पुखराज रत्न के फायदे, नुकसान और सरल पहचान | Yellow Sapphire Benefits & Demerits

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पीला पुखराज क्या है और इसके बारे में | Yellow Sapphire – Pukhraj

pukhraj yellow sapphire । पुखराज

हम पुखराज की बात करें तो यह रत्न दो तरीके के होते है। एक पीला और दूसरा सफ़ेद पुखराज होता है। येल्लो सैफायर हमें जापान, ब्राजील, मेक्सिको, रुस, श्रीलंका जैसे देशों से प्राप्त होता है। यह रत्न सबसे ज्यादा बर्मा देश की ख़ानो से निकला हुआ रत्न सर्वोत्तम माना जाता है। ज्यादातर ये पुखराज ग्रेनाईट की चट्टानों के नीचे पाया जाता है तथा कभी कभी ये ज्वालामुखी के पर्वतों की दरारों में मिलता है।

यह रत्न कभी कभी भारत वर्ष के पूर्वी देशों में भी मिल जाता है। यह रत्न बर्मा देश मे ही पीले और सफ़ेद रंग का पाया जाता है। यह रत्न सबसे ज्यादा उनके लिए सर्वोपरी है जो लड़कियाँ अपनी शादी की इच्छा रखती हैऔर उन लड़कियों को यह रत्न पहनने से मनचाहा वर मिल जाता है। यह रत्न स्वामी गुरु यानी बृहस्पति का कारक होता है। यह रत्न जातक को सफलता, मन की इच्छा शक्ति, बलशाली और धनधान्य से पूर्ण बनाने के लिए यह येल्लो सैफायर अवश्य पहनना चाहिये।

यह रत्न जातक को सभी समस्याओं से निजात दिलाता है इसलिए जातक को यह रत्न अपने जीवन में हो रही समस्याओं के निवारण के लिए अवश्य पहनना चाहिये। इस दुनियाँ में बहुत से रत्न पाए जाते है और सभी रत्नों का अपना अलग-अलग कार्य होता है। जिस कारण जातक अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए किसी न किसी रत्न को अवश्य धारण करता है। यह रत्न जातक को ग्रहों के संकट से भी बचाने में मदद करता है।

इस रत्न को धारण करने के बाद जातक के अंदर एक नई ऊर्जा उत्पन्न होती है। जब जातक असली और उच्च स्तर का पुखराज धारण करता है तब जातक को सभी तरह के लाभ मिलते हैं, जिसकी मदद से वह अपने जीवन में उन्नति करता है। यह रत्न मीन और धनु राशि के जातकों को सबसे ज्यादा फायदा देता है इसलिए इन राशि के लोगों को यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिये। यह पुखराज एक ऐसा रत्न है जिसमे काम बनाने तथा बिगाड़ने दोनों की शक्ति है। 



इस लेख में आपको इन सबके जवाब मिल जाएंगे ।

  • पुखराज रत्न के फायदे
  • पुखराज रत्न के नुकसान
  • पुखराज रत्न की कीमत क्या है
  • पुखराज रत्न, किस उंगली में पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न की कीमत कितनी है
  • पुखराज रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न किस धातु में पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न किसे पहनना चाहिए
  • पुखराज रत्न पहनने की विधि

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पीला पुखराज रत्न की तकनिकी विज्ञान । Technical Science of yellow sapphire

यह एक ऐसा अनोखा प्रकृति में मिलने वाला रत्न है जिसे हम एक बहुमूल्य रत्न भी कहते है। इस रत्न का वैज्ञानिक रासायनिक सूत्र Al2SiO4 ( F,OH )2 है। इस रत्न की पहचान वैज्ञानिक तथ्य के आधार पर 24 घंटे तक दूध में रखें तो उस दूध का रंग फीका पड जाए तो समझो यह  पुखराज रत्न असली नही है। यह रत्न देखने में चिकना, चमकदार, पानीदार और पारदर्शी होता है। यह रत्न एक व्यवस्थित किनारों वाला होता है।

यह रत्न एलूमिनियम और फ्लोरीन साथ-साथ सिलिकेट का खनिज होता है। जिसका रासायनिक सूत्र हम आपको उपर बता चुके है। इस प्रकार वैज्ञानिक तथा प्राचीन ग्रंथों में भी इस को कुरंड जाती के स्टोंस में माना गया है। वैज्ञानिक ब्राजील के गहरे पीले रत्न को सबसे उत्तम मानते है। जिससे हमे पता चलता है की विज्ञान की दृष्टि में भी रत्नों को बहुत महत्वता दी जाती है। 


पीला पुखराज रत्न पहनने के फायदे लाभ । Benefits of Wearing Yellow Sapphire

पुखराज रत्न गुरु [ बृहस्पति ] का रत्न होता है। इसलिए पुखराज रत्न को धारण करने से सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है। ऐसे जातक जिन्हे शादी में रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है वे पुखराज रत्न को धारण कर सकते हैं इससे गुरु की स्थिति मजबूत होगी और शादी में आने वाली रुकावटें खत्म होगी। पुखराज को पहनने से जातक को पाचन क्रिया में भी पूर्ण लाभ [ फायदा ] मिलता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में येल्लो सैफायर जातक के लिए बहुत ही लाभकारी रत्न माना जाता है। इस रत्न से जातक को क्या-क्या फायदे होते हैं यह नीचे दिये गय बिन्दुओं में बताया गया है।

  • येल्लो सैफायर धारण करने से जातक के साथ-साथ उसकी संतान को भी उन्नति के रास्ते प्राप्त होते हैं। इस रत्न के शुभ प्रभाव से जातक अपने जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकता है। जातका का आत्मविश्वास बढ़ता है, भाग्य का उदय होता है। मानसिक शांति के लिए भी यह रत्न बड़ा ही कारगर माना जाता है।
  • यदि जातक यह रत्न धारण कर लेता है तो उसे अच्छी बुरी चीजों को समझने की शक्ति मिलती है। धन से जुड़े लाभ प्राप्त होते हैं, कर्ज में रहने वाले जातकों को कर्जमुक्त बनाता है यह पीला पुखराज। इसके प्रभाव से जातक को पारिवारिक सुख मिलता है, धन धान्य से परिपूर्ण हो जाता है। साधारण तरीके से देखा जाए तो यह रत्न जातक को स्वर्ग का अनुभव करा देता है।
  • ऐसे जातक जिनका विवाह नही हो रहा है यदि वे इस रत्न को धारण करते हैं तो उनके विवाह में आने वाली रुकावते कम होंगी जिससे शादी सम्पन्न हो जाएगी। अच्छे जीवनसाथी को मिलाने का भी कारक माना जाता है यह पुखराज रत्न। यह येल्लो सैफायर होने वाली दुर्घटनाओं के प्रति पहले से पहले सांकेट दे देता है। इसके शुभ प्रभाव से जातक अपने वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त कर पाता है।
  • यह येल्लो सैफायर जातक के लिए सबसे ज्यादा लाभकारी रत्न बताया गया है क्योंकि इसके शुभ प्रभाव से जातक को तनाव से मुक्त होने की शक्ति प्रदान होती है। स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ कम होती है। कानूनी विवादों को सफलता पूर्वक सुलझाने में भी मदद करता है। इस रत्न के शुभ प्रभाव से जातक का बुद्धि विकास होता है जिससे वह एक संस्कारी व्यक्ति बन जाता है। इसलिए इस रत्न को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता का कारक माना जाता है।
  • यदि जातक अपनी कुंडली के आधार पर यह येल्लो सैफायर धारण कर लेता है तो उसे शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह रत्न जातक के लिए सबसे ज्यादा इन ( सीने में जलन, श्वांश फूलना, अल्सर, गठिया और नपुंसकता आदि ) परेशानियों में मददगार साबित होता है। यदि जातक काफी समय से संतान के लिए दुखी है तो उसे इस रत्न के शुभ प्रभावों से संतान का सुख प्राप्त होता है।
  • ऐसे जातक जो धार्मिक कार्यों में ज्यादा विश्वास रखते हैं और वे इस रत्न को धारण करते हैं तो उन्हे धार्मिक स्थलों पर जाने का अवसर प्राप्त होता है। इसके प्रभाव से जातक के साथ होने वाले झगड़े कम होते हैं और वह सत्य के मार्ग पर चलने वाला बन जाता है। चिंतामुक्त करता है यह रत्न। इस रत्न के शुभ प्रभाव से दुख सुख में बादल जाते हैं।
  • यदि जातक इस येल्लो सैफायर को ज्योतिष परामर्श के अनुसार पहनता है तो उसे जीवनसाथी का प्यार मिलता है तथा जो लोग प्रेम पांश में हैं उन्हे उनके प्रेमी/प्रेमिका का प्यार भरपूर्ण मिलता है। इस रत्न के प्रभाव से जातक का लोगों के प्रति आकर्षण बढ़ता है। बुराई से दूर और अच्छाई के पास लाने में मदद करता है।
  • येल्लो सैफायर के शुभ प्रभाव से जातक की सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है, जिससे जातक अपने जीवन में सही निर्णय ले पाता है। यह जातक के मन में उत्पन्न होने वाले बुरे विचारों का नाश करता है। भ्रष्टाचार के कारण उत्पन्न होने वाली परेशानियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। आर्थिक तंगी को भी दूर करता है यह रत्न। इस रत्न को आयु में बृद्धि का भी भी कारक माना जाता है।
  • गुरु के इस रत्न को धारण करने से जातक की बुरी आदतें खत्म होती हैं और उसे मन की शांति प्राप्त होती है। जातक का मन पवित्र और धर्म के मार्ग पर चलने वाला बन जाता है। येल्लो सैफायर की मदद से जातक समाज में सम्मान प्राप्त कर पाता है। येल्लो सैफायर के शुभ प्रभाव से जातक का मानो भाग्योदय हो जाता है। जातक अपने जीवन में सुखों का आनंद ले पाता है।
  • जब जातक येल्लो सैफायर धारण करता है तब वह धर्म के मार्ग पर चलने वाला बन जाता है। कारोबार में प्रगति होती है। ऐसे जातक जो सरकारी या प्राइवेट नौकरी करते हैं उनके लिए यह येल्लो सैफायर सबसे ज्यादा लाभकारी साबित होगा क्योंकि इसकी मदद से आपको उच्च पद की प्राप्ति होती है। येल्लो सैफायर के शुभ प्रभाव से समाज में अधिकार मिलता है।
  • यह येल्लो सैफायर इतना अच्छा और प्रभावशाली रत्न है कि जो जातक इसे धारण करता है उसे जीवन में होने वाले खतरों से पहले ही आगाह कर देता है। इसके शुभ प्रभाव से जातक के साथ कभी धोखा नही होता है। इस रत्न को धारण करने के बाद जातक हमेशा खुशी महसूस करता है। येल्लो सैफायर पहनने के जातक का आकर्षण लड़कियों के प्रति बढ़ जाता है। अपने प्रेमी/प्रेमिका के साथ शादी करने कि इच्छा भी पूरी करता है यह येल्लो सैफायर।
  • येल्लो सैफायर धारण करने से जातक को मोक्ष कि प्राप्ति होती है। विदेश जाने का सपना पूरा होता है। व्यापार में होने वाले नुकसान कम होते अहीन और लाभ बढ़ते हैं। धन से जुड़े निवेश में लाभ प्राप्त कराता है यह येल्लो सैफायर। आँखों से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद लाभकारी होता है।

पीला पुखराज रत्न के नुकसान हानि । Demerits of Wearing Yellow Sapphire

इस ब्रह्मांड में पाए जाने वाले सभी रत्नों के कुछ न कुछ फायदे और नुकसान होते हैं ठीक उसी प्रकार हम आपको येल्लो सैफायर से होने वाले नुकसान नीचे दिए गए बिन्दुओं में बताए हैं। 

  • जो येल्लो सैफायर दिखने में चिकने व चमकदार नही होते उन्हें पहनने से आपको कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जिससे आपका स्वस्थ्य में कुछ न कुछ गड़बड़ होती रहती है।
  • येल्लो सैफायर के बुरे प्रभाव से बचने के लिए सभी ज्योतिष आचार्य कुछ न कुछ सलाह अवश्य देते है ताकि जातक को सिर्फ येल्लो सैफायर के अच्छे प्रभाव ही सहने पड़ें। 
  • कुछ येल्लो सैफायर ऐसे होते है जिनमे बारीक़ परत ( जाल ) जैसी होती है वे येल्लो सैफायर जातक को नही खरीदने चाहिए। यदि आप उस रत्न को ख़रीद लेते है और उसे धारण भी कर लेते है तो जातक संतान सुख के लिए सक्षम नही हो पाता है। इसलिए येल्लो सैफायर सोचसमझ कर ही खरीदें।
  • आपने देखा होगा कि कुछ येल्लो सैफायर ऐसे भी होते है जिनमे कहीं न कहीं गड्डा से दिखाई देता है यदि आप उस रत्न को ख़रीद कर पहन लेते है तो आपके घर से लक्ष्मी चली जाएगी जिससे जातक को धन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • जो येल्लो सैफायर चिकने तथा साफ़ नही होते उनमे कुछ काले धब्बे से दिखाई देते है ऐसे पुखराज को भी नही खरीदना चाहिये यदि आप खरीदते हो तो आपके घर में सुख शांति कभी नही आएगी हमेशा कलेश मचा रहगा। इसी कारण आपने सुना होगा की येल्लो सैफायर फायदा नही करता जो रत्न फायदा न करे उस रत्न में कुछ न कुछ ज़रुर कमी होगी इसी कारण वह आपको परेशानी देता है।  
  • यदि कोई जातक येल्लो सैफायर खरीदता है तो वह ये ज़रुर देख ले की उस पुखराज में कोई सीधी खड़ी लकीर तो नही है यदि है तो उसे न खरीदे क्योंकि वह पुखराज आपके घर को तार-तार कर देता है यानी बर्बाद कर देगा जिस कारण आपके घर का कोई भी सदस्य स्वस्थ नही रहेगा उसे किसी का किसी तरह की शारीरिक परेशानियाँ होती रहेंगी। 
  • यदि आप येल्लो सैफायर धारण करना चाहते है तो आप एक बात हमेशा याद रखें की यह येल्लो सैफायर धारण करने से पहले अपनी कुंडली को किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य को अवश्य दिखा लें उसके बाद ही येल्लो सैफायर धारण करे नही तो आपको इसके बुरे प्रभाव सहने पड़ सकते है। 

पीला पुखराज कितने रत्ती का पहनना चाहिये। Right Weight of Wearing yellow sapphire

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तत्वों के आधार पर जातक इस रत्न को आमूमन 5 रत्ती का पहन सकता है लेकिन यदि जातक कम से कम पहनना चाहता है तो वह 3 रत्ती तक का पहन सकता है। यदि जातक 3 रत्ती से कम का पहनता है तो इस रत्न के प्रभाव से जातक को ज्यादा कोई लाभ नही होंगे।

जातक को 4 से 5 रत्ती के बीच पहना हुआ रत्न लाभ देगा न की इससे कम। लेकिन इस रत्न को सोने या चाँदी की धातु से बनी अंगूठी में जड़बाकर ही पहनना ज्यादा लाभकारी माना जाता है। क्योंकि इन धातुओं में यह रत्न सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है।


पीला पुखराज रत्न पहनने की विधि । Process of Wearing Yellow Sapphire

इस रत्न को गुरूवार के दिन सूर्योदय के बाद सोने या चाँदी की धातु से बनी अंगूठी को दूध , शहद , गंगा जल , शक्कर आदि से बने मिश्रण में डाल दें। उसके बाद बृहस्पति देव के सामने 5 अगरबत्ती जला कर आराधना करें की हे भगवान मैं आपके प्रिय रत्न को पहनने जा रहा हु इसलिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिये हे क्रपानिधान मुझे आशीर्वाद दो और मेरी सदैव रक्षा करना। इसके बाद उस अंगूठी का हाथ में रख कर 108 बार ॐ ब्रह्म ब्रह्स्पतिये नमः का मंत्र उच्चारण करें और उसके बाद विष्णु भगवान के चरणों में अंगूठी को स्पर्श करके ही धारण करें।

यदि आप पुखराज रत्न का अच्छा प्रभाव चाहते हो तो ऊँचे स्तर का ही सिलोनी येल्लो सैफायर धारण करें। लेकिन यह अंगूठी सिर्फ सीधे हाँथ की अनामिका उंगली में ही पहनी जाएगी। यदि किसी व्यक्ति को अंगूठी पहनने में कुछ परेशानी हो रही है तो वे इस रत्न को किसी सोने के लाकेट के जडबाकर कर गुरु यंत्र के साथ इस रत्न को पहन सकता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जातक यह रत्न पहन सकता है। 


पीला पुखराज रत्न का 12 राशियों पर प्रभाव । Impacts of Yellow Sapphire on 12 signs

जब जातक पुखराज रत्न को धारण करता है तो वह यह अवश्य जान ले की उसके लिए यह सही ह या गलत जिसके लिए आपको किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य की सलाह की जरूरत होगी अन्यथा आपको इसके अशुभ प्रभावों से जूझना पड़ सकता है। जिसके लिए सभी राशियों पर येल्लो सैफायर कुछ इस प्रकार है।

मेष राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Aries
पुखराज

इस मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और येल्लो सैफायर के स्वामी गुरु यानी बृहस्पति का मेष राशि के स्वामी के साथ हमेशा मित्रता का भाव रहता है। इस कारण जातक का हर काम सफल होता है और जातक उन्नति प्राप्त करता है। इसे धारण करने से जातक का आत्मविश्वास बढ़ जाता है और उसके साथ कभी धोखा नही होता उनकी शारीरिक समस्याएं भी कम हो जाती है।

ऐसे जातकों को अपनी बॉडी में ग्रोथ करने में सहायता मिलती है। इस वजह से मेष राशि के जातकों के लिए यह रत्न बहुत ज्यादा लाभदायक माना जाता है। परन्तु यदि जातक बिना किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य के परामर्श से यह रत्न धारण करता है तो उसे इसके बुरे प्रभाव भी सहने पड़ते है।


वृषभ राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Taurus
पुखराज

येल्लो सैफायर के स्वामी बृहस्पति वृषभ राशि के स्वामी शुक्र के साथ शत्रु का भाव रखते है इस कारण वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रत्न हानिकारक होता है लेकिन यदि व्यक्ति इस रत्न को किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य के परामर्श से पहनता है तो उसकी आर्थिक स्थिति सुधर होता है और उसे धन की प्राप्ति होती है।

उसे परिवार का सुख प्राप्त होता है तथा उसके मान सम्मान में वृद्धि होती है। वह अपने जीवन का भर पूर्ण आनंद ले पाता है और जातक की वाणी में भी मधुरता आती है।


 मिथुन राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Gemini
पुखराज

मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है और बुध बृहस्पति से कभी बैर नही रखता इसलिए इस राशि के लोगों के लिए ये येल्लो सैफायर अत्यधिक लाभकारी होता है। जब जातक इसे धारण करता है तब उसे हर धंधे में सफलता मिलती है तथा उसे अपने किसी पूर्वजों से संपत्ति मिल सकती है और उस जातक को सबका साथ मिलेगा।

ऐसे जातक जो इस रत्न को धारण कर लेते है उसके बाद वे ज्यादातर लोगो के संपर्क में रहते है लेकिन इसे धारण करने से पहले जातक को अनुभवी ज्योतिष आचार्य की सलाह बहुत जरूरी होगी।


कर्क राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Cancer
पुखराज

इस राशि का स्वामी चन्द्र होता है और चन्द्र हमेशा गुरु के साथ अच्छा व्यवहार रखता है इसलिए कर्क राशि के जातको को येल्लो सैफायर रत्न के अवश्य पहनना चाहिए क्योंकि जातक को इसके बहुत सारे लाभ मिलते है। जैसे वह अपना कोई भी मन चाहा काम कर सकता है। जो जातक अपना खुद का घर नही ख़रीद पाते है उन्हें इससे बहुत सहायता मिलेगी जिससे वे अपना घर आसानी से ख़रीद पाते हैं।

यदि वे वाहन खरीदना चाहते है तो उन्हें इसमें भी सहायता मिलेगी यदि उनका कोई ज़मीनी विवाद काफी समय से चल रहा है तो उन्हें अपनी ज़मीन वापस मिल सकेगी और यदि आप इस रत्न को मूँगा या फिर मोती के साथ पहनते है तो इसके आपको सारे पॉजिटिव रिजल्ट मिलेंगे यानी सब कुछ बहुत अच्छा होगा आपकी लाइफ में लेकिन इस रत्न को धारण करने से पहले एक बार किसी अनुभवी ज्योतिष से परामर्श ज़रुर ले लें।


सिंह राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Leo
पुखराज

सिंह राशि के स्वामी सूर्य का बृहस्पति के साथ बहुत अच्छे सम्बन्ध रहते है इस कारण यह येल्लो सैफायर सिंह राशि के जातकों के लिए शुभ माना जाता है। सिंह राशि के जातक इसे अवश्य धारण करें क्योंकि इस रत्न के पहनने से आपको शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है और ज्ञान की बढ़ोतरी होती है।

इसके पहनने के बाद जातक का प्यार उन्हें मिल जाता है और ऐसे व्यक्ति जिनकी संतान नही होती उन्हें संतान का सुख भी प्राप्त होता है जिससे उसके भविष्य में उजाला हो जाता है लेकिन अपने जीवन में उन्नति पाने के लिए इस रत्न को धारण करने से पहले एक बार किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अवश्य पुंछ लें।


कन्या राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Virgo
पुखराज

येल्लो सैफायर का स्वामी बृहस्पति कन्या राशि के स्वामी बुध के साथ एक जैसा व्यवहार रखते है लेकिन बृहस्पति और बुध एक दूसरे से शत्रु का भाव रखते है। ऐसे में जातक के लिए यह रत्न हानिकारक होता है लेकिन जातक अगर किसी ज्योतिष आचार्य से परामर्श लेकर धारण करता है तो उसे अपने ही शत्रुओं से फायदा होने लगता है।

ऐसे शत्रु जो जातक के उपर हमेशा से छुप कर वार करते थे वे सामने आयंगे और उस जातक का मानसिक कलह ख़त्म हो जायगा। उसे अपने ही नौकर चाकरों से भी लाभ होने लगेगा तथा उसकी सारी शारीरिक पीड़ा दूर हो जाएगी और वह अपने जीवन में सुख का अनुभव कर पाएगा।


तुला राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Libra
पुखराज

तुला राशि के जातकों को यह रत्न जरुर पहनना चाहिये क्योंकि इस रत्न का स्वामी बृहस्पति तुला राशि के जातकों की कुंडली में तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है इसलिए इस राशि के जातकों को इसका लाभ बहुत ज्यादा मिलता है इसके पहनने से खासकर व्यक्ति का स्वास्थ एक दम ठीक रहता है और रिश्तों में मधुरता आती है और यह रत्न जातक को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

ऐसे जातक जिनका विवाह नही होता उन व्यक्तियों को विवाह का सुख प्राप्त होगा। लेकिन कभी कभी इसके बुरे असर भी देखने को मिलते है इसलिए जातक जब भी येल्लो सैफायर पहने उससे पहले एक अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अपनी कुंडली के अनुसार रत्न की जानकारी अवश्य ले ले।


वृश्चिक राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Scorpio
पुखराज

वृश्चिक राशि के लोगों के लिए यह रत्न बहुत लाभदायक है क्योंकि बृहस्पति जातक की कुंडली में द्वितीय व पंचम भाव में रहता है इसलिए जातक को येल्लो सैफायर के साथ मूँगा भी पहन लेना चाहिये क्योंकि जब जातक मूँगा और येल्लो सैफायर दोनों एक साथ पहनता है तब ये रत्न आपको तेज दिमाग पाने में बहुत सहायता देता है।

धन का भी लाभ मिलता है इस रत्न के धारण करने से आपके परिवार के सदस्यों के साथ बहुत अच्छे सम्बन्ध बन जाते है और व्यक्ति दुःख को त्याग सुख का आनंद ले पाता है परन्तु इसका उल्टा भी हो सकता है यदि आपने ज्योतिष परामर्श नही लिया।


धनु राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Sagittarius
पुखराज

इस धनु राशि का स्वामी खुद बृहस्पति ही है और येल्लो सैफायर का स्वामी भी बृहस्पति है तो इस राशि के जातको को यह रत्न अवश्य पहनना चाहिये क्योंकि धनु राशि का भाग्य रत्न येल्लो सैफायर ही माना जाता है इसे पहनने से जातक को हर काम में सफलता मिलती है इस रत्न के धारण करने से मानो व्यक्ति का भाग्योदय हो जाता है।

जिससे वह अपने जीवन में हर काम में सकारात्मक परिणाम ही पाता है। इसे पहनने के बाद जातक कहीं परदेश घूमने जा सकता है और इस राशि के जातकों की सेहत बहुत अच्छी रहती है जिसके शुभ प्रभाव से वे रोग मुक्त हो जाते है। 


मकर राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Capricorn
पुखराज

मकर राशिं के जातकों को येल्लो सैफायर नही पहनना चाहिये क्योंकि यदि जातक इसे पहन भी लेता है तो इस रत्न के स्वामी बृहस्पति का जातक के ऊपर बहुत बुरा असर पड़ेगा। लेकिन बृहस्पति और इस राशि के स्वामी शनि एक जैसी समानता तो रखते है लेकिन शत्रु भाव रखते है।

ऐसे में व्यक्ति यदि येल्लो सैफायर धारण करना चाहता है तो वह किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से परामर्श ले और फिर उसके बाद ज्योतिष आचार्य के द्वारा बाताय गए उपायों के अनुसार इस रत्न को धारण कर सकता है। 


कुंभ राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Aquarius
पुखराज

इस राशि का भी स्वामी मकर राशि की तरह शनि है ऐसे में व्यक्ति को रत्न न पहनने की सलाह दी जाती है। जातक इस रत्न को जब धारण कर सकता है जब वह अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य को दिखा देता है और यदि जातक की कुंडली में बृहस्पति दूसरे, दसवें या ग्यारहवें भाव में है या फिर बृहस्पति की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है तो कुंभ राशि के जातकों के लिए येल्लो सैफायर लाभकारी माना जाता है।

इस रत्न के धारण करने से व्यक्ति की आमदनी का स्रोत बढ जाता है और उन्हें बहुत अच्छे मित्र मिल जाते है पर ऐसे जातकों का मित्र स्त्रियों की तरफ आकर्षण बढ़ जाता है।


मीन राशि के लिए पुखराज रत्न । Yellow Sapphire for Pisces
पुखराज

इस राशि के लिए येल्लो सैफायर सबसे ज्यादा लाभकारी है। यह रत्न मीन राशि के जातकों के लिए भगवान के वरदान से कम नही है। इस रत्न के धारण करने से मीन राशि के जातकों को एक नई शक्ति मिलती है और यह रत्न धारण करने के बाद जातक का सभी कामों के प्रति रुझान बढ़ जाता है।

जातक कर्ज मुक्त हो जाते है तथा उनका किसी भी काम में नुक्सान नही होता है और इनका ध्यान सिर्फ अपने काम में ही रहता है फ़ालतू के कामों में नही। 


एक विशेष जानकारी – हम आशा करते हैं कि सभी पाठकों को अपनी-अपनी राशि के अनुसार समझ आ गया होगा कि आपके लिए येल्लो सैफायर सही है या नही, लेकिन जब भी किसी रत्न को धारण करें उससे पहले अपनी कुंडली किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य को अवश्य दिखा लें।


पीला पुखराज की पहचान । पुखराज रत्न का असली या नकली होना 

  • येल्लो सैफायर को पहचानने का सबसे आसान तरीका यह है यदि आप येल्लो सैफायर को एक दिन तक दूध में डालकर रखें और फिर भी अगर उसका रंग हल्का न पड़े और उसकी चमक वैसी ही बनी रहे तो समझो वह येल्लो सैफायर असली है। 
  • येल्लो सैफायर इतना शक्तिशाली रत्न है अगर येल्लो सैफायर असली है तो यह जातक को किसी जहरीले कीड़े के काटने पर यदि आप उस जगह पर येल्लो सैफायर को रगड़ते है तो उस जातक के अंदर जहर ख़त्म हो जाता है।
  • जो असली येल्लो सैफायर होता है उसे हम एक ओर से दूसरी ओर आसानी से देख सकते है जिसे हम पारदर्शी कहते है। इसके साथ साथ इस रत्न को जब आप हाथ में रखते हो तो यह काफी वजनदार महसूस होता है।
  • अगर येल्लो सैफायर नकली है तो गोबर से रगड़ने पर इसका रंग फीका पड़ जाता है और यदि असली है तो गोबर के रगड़ने पर उसकी चमक ठीक दो गुनी हो जाती है।
  • जो असली येल्लो सैफायर होता है उनमे से किरणें निकलती प्रतीत होती है लेकिन नकली येल्लो सैफायर में कोई किरण निकलती महसूस नही होती है । 
  • असली येल्लो सैफायर देखने में चमकदार, साफ़ होता है और उसमे एक छोटा सा कोई न कोई रेशा सा अवश्य दिखाई देता है लेकिन नकली Pukhraj में ऐसा नही होता है। 
  • यदि हम असली येल्लो सैफायर को आग में रख दें तो  न तो वह तडकेगा और साथ ही उसका रंग बदलकर एक दम सफ़ेद हो जायगा लेकिन नकली येल्लो सैफायर में ऐसा नही होता है। 

पीले पुखराज का विकल्प उपरत्न । Substitute of Yellow Sapphire

येल्लो सैफायर एक ऐसा रत्न है जिसकी कीमत मार्केट में बहुत ज्यादा है इसलिए कुछ ऐसे जातक जो पीले पुखराज को नही खरीद पाते हैं तो उनके लिए पुखराज रत्न के कुछ उपरत्न है। जो जातक आसानी से खरीद कर पहन सकते हैं। वो इस प्रकार हैं।

धिया –  यह हल्का पीला होता है ।

केसरी – यह हल्की चमक का तथा वजन में भारी होता है ।

केरु – यह पीतल के रंग का होता है ।

सोनल – यह सफ़ेद होता है और इसमें पीली किरण निकलती है ।

सुनैला – यह भी सफ़ेद रंग का तथा चमकदार होता है ।

ये उपरत्न उन जातकों के लिए होते है जो येल्लो सैफायर नही खरीद पाते है तो वे इन उपरत्नो को खरीद कर धारण कर सकते है।


पुखराज रत्न से साबधानियाँ । Precautions from Yellow Sapphire। Pukhraj

इस येल्लो सैफायर को धारण करने से पहले तथा बाद में बहुत सी साबधानियाँ वर्तनी होती हैं। जैसे व्यक्ति को इस येल्लो सैफायर के साथ पन्ना तथा हीरे को नहीं पहनना चाहिये इस पुखराज रत्न को अकेले ही धारण करना चाहिये। कई बार ऐसा होता है की जातक जब रोगों से ग्रसित होता है तो वह पुखराज धारण करता है लेकिन इससे पहले व्यक्ति को किसी डॉक्टर या वैध से अवश्य सलाह ले लेनी चाहिये।

इस पुखराज को 2, 7,10 लग्न वाले जातक तो बिलकुल ही न पहने क्योंकि यह उनके लिए घातक हो सकता है। जातक को हमेशा निर्दोष येल्लो सैफायर ही पहनना चाहिये। जातक पुखराज रत्न धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिष आचार्य से अपनी कुंडली ज़रुर दिखबा ले। जातक को हमेशा अपनी कुंडली के हिसाब से ही पुखराज रत्न धारण करना चाहिये। जिससे व्यक्ति को इस पुखराज रत्न का लाभ मिल सके।