जीतने समय का बोलते हैं उतने समय में सामने होते हैं।
इनकी एक खास बात होती है ये कभी भी जल्दबाज़ी नही करते और सावधानी पूर्वक निर्णय करते हैं। ये बहुत जल्द पैसे वाले बनने की इच्छा रखते हैं, जिसके कारण ये अपने कार्यों में जल्द से जल्द बेहतर परिणाम पाने की इच्छा भी रखते हैं। ये कई बार अधिक धन कमाने के लिए एक से अधिक कार्यों में भी खुद को व्यस्त कर लेते हैं। यदि इनके कार्यों में किसी के कारण कोई गड़बड़ होती है तो ये उससे बहुत जल्द लड़ने लगते हैं। वृषभ राशि के जातक ऊर्जा से परिपूर्ण, चतुराई से कार्य करने वाले, प्रगतिवान और शोधकर्ता होते हैं।
ये सदैव अपने हिसाब से कार्य करना पसंद करते हैं न की दूसरों के हिसाब से। ये ज़्यादातर बुद्धि का प्रयोग करके अपना जीवन यापन करना चाहते हैं। इस राशि के लोगों का व्यक्तित्व ऐसा होता है की ये अपनी बढ़ती उम्र के साथ भी खुद को कम उम्र और जवान समझते हैं। ये स्वतंत्रता पूर्ण विचार करने वाले होते हैं।
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मिथुन राशि के जातकों की खामियाँ। Mithun Rashi ki Kamiyan
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि मिथुन राशि की खामियाँ देखि जाए तो ये अपने कार्य के लिए लोगों से मधुर भाषा का उपयोग करते हैं। ये लोगों को लालच देके भी अपना काम करवाना जानते हैं। ये मानसिक और शारीरिक तौर पर ताकतवर होते हैं। ये दूसरों के सामने बड़े भोले बनते हैं और खुद की तारीफ करते रहते हैं। ये हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करते रहते हैं। ये कभी भी एक काम को सोच के संतुष्ट नही होते हैं क्योंकि इनका मन स्थिर नही रहता है।
ये लंबे समय तक और मेहनत वाले कार्यों को करने में बहुत जल्द इतराने लगते हैं जिससे ये उस काम को अधूरा भी छोड़ देते हैं। ये अपने विचार बदलते रहते हैं क्योंकि ये मन में सिर्फ एक काम नही अनेक काम सोचते रहते हैं। यदि इन्हे कोई काम दिया जाए तो ये उस काम को करने के लिए तैयार हो जाएंगे लेकिन कब इनका मूड बादल जाए किसी को नही पता होता है। इसलिए इनके ऊपर विश्वास बनाए रखना बहुत ज्यादा नुकसान दायक भी साबित होता है।
ये ज्ञान की बाते स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं लेकिन अगर इनके मतलब का काम नही है तो ये वहाँ जरा देर भी नही रुकते हैं। जब ये किसी एक चीज पे तिक जाते हैं तो इन्हें कोई उस चीज से दूर नही कर सकता है जब तक वह उनके मन के अनुसार नही पूरी हो जाती है। ये खुद के ऊपर जल्दी काबू नही कर पाते हैं, जिससे कभी-कभी इन्हें नुकसान हो जाता है।
मिथुन राशि का प्रेम जीवन। Mithun Rashi Love Life
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि के जातकों का प्रेम जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है। ये जिससे प्रेम करते हैं उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं फिर चाहे कितनी भी मुसीबतों का सामना क्यू न करना पड़े। ये अपने प्रेमी/प्रेमिका के साथ शारीरिक संबंध बनाने में कम और साथ बैठकर बाते करना ज्यादा पसंद करते हैं।
वैवाहिक जीवन में ये अपने जीवनसाथी को सबसे अधिक प्यार करने वालों में से एक होते हैं, जिसके कारण ये अपने जीवानसाथी को सभी सुखों का अनुभव कराने का प्रयास करते रहते हैं। ये अपने प्रिय के साथ प्रेम संबंध बनाने के लिए कभी-कभी बड़े उतावले हो जाते हैं। ये अपने प्रेमी/प्रेमिका के साथ जीवन भर साथ रहने का फैसला भी जल्द कर लेते हैं।
इनके साथ कभी-कभी प्रेमी/प्रेमिका के कारण धोखा भी हो जाता है। ये हमेशा अपने प्रिय से साफ मन से बात करना पसंद करते हैं। मिथुन राशि के लोगों के अंदर प्यार एक नया जुनून देखने को मिलता है, जो इनके प्रेम जीवन को मधुर बनाते हैं। ( मिथुन राशि की लव लाइफ )
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मिथुन राशि का स्वास्थ्य। Mithun Rashi Health
मिथुन राशि के जातकों का जीवन कई तरह की परेशानियों के साथ गुजरता है। इन्हे अक्सर घबराहट की शिकायत रहती है क्योंकि छोटी सी बात इनके मन में चुभन पैदा कर देती है। मिथुन राशि के लोगों को कभी-कभी क्षय रोग, सांस फूलना और रक्त की कमी होना आदि बीमारियों का भी सामना करना पड़ता जाता है।
मिथुन राशि के लोगों को बढ़ती उम्र के साथ कम सुनाई देने लगता है। ये ज्यादा मोटे नही होते हैं क्योंकि इनका कद छोटा होता है। चौड़े मस्तक वाले होते हैं। मिथुन राशि के लोगों को कभी-कभी अपने करीबी के कारण भी परेशान होना पड़ता है।
मिथुन राशि के उपाय। Mithun Rashi Upay । Gemini Remedy
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध है। अगर बुध ग्रह की स्थिति कुंडली में अशुभ है तो इससे संबंधित समस्याएं आ सकती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं।
- बुध यंत्र: बुध यंत्र की स्थापना और पूजन करना चाहिए। इससे बुध ग्रह की अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- दूर्वा और हरी मूंग: हर बुधवार को दूर्वा और हरी मूंग दान करना चाहिए।
- बुध मंत्र जाप: “ॐ बुधाय नमः” मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करना चाहिए।
- श्री विष्णु की पूजा: बुधवार को श्री विष्णु की पूजा करना चाहिए और विष्णु सहस्रनाम पाठ करना भी लाभकारी है।
- हरी वस्त्र: बुधवार को हरा रंग का वस्त्र पहनना और हरी सब्जियों का सेवन करना शुभ होता है।
- श्री गणेश पूजा: बुध ग्रह की शांति के लिए श्री गणेश की पूजा भी अत्यंत शुभ होती है।
- पन्ना रत्न: ज्योतिषी की सलाह पर पन्ना रत्न पहनना भी बुध ग्रह की शुभता को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- बेलपत्र दान: बुधवार को बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाना और फिर उसे किसी भी ब्राह्मण को दान में देना भी शुभ होता है।
- तुलसी पूजा: तुलसी की पूजा और तुलसी के पत्तों का सेवन करना भी बुध ग्रह की शुभता को बढ़ाने में मदद करता है।
- बुध धूप: मिथुन राशि के जातकों को अपने जीवन में होने वाली परेशानियों और दुष्प्रभावों से बचने के लिए बुध धूप का उपोग करना चाहिए। यह बुध धूप आपके राशि, नाम और कुंडली के अनुसार मंत्रबद्ध करने के पश्चात आपको दी जाती है। यह सामान्य बुध धूप की तुलना में बिलकुल अलग है।
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ये सभी उपाय केवल सुझाव के रूप में हैं। किसी भी उपाय को करने से पहले स्थानीय ज्योतिषी से सलाह जरूर लें।