पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र फल लाभ हानि उपाय विशेषताएँ । Purva Phalguni Nakshatra

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पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र । Purva Phalguni Nakshatra

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का राशि चक्र में 133 डिग्री 20 अंश से 146 डिग्री 40 अंश तक क्षेत्रफल में होता है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को अरब मंजिल में “ जुब्राह ” अथवा शेर की गर्दन के बाल, ग्रीक में “ ल्योनिस ” और चीन सियु में “ चांग ” के नाम से जाना जाता है। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग, स्वामी शुक्र और राशि सिंह 13 डिग्री 20 अंश से 26 डिग्री 40 अंश तक होती है। इस नक्षत्र को भारत में आकाशीय पिंडों के आधार पर 11 वा संज्ञक नक्षत्र माना गया है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के दो तारे होते हैं। इसे टीके रहने की अवस्था से पता चलता है की बन में लकड़ी से बनी मेज है। इस नक्षत्र को भगदेवता के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग हैं।

देवता भग के संस्कृति के आधार पर अर्थ कुछ प्रकार पता चलते हैं। भग = चंद्रमा, शिव का रूप, प्यार, उत्कर्ष और स्त्री की योनि आदि होते हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ, नाश करने वाला राजसिक स्त्री नक्षत्र माना गया है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र की जाति ब्राह्मण, योनि मूषक, योनि वैर मार्जार और मनुष्य गण मध्य नाड़ी होती है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को उत्तर दिशा का स्वामित्व प्राप्त है। 


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र की कथा पौराणिक कहानी । Purva Phalguni Nakshatra mythological story

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष शस्त्र में पौराणिक कथा के अनुसार माता अदिति से 12 आदित्यों का जन्म हुआ जिसमें से देवता भग को दसवा आदित्य बताया गया है। जिसके कारण इन्हे वैदिक महीनो में सहश्य और चन्द्र महीने में पौष कहा जाता है। ये उम्र को सिद्ध करने वाले, प्रसन्न पार्वती, गन्धर्व [ एक प्रकार के पौराणिक उपदेवता जो स्वर्ग में गाने-बजाने का काम करते हैं ], स्वर्ग लोक की स्त्री पूर्वशी, रक्षा स्फुरजा और नाग करकोटक हैं। हिन्दू समाज में देवता भग को पूर्णता [ संपन्नता ], शादी का देवता, शिव रचना का महान पुरुष वीरभद्र माना जाता है। ऋग्वेद में हुए वर्णन के अनुसार ये भाग्य और भलाई के देवता माने जाते हैं। आचार्यों के मतानुसार भग का अर्थ ” भाग्य ”  अथवा ” भगवान ” होता है।



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पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र की विशेषताएँ । Purva Phalguni Nakshatra Importance

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को विवाह का नक्षत्र माना गया है। माता पार्वती का विवाह इसी नक्षत्र में हुआ था जब भगवान शिव बारात लेकर माता पार्वती को अपनी अर्धांगिनी बनाने के लिए आए थे। ठीक इसी प्रकार इस नक्षत्र में चंद्रमा का विवाह रोहिणी के साथ हुआ था। गुरु का जन्म नक्षत्र भी पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र है। जिस प्रकार रोहिणी के अंदर प्यार, विवाह और आकर्षण की शक्ति थी ठीक उसी प्रकार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में भी विवाह की शक्ति है। 


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पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के उपाय । Purva Phalguni Nakshatra Remedy

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र यदि पाप अथवा अशुभ प्रभाव में हो तो वह जातक को दुख दरिद्रता, परेशानी संकट कार्यो में रुकावटें और पारिवारिक संकट पैदा करते हैं परंतु इसके लिए जातक अपने जीवन में समस्याओं को कम करने के लिए पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के उपाय करने चाहिए। जो जातक को मजबूती प्रदान करेंगे और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को कम करके शुभ प्रभावों को बढ़ाएँगे जिससे जातक जीवन में सफलता के करीब पाहुचने में सक्षम हो जाता है। जो कुछ इस प्रकार है- 

  • जातक को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए माँ लक्षमी की पूजा आराधना करनी चाहिए। 
  • भगवान शिव की पूजा करके इस नक्षत्र के अशुभ प्रभाव कम किए जा सकते हैं। 
  • शिवलिंग पर प्रतिदिन जल चढ़ाने से पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। 
  • पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को और अधिक शुभकारी बनाने के लिए इसके वैदिक मंत्र का जाप करना चाहिए। 
  • पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए माँ ” कामाख्या ” अथवा “ओमकार” का पूजन करना चाहिए। 
  • पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को ताकतवर बनाने के लिए कपटकारी जड़ का ताबीज बनाकर पहनना चाहिए और दिल के पास रहना चाहिए। 
  • पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता को खुश करने के लिए तिल और घी का दान करना चाहिए। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए जातक पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के वैदिक मंत्र का जाप कर सकता है। जो की सबसे ज्यादा कारगर और असरकार साबित होता है। यदि जातक इस नक्षत्र के वैदिक मंत्र का जापा प्रतिदिन और नियम से करता है तो उसे जल्द ही परिणाम देखने को मिलेंगे। वैदिक मंत्र कुछ इस प्रकार है-  

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का वैदिक मंत्र 

ऊँ भगप्रणेतर्भगसत्यराधो भगेमंधियमुदवाददन्न: ।

भगप्रणोजनयगोभिरश्वैप्रभिर्नृबंत स्याम ऊँ भगाय नम: ।।


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पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातक

मोड़ना प्रसिद्ध अमेरिकन गायक और पाप-रॉक डान्सर का चन्द्रमा और लग्न पूर्वा फाल्गुनी में हुआ था।  

राजीव गाँधी भूतपूर्व प्रधान मंत्री का जन्म पूर्वा फाल्गुनी प्रथम चरण मे हुआ था। 

जान एफ कैनेडी अमेरिकन राष्टपति का जन्म चन्द्रमा पूर्वा फाल्गुनी के चतुर्थ चरण मे हुआ था।


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र फलादेश । पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का फल । Purva Phalguni Nakshatra Prediction

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के दो चिन्ह होते हैं जिसमें पहला पलंग और दूसरा शिव लिंग। ज्योतिषीय मतानुसार इस नक्षत्र के दोनों चिन्हो का अर्थ बताया गया है। 

पलंग 

         पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में पलंग को आराम और तानाव से मुक्त होने का प्रतीक होता है। इसमें जातक चिंता मुक्त, भाग्यवान, कार्य करने वाला, प्रेमपूर्ण व्यवहार करने वाला, मनमोहक, सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देने वाला, शादी-विवाह पार्टी आदि का शौकीन, ईमानदार, दयावान और ज्यादा लोगों के बीच रहने वाला होता है। जातक शादीशुदा अथवा जिसके साथ रहेगा उसका लंबे समय तक साथ देने वाला होता है।

शिवलिंग 

           पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में शिवलिंग को बुजुर्गों की मदद करने वाला, यौन सबंध बनाने के लिए बेचैन, प्रेम में आसक्त, मनोरंजन करने वाला होता है। जातक न गलत कार्य करेगा और न किसी को करने देगा उसके लिए चाहे फिर उसे कुछ भी करना पड़े। खाने-पीने का शौकीन और अधिक भोजन खाने वाला होता है। जातक चालक, एक से अधिक स्त्रियों के साथ संबंध बनाने की इच्छा रखने वाला और बुद्धिमान होता है।


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के पुरुष जातक । Impact of Purva Phalguni Nakshatra on Male

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के पुरुष जातक मनमोहक, छोटे कद वाले, सावले रंग वाला, दबी हुई नाक वाला होता है।  जातक को पसीना बहुत आता है जिसके कारण यह गंद मारता है। जातक अपने विचारों से चलने वाला, किसी एक विषय का पूर्ण ज्ञाता, मानसिक तनाव में रहने वाला, दूसरों की परेशानियों को समझने वाला, मधुर वाणी बोलने वाला और यात्राएं करने का शौकीन होता है। जातक को दूसरों के कार्य करने और दूसरों के सामने झुकना पसंद नही होता जिसके कारण यह किसी का गुलाम या नौकर नही बनता है।

जातक किसी की बात को न मानने वाला और न किसी की हा में हा मिलाने वाला होता है। जातक कार्यों के प्रति पूर्ण समर्पण और न गलत कार्य करने वाला और न ही दूसरों को गलत कार्य करने देने वाला होता है। यह गलत रास्ते पर जा रहे लोगों को सही रास्ते पर लाने का प्रयास करने वाला होता है। जातक किसी भी कार्य में नियम और पद को महत्व समझने वाला होगा न की पैसों को इसे अपनी इज्जत से ज्यादा कुछ भी प्यारा नही होता है।

जातक को 40 से 45 वर्ष की उम्र तक मेहनत करनी पड़ती है परंतु उसके बाद सफलता प्राप्त हो जाती है। जातक का दाम्पत्य जीवन खुशहाल रहता है। कई ऐसे पुरुष जातक होते हैं जिनका विवाह अपनी मनपसंद लड़की से नही हो पाता है जिसके कारण ये उदास हो जाते है। जातक कार्यों के चलते और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अपने परिवार से दूर रहने वाला होता है।


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्त्री जातक । Impact of Purva Phalguni Nakshatra on Female

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के स्त्री जातक न ज्यादा लंबे और न ज्यादा छोटे कद के होते है। इस नक्षत्र की स्त्रियाँ लंबी नाक वाली, गोल और सुंदर चहरे वाली, मनमोहक, दयालु, कमजोर हृदय वाली, धर्म के प्रति आस्था रखने वाली, कालाओं को जानने वाली, दान पुण्य करने वाली और खुशहाल रहने वाली होती हैं। इस नक्षत्र की स्त्रियाँ अपने अलग जुनून में जीती हैं की इनसे ज्यादा अच्छा कोई और नही है।

ये अपने दिखावटी रूप से दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करती रहती हैं। स्त्री जातक उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाली होती हैं। ये सफलता के लिए कठिन परिश्रम करने में भी पीछे नही होती हैं। इस नक्षत्र की स्त्रियाँ अपने पति से प्रसन्न और पति के प्यार में गुम रहने वाली होती हैं। ये अपने परिवार की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाती हैं।

ये अपने परिवार में दूसरों को पागल और मूर्ख समझती है लेकिन खुद को भौत होशियार और बुद्धिमान समझती हैं। इनका स्वभाव मतलबी के समान होता है जिसके कारण परिवार में आपसी मतभेद होते रहते हैं। इस नक्षत्र की स्त्रियाँ अपने पति के प्यार, पद और पैसे के कारण खुद को घमंडी बना लेती हैं जिसके कारण इनका अपने पड़ोसियों के साथ व्यवहार अच्छा नही होता है।  


प्राचीन ऋषिमुनियों व आचार्यों के अनुसार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र । Purva Phalguni Nakshatra

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के जातकों को पानी से प्यार होता है ये पानी में नहाना पानी में रहना बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। ये अच्छा बोलना पसंद करते हैं, जरूरत मंद की मदद करने वाले, इधर-उधर घूमने वाले, अच्छे और भले व्यक्तिव के स्वामी होते है। जातक राजकीय सेवा अथवा राजकीय विभाग में कार्यरत होते हैं जिसकी मदद से अपने जीवन में उन्नति करते हैं। —— वरामिहिर

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के जातक भाग्यवान, धनवान, ज्ञान कम होने के बाद भी अच्छी उन्नति करते हैं क्योंकि इनका भाग्य बहुत तेज होते है। ये दूसरों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते चले जाते हैं। जातक जीवन में उन्नति के बाद तुच्छ धनवान और 2 से कम संतान वाला होता है। —- पराशर

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के जातक अपने फायदे और नुकसान के बारे में विचार करते रहते है। जातक डांस आदि में ज्यादा रुचि रखता है। जातक घमंडी होने के कारण समाज में बुरे बताय जाते हैं। जातक के शरीर पर नसे बाहर निकली हुई होती हैं। —— नारद 

जातक कार्यों के प्रति जल्द परेशान होने वाला, मौका मिलने पर लाभ प्राप्त करने वाला, चालाकी से धन कमाने वाला, अधीन पर अपना हुक्म जामाने वाला, अनुशासन और अपराध के विषय में बहुत मजबूत होता है। 

चन्द्र 

      इस नक्षत्र में चन्द्र हो तो जातक बिंदास, कार्य करने वाला, ईमानदार, समाज के हित में कार्य करने वाला होता है। ये बढ़ोत्तरी करने वाला, दूसरों के प्रभाव में वृद्धि कारक होते हैं। कीमियागीरी करने वाले, अच्छे और बड़े लोगों से बहुत जल्द मित्रता करने वाला लेकिन लापरवाह होता है। जातक दुबले पतले शरीर वाला होता है। इन्हे किसी भी कार्य को करने के लिए अपने परिवार या रिशतेदारों की मदद की आवश्यकता होती है। जातक नाटक करने वाला, यात्राओं का शौकीन, अपना कार्य करने वाला, इधर-उधर घूमने वाला, सुंदर, खोजकर्ता, मधुर वाणी बोलने वाला और बहादुर होता है।

सूर्य 

       पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य हो तो जातक कला के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण उपहार प्राप्त करने वाला, अहंकारी, बात-बात पर हसने वाला, अच्छी आदत वाला, अच्छे शौक करने वाला, स्त्रियों के करीब रहने वाला जिसके कारण समाज में सब जानते होंगे। जातक रंगशाला का मालिक अथवा खेल करने वाला और मोटा-ताजा बलवान होता है।

लग्न 

      पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जातक गाने-बजाने में व्यस्त, डांस और नाटक में रुचिवान, दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, कार्य करने में कुशल, विचारशील, अच्छी सेहत वाला और नौकर होता है। 


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का चरण फल । Prediction of Purva Phalguni Nakshatra Charan pada 

प्रित्येक नक्षत्र में चार चरण होते हैं जिसमें एक चरण 3 अंश 20 कला का होता है। नवमांश की तरह होता है जिसका मतलब यह है की इससे नौवे भाग का फलीभूत मिलता है सभी चरणों में तीन ग्रहों का प्रभाव होता है जो इस प्रकार है – देवता भग, स्वामी शुक्र और राशि सिंह।  


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का प्रथम चरण । Prediction of Purva Phalguni Nakshatra First Charan pad

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी सूर्य है। इस चरण में सूर्य, शुक्र और सूर्य का प्रभाव होता है। राशि सिंह 133 डिग्री 20 अंश से 136 डिग्री 40 अंश तक होती है। नवमांश सिंह ! यह चरण अपनी स्थिति, गुण, वैभव और चमक का कारक होता है। इस चरण में जातक घड़ियाल के समान सिर वाला, छोटे-छोटे बालों वाला, गोरे रंग वाला, सुंदर आँखों वाला, लोमड़ी के जैसे शरीर वाला, लंबे और पतले पेट वाला, साहस वाला, बड़े-बड़े और नुकीले दांतों वाला होता है। 

जातक इस चरण में साहस से परिपूर्ण, पत्नी और संतान से पूर्ण, माता को ईश्वर के समान मानने वाला होता है। जातक को विपरीत लिंग के कारण अपने कार्यों में रुकावटों का सामना करना पड़ता है। रसायनिक अथवा चिकित्सक कार्यों से अपना जीवन यापन करने वाला होता है। इस चरण में पुरुष जातक कच्चे माल का व्यापार करने वाला, जीवन में सुख भोगने वाला, धन कमाने  और बिजनेस में बढ़ोत्तरी के लिए कई यात्राएं करने वाला होता है। 


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का द्वितीय चरण । Prediction of Purva Phalguni Nakshatra First Charan pad

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी बुध है। इस चरण में सूर्य, शुक्र और बुध का प्रभाव होता है। राशि सिंह 136 डिग्री 40 अंश से 140 डिग्री 00 अंश तक होती है। नवमांश कन्या ! यह चरण शांति, धैर्य, बिजनेस और श्रम का कारक होता है। इस चरण में जातक छोटे-छोटे रोए वाला, सुंदर आँखों वाला, लंबी कद काठी वाला, श्री कृष्ण के समान मधुर वाणी बोलने वाला, चालाक, लोगों की बात में आकर कार्य करने वाला, कार्य करने में नीपूर्ण और स्त्री जातक इस चरण में बेहद सुंदर और रूपवान होती है। 

जातक अधिक गुस्सा करने वाला, जीवन के मध्य समय में भावुक, जीवन के अंत समय में जातक शान स्वभाव वा और चिंताओं से मुक्त हो जाता है। इस चरण में पुरुष जातक नाजुक, स्त्रियों के साथ संबंध बनाने वाला, नशा करने वाला, गाने बजाने का शौकीन, शिल्पकला के प्रेमी और अपने घर-परिवार से दूर रहने वाला होता है।


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का तृतीय चरण । Prediction of Purva Phalguni Nakshatra Third Charan pad

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी शुक्र होता है। इस चरण में सूर्य, शुक्र और शुक्र का प्रभाव होता है। राशि सिंह 140 डिग्री 00 अंश से 143 डिग्री 20 अंश तक होता है। नवमांश तुला ! यह चरण तनाव मुक्ति, एक समान विचार, यात्राओं, सुधार, समाज में प्रशंसा और परामर्श का कारक होता है। इस चरण में जातक पतले और लंबे मुख और सिर वाला, मोटे-ताजे शरीर वाला, गठीले शरीर वाला, घने और काले बालों वाला, स्त्रियों से घृणा करने वाला, कूटनीतियों को जानने वाला, छल करने वाला और कठोर वाणी बोलने वाला होता है। 

जातक दुखों से मुक्त, अनेक जबाबदारियों से परिपूर्ण होता है। जातक के घर में चोरी होने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ता है। परंतु अच्छे स्वभाव और व्यवहार के चलते जातक अपने चोरी के माल को वापस पा लेता है। पुरुष जातक अपने दुश्मनों पर वार करने के लिए तैयार रहने वाला, मुक्केबाज या पहलवान होता है। जातक अपने पूर्वजों का आदर सम्मान और उनके नियमों का पालन करने वाला होता है। जातक अपने रिशतेदारों का घनिष्ठ परंतु जीवन के अंत समय में अकेले रहना पड़ता है।


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का चतुर्थ चरण । Prediction of Purva Phalguni Nakshatra Fourth Charan pad

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी मंगल होता है। इस चरण में सूर्य, शुक्र और मंगल का प्रभाव होता है। राशि सिंह 143 डिग्री 20 अंश से 146 डिग्री 40 अंश तक होती है। नवमांश वृश्चिक ! यह चरण लालच, बहादुर, सुंदर रूप-रंग का कारक होता है। इस चरण में जन्मे जातक को अपने जीवन में परेशानियों और रुकावटों का सामना करना पड़ता है। 

यदि जातक के जन्म समय में सूर्य और गुरु अच्छी स्थिति में हो तो जातक के जीवन में परेशानियाँ कम और रुकावटों में भी कमी रहती है। जातक शिक्षित लोगों की तरह बाते करने वाला, गहरे और अच्छे स्वभाव वाला, गंदी नज़र रखने वाला, अनैतिक कार्य करने वाला, गुप्त संदेश देने वाला और परिपूर्ण होता है। 


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र को वैदिक ज्योतिष आचार्यों ने सूत्र रूप में बताया है लेकिन यह फलित में बहुत ज्यादा बदलाव हुआ है। 

यावनाचार्य- 

                  पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में जातक धर्म को मानने वाला राजा के समान, दूसरे चरण में रोगों से ग्रस्त, तीसरे चरण में निर्दयी, चौथे चरण में कम उम्र तक जीवित रहने वाला होता है। 

मानसागराचार्य –

                      पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जातक समाज में सम्मान न प्राप्त करने वाला, द्वितीय चरण में माता-पिता की सेवा करने वाला, तृतीय चरण में राजा के समान जीवन यापन करने वाला और चतुर्थ चरण में धनवान होता है।


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का चरण ग्रह फल । Purva Phalguni Nakshatra Prediction based on planets   

भारतीय ज्योतिष आचार्यों के मतानुसार सूर्य, बुध और शुक्र इन ग्रहों की पूरी तरह अवलोकन या चरण दृष्टि होती है, क्योंकि सूर्य ग्रह से बुध ग्रह 28 अंश और शुक्र 48 अंश से दूर नही जा सकता है। 


सूर्य – Sun [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य ] 

  • चन्द्र की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक दुश्मन और परिवार जनों से परेशान, दूसरे देश में भटकने वाला और धन हीन होता है। 
  • मंगल की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक शत्रुओं के कारण दुखी और मानसिक रोग से पीड़ित होगा। 
  •  गुरु की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक अपने विचारों से कार्य करने वाला और पत्नी एवं संतान से मतभेद के कारण दुखी होगा। 
  • शनि की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक फालतू के खर्चे करने वाला, अनैतिक कार्य करने वाला और सेवक युक्त होगा। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में सूर्य । When sun is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction 

सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक सुंदर रूप आकृति वाला, कला के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण उपहार प्राप्त करने वाला, अहंकारी लेकिन खुशदिल, अपने परिवार को चलाने वाला मालिक, अच्छे गुणों से परिपूर्ण, सरकार के हित में कार्य करने वाला, जिसकी मदद से जातक सरकारी नौकरी या सरकारी चिकित्सक भी हो सकता है। अगर शनि या मंगल की दृष्टि इस चरण में हो तो जातक मानसिक रोगों से ग्रसित होता है। 

सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक जरूरतमन्द की मदद करने वाला, सच्चाई का साथ देने वाला, अपने कार्य को छोडकर दूसरों के कार्य करने वाला, नाचने गाने में रुचिवान, सुख-सम्पन्न होता है। अगर शनि का मिलन हो और मंगल अश्लेषा नक्षत्र में हो तो जातक सरकारी अथवा प्राइवेट विभाग में उच्च पद का अधिकारी होता है।   

सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक रूपवान, अपनी सुंदरता के मारे लोगों को बुरा बताने वाला, अहंकारी, शासन के कार्यों में कार्यरत अथवा चिकित्सक, आंगिक चेष्टाओं का कलात्मक प्रदर्शन करने वाला होता है। 30 वर्ष की उम्र तक खर्चो के कारण बचत नही हो पाती है परंतु उसके बाद अच्छी बचत होती है।

सूर्य का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल 

इस चरण में जातक अहंकारी, साधारण जीवन यापन करने वाला, कठिन परिश्रम करने वाला, दुखों का सामना करने वाला, 1 या 2 संतनाओं वाला, जल उद्योग अथवा चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करने वाला होता है। अगर ऐसे में केतु की स्थिति को तो जातक इंजीनियर अथवा मेकेनिक होगा। 


चन्द्र – Moon [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्र ]

  • सूर्य की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक दूसरों की मदद करने वाला परंतु खुद की मदद के लिए इधर-उधर भटकने वाला,  धन बचाने का प्रयास करने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक विद्वान लेकिन चालकी से पैसे कमा कर धनवान बनने वाला होगा। 
  • बुध की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक साहस वाला, चरित्रवान, दूसरों की मदद करने वाला, शासक के करीब कार्य करने वाला होगा। 
  • गुरु की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक धर्म शास्त्रों का ज्ञाता और ये अपने ज्ञान से अच्छा धन एकत्रित करेंगे। 
  • शुक्र की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक संसार में प्रसिद्ध परंतु चन्द्र प्रथम या द्वितीय चरण में हो तो जातक अचानक आर्थिक हानि का शिकार होगा।
  • शनि की दृष्टि चन्द्र पर हो तो जातक धन कमाने में रुकावटें पैदा करने वाला, स्त्री सुख के लिए दुखी और स्वादिष्ट भोजन के लिए परेशान रहने वाला होगा। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में चन्द्र । When Moon is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

चन्द्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक साहस वाला, माता की सेवा करने वाला, अपनी माता के सिवा अन्य स्त्रियों को पसंद न करने वाला, उच्च पदीय अधिकारियों अथवा नेताओं से अच्छे संबंध बनाने वाला, लापरवाह, चिंता मुक्त रहने वाला, कार्य करने वाला, चाल-चलन गंदा होता है। जातक रासायनिक कार्यों अथवा चिकित्सक कार्यों से अपना जीवन यापन करने वाला होगा। गरीबी और मूर्खता के कारण एक से अधिक रोगों से ग्रसित होगा।   

चन्द्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक सुख-सम्पन्न, खुश रहने वाला, सांसारिक समृद्धि पाने में भाग्यवान, बिजनेस व्यापार में सबसे आगे रहने वाला दूसरों को पीछे करते हुए आगे बढ्ने की क्षमता रखने वाला, मध्यम उम्र तक अधिक गुस्सेबाज़ परंतु उसके बाद शांत स्वभाव वाला होता है।   

चन्द्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक मनमोहक, दूसरों की अपेक्षा ज्यादा प्रभावकारी, ईमानदार, अपनी छवि से पहचाना जाने वाला, अपना कार्य करके रोजगार प्राप्त करने वाला, शिक्षा विभाग में कार्यरत, घर-परिवार की जिम्मेदारियाँ निभाने वाला होता है। चोरी के कारण नुकसान होता है परंतु कम अथवा चोरी का माल पुलिस की मदद से वापस मिल जाता है। 

चन्द्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक अच्छाई-बुराई और लाभ-हानि की परख लगाने वाला, समाज में लोग सामने कुछ और पीछे कुछ कहते होंगे। राजकीय सेवा में कार्यरत या फिर राज्य की तरफ से लाभान्वित, पानी को पसंद करने वाला और कार्यों को एक अधिक तरीके से करने की क्षमता रखने वाला होता है।   


मंगल – Mars [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में मंगल ]

  • सूर्य की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक चिकित्सक लेकिन अपने परिवार के सुख से वंचित होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक होटल आदि का मेनेजर अथवा जलीय रोगों से ग्रसित होगा। 
  • बुध की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक गणित का ज्ञाता, अच्छे बोलने वाला कवि परंतु असत्य का साथ देने वाला होगा। 
  • गुरु की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक अपने देश मे न रहने वाला, जीवन के प्रारम्भ में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा परंतु बाद में उन्नति करेगा। 
  • शुक्र की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक कार्य करने में कुशल और धन दौलत से परिपूर्ण होगा। 
  • शनि की दृष्टि मंगल पर हो तो जातक साहस वाला परंतु गंदी आदतों के कारण समाज में गलत बताया जाने वाला होगा।  

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में मंगल । When Mars is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

मंगल का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक सफल चिकित्सक, चिकत्सक क्षेत्र से जुड़ी चीजों का व्यापारी, गलत और नकली दवाइयों से प्रभावित, स्त्रियों के साथ संबंध बनाने के लिए इच्छुक, कार्यों को करने में कमजोर, अभिमान वाला, बुराई को सहने वाला और कानूनी अपराधों में घिरा रहने वाला होता है।  

मंगल का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक अल्प संतान वाला अथवा संतान रहित, सुरक्षा कर्मी अथवा कानूनी विभाग में कार्यरत, मौके का फायदा उठाने वाला, तेज बुद्धि वाला होता है। काला जादू जैसे चक्कर में आकार अपना जीवन तहस नहस कर लेने वाला या फिर अज्ञात रोगों से ग्रसित होता है। 

मंगल का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक जल्दी फैसला करने वाला, नाचने गाने का शौकीन, स्त्रियों के साथ संभोग करने की इच्छा रखने वाला, सबके कार्यों में हाथ बटाने वाला, इंजीनियर और वैभव वाला होता है। अगर इस चरण में गुरु का मिलन हो तो जातक अच्छा और उच्च कोटी का वक्ता, धन एकत्रित करने वाला, मंत्री अथवा नेता के समान पद वाला होता है। ऐसी स्थिति में कई जातक न्यायाधीश अथवा सेना प्रमुख होते है। 

मंगल का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चारण में जातक तीव्र बुद्धि वाला, अपनी सफलता को पाने के लिए दूसरों के भरोषे निर्भर रहने वाला, अपराधियों को सजा देने में कठोर या प्रशासक होता है। जातक की पत्नी उसे छोड़ देती है या फिर वह अपनी पत्नी को छोड़ देता है।  


बुध – Mercury [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बुध ] 

  • चन्द्र की दृष्टि बुध पर हो तो जातक अधिक बोलने वाला, गुस्सेबाज और लड़ाई-झगड़े करने वाला होगा। 
  • मंगल की दृष्टि बुध पर हो तो जातक रूपवान, धोखाधड़ी करने वाला और सरकारी किसी विभाग में कार्यरत होगा। 
  • गुरु की दृष्टि बुध पर हो तो जातक धन-दौलत और यश-वैभव से परिपूर्ण होगा।  
  • शनि की दृष्टि बुध पर हो तो जातक सुंदर और साफ वास्त पहनने का शौकीन और बिना मेहनत के फल प्राप्त करने वाला होगा। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बुध । When Mercury is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

बुध का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक बुरे कर्म करने वाला, सामान्य बुद्धि वाला, भाग्यवान, उन्नति करने वाला, स्त्री सुख से वंचित होता है। विवाह होता नही है और यदि हो भी जाय तो पत्नी छोडकर चली जाती है। गुरु यदि इस चरण से नीलन करे तो जातक को शुभ परिणाम प्राप्त होते है।   

बुध का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक मधुर वाणी बोलने वाला, सबके कार्यों में हाथ बटाने वाला, अपने फायदे नुकसान का अंदाजा लगाने वाला, अचानक लाभ प्राप्त करने वाला, राजकीय सेवा के संपर्क में आकार उन्नति करने वाला, वकालत करने वाला और स्त्रियों से संबंध बनाने की इच्छा रखने वाला होता है। 

बुध का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चारण में जातक रूपवान, गुणवान, सांसारिक सुख पाने की इच्छा रखने वाला, अपनी गलतियों के कारण गुट या समूह से त्यागा जाने वाला, याददास्त कमजोर होने के कारण अप्रिय घटनाओं का शिकार होता है। 

बुध का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चारण में जातक फालतू बाते करने वाला परंतु अच्छा बोलने वाला, धन-दौलत से परिपूर्ण लेकिन कंजूसी दिखाने वाला, बुरे कार्य करने वाला, चालबाज, अवैध कार्यों अथवा अवैध सम्बन्धों में व्यस्त और गुसैल होता है। 


गुरु – Jupiter [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में गुरु ]

  • सूर्य की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक मालिक और सामान्य धनवान होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक भाग्यशाली, माता का चाहीता होगा। 
  • मंगल की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक उन्नतिशील और जमीन-जायदात से परिपूर्ण होगा। 
  • बुध की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक अच्छा ज्योतिषी, मनमोहक और मधुरभाषी होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक निर्माण कार्यों में अपना योगदान देने वाला होगा। 
  • शनि की दृष्टि गुरु पर हो तो जातक किसी गुट का मालिक और पैसे वाला होगा। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में गुरु । When Jupiter is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction 

गुरु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक गंदे स्वभाव वाला, किसी का कार्य न करने वाला, दूसरों को नीचा दिखाकर खुद आगे बढ्ने वाला, चालबाज, धनहीन, शरीर में नसे वाहर की तरह निकली हुई और बुरे कार्यों को करने वाला होता है।  

गुरु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक मनमोहक, साफ-सुथरे कपड़े पहनने वाला, भाग्यवान, सफलता को प्राप्त करने वाला, व्यवसाय में फायदे और नुकसान की पहले ही परख कर लेने वाला होता है। अगर बुध की युति हो तो जातक वकील और गुरु की युति हो तो जातक समाज में पसंद किया जाने वाला और मधुरभाषी होता है।   

गुरु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक महान, सुंदर चरित्र वाला, अच्छे शब्दों का उपयोग करके दूसरों को अपनी ओर खिचने वाला, सम्मान प्राप्तक, नाटक अथवा चित्रकला में रुचि रखने वाला और उन्नति करके अच्छे स्टार पर पाहुचने वाला होता है। 

गुरु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक जलप्रिय, अनुशासन को मानने वाला, राज्य शासन में उच्च पद का अधिकारी या फिर अपराधियों को सजा देने वाला, ईश्वर को मानने वाला और प्रसिद्ध होता है। खुद का धर्म स्थापित करके चलने वाला होता है। 


शुक्र – Venus [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में शुक्र ]

  • चन्द्र की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक मनमोहक और सुख सुविधाओं से सम्पन्न होगा। 
  • मंगल की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक बुरी आदतों वाला और स्त्रियों के साथ संबंध रखने के कारण पिता की संपत्ति को बर्बाद करने वाला होगा। 
  • गुरु की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक साहस वाला और सभी प्रकार से भाग्यवान होगा। 
  • शनि की दृष्टि शुक्र पर हो तो जातक दया करने योग्य जीवन यापन करेगा। 

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में शुक्र । When Venus is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

शुक्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक धन-दौलत से परिपूर्ण, घमंडी होने के कारण पीठ पीछे बुराई की जाने वाला, गरीबों और असहाय लोगों की मदद करने वाला, कार्य करने में असमर्थ और स्त्रियों के साथ संबंध रखने वाला होता है। 

शुक्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल 

इस चरण में जातक मधुर वाणी से दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला, सामान्य बुद्धि होते हुए भी सफलता को प्राप्त करने वाला, ईमानदार होता है। बुध की युति हो तो जातक वकालत करता है। 

शुक्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक रूपवान, जिससे प्यार करेगा उसी से विवाह करने वाला, कम संतान वाल आया फिर निसंतान, सांसारिक सुख प्राप्त करने वाला और धन-दौलत से पूर्ण सौभाग्यशाली होता है।  

शुक्र का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक मनमोहक, फालतू के खर्चे करने वाला, गुस्सेबाज़, निर्दयी, नियमों का पालन करने वाल आउर दूसरों को नियम के तहत चलाने वाला होता है। 35 से 40 वर्ष की उम्र में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 


शनि – Saturn [ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में शनि ]

  • सूर्य की दृष्टि शनि पर हो तो जातक सुख से वंचित, गुस्सेबाज़ और बुरे कर्म करने वाला होगा। 
  • चन्द्र की दृष्टि शनि पर हो तो जातक खुशहाल रहने वाला और राजनीति में अच्छे पद पर होने के कारण धनवान होगा। 
  • मंगल की दृष्टि शनि पर हो तो जातक विद्वान और एक से अधिक विषयों का ज्ञाता होगा।  
  • बुध की दृष्टि शनि पर हो तो जातक युद्ध कला प्रेमी और संपत्तिवान होगा। 
  • गुरु की दृष्टि शनि पर हो तो जातक अच्छे गुणों वाला, मददगार होगा। 
  • शुक्र की दृष्टि शनि पर हो तो जातक सोने अथवा धातुओं का व्यवसाय करने वाला और धर्म को मानने वाला होगा।  

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में शनि । When Saturn is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

शनि का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल

इस चरण में जातक तुकमिजाजी, छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने वाला, बर्बाद करने वाला, दूसरों का नुकसान करके अपना फायदा करने वाला, निर्दयी, बाल्यावस्था में परेशानियों का सामना करने वाला, कमजोर बुद्धि वाला या फिर पागल होता है।   

शनि का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल 

इस चरण में जातक ईमानदार, दयावान, साफ-सुथरी बात कहने वाला, सुख-सुविधा से सम्पन्न, सफलता को प्राप्त करने के बाद भी उन्नति करने वाला और लेखक होता है। 48 से 50 वर्ष की उम्र के बाद निकट मान्य होगा। 

शनि का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल

इस चरण में जातक बुद्धिमान, हानि-लाभ की परख करने वाला, फायदे और नुकसान के बारे में न सोचते हुए आगे बढ्ने वाला, धैर्य से इंद्रियों को अपने काबू में रखने वाला, बिना चिंता के जिम्मेदारियाँ निभाने वाला, असफल होने के बाद भी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाने वाला, ईमानदार और सच के साथ रहने वाला होता है।   

शनि का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक समाज में बुराई करवाने वाला, नुक्ताचीनी करने वाला, श्रम के प्रति पूर्ण समर्पण करने वाला, देर से सफलता प्राप्त करने वाला होता है।  


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में राहु । When Rahu is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

राहु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक पत्नी और संतान सुख वाला, राज्य की ओर से लाभ प्राप्त करने वाला, उघोग, आश्रित लोगों से कार्य करवाने वाला होता है। 

राहु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक व्यापार में कम लाभ प्राप्त करने वाला, प्रयासों से परिवार को अच्छे शिखर पर ले जाने वाला होता है।   

राहु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक सांसरिक सुख को प्राप्त करने वाला, वस्त्रों अथवा आभूषणों से सम्पन्न, स्त्रियों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला होता है। शुक्र से संबंध रखने वाली वस्तुओं से लाभ प्राप्त करने वाला होता है। विदेश यात्राएं करने वाला होता है। शुक्र अगर नीच स्थिति में हो तो जातक कई परेशानियों का सामना करेगा और स्त्रियों के कारण पाने कार्यो में रुकावटें पैदा करेगा।  

राहु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक समाज में राजा के समान सम्मान प्राप्त करने वाला, विवाह के बाद और विवाह से पहले अन्य स्त्रियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने वाला अथवा संभोग करने के कारण ब्लैक मेल किया जाता है। 


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में केतु । When Ketu is in Purva Phalguni Nakshatra – Prediction

केतु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण का फल 

इस चरण में जातक की इच्छा पूर्ति होगी, सुख भोग प्राप्त करेगा, धनवान, अच्छी सेहत वाला और खुशहाल वैवाहिक जीवन जीने वाला होगा। 

केतु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण का फल

इस चरण में जातक को प्रथम चरण के समान फल प्राप्त होते हैं जिससे प्रथम और द्वितीय चरण के जातक एक समान माने जाते हैं।  

केतु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण का फल 

इस चरण में जातक ईश्वर में विश्वास रखने वाला और ईश्वर के प्रति खुद को समर्पित करने वाला, तीर्थ स्थलों पर घूमने वाला, सच के साथ रहने वाला और स्त्री की सेहत को लेकर दुखी और समस्याओं से ग्रसित होगा।  

केतु का पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण का फल

इस चरण में जातक धनवान, पुत्रवान, जमीदार, बिगड़े अथवा अधूरे कार्यों को सुधारने वाला होगा। जातक 34 से 35 वर्ष की उम्र के बाद अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर पाएगा। कई जातकों के माथे पर तीसरी आँख के समान चिन्ह हो सकता है। 


पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
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