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गोचर क्या होता है | गोचर के बारे में ( गोचर का मतलब राशि परिवर्तन भी होता है )
राशि परिवर्तन का अर्थ होता है चलना यानि गमन करना, अब यदि राशि परिवर्तन को विस्तृत रूप में समझें तो ” गो ” का अर्थ है तारा जिसे आप गृह या नक्षत्र के अनुसार समझ सकते हैं। उसके बाद ” चर ” का अर्थ होता है चलना जिससे हमे पूर्ण करने के बाद राशि परिवर्तन का अर्थ पता चलता है यानि ग्रहों का चलना ही राशि परिवर्तन कहलाता है।
ज्योतिषीय मतानुसार सूर्य से लेकर राहु और केतु तक सभी ग्रहों की अपनी-अपनी अलग-अलग गति होती है। यही कारण है की सभी गृह अलग-अलग समय में अपना-अपना राशि परिवर्तन समयानुसार करते हैं। अब अगर यह देखा जाए की सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन में सबसे अधिक चाल किसकी है और सबसे कम चाल किसकी है, तो हम आपको बताते हैं की चंद्र की चाल सबसे अधिक होने के कारण इसका समय कम अवधि का होता है और सबसे अधिक समय अवधि का शनि होता है क्योंकि इसकी चाल सबसे कम ( धीमी ) होती है।
ज्योतिष में गोचर का महत्व ( गोचर की विशेषताएँ )
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राशि परिवर्तन का बहुत महत्व माना जाता है। क्योंकि राशि परिवर्तन ज्योतिष शास्त्र में सबसे जरूरी आमुख क्रिया व्यक्त करते हैं। या हम कह सकते हैं सबसे जरूरी भूमिका नुभाते हैं। सभी नव ग्रह जातक की कुंडली में अलग-अलग तरह से प्रभाव दिखाने की क्षमता रखते हैं। नवग्रहों के नाम कुछ इस प्रकार हैं- चन्द्र, सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु। ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों को सबसे ज्यादा महत्वता इस लिए दी जाती है क्योंकि जातक की कुंडली का बखान करने में ये ग्रह ज्योतिष शास्त्र की मदद करते हैं। इन सबसे हमे यह बात पता चलती है की ग्रहों का राशि परिवर्तन हमारे जीवन में अपना-अपना असर अवश्य दिखाते हैं।
कुंडली में गोचर के अनुसार फलादेश कैसे करें
अब अगर देखा जाए तो आपके मन में सबसे पहले ये बात आएगी की राशि परिवर्तन से कैसे फलादेश संभव है, तो हम आपको बताते हैं की सभी ग्रह अपने समयानुसार राशियों में अपना चक्कर लगाते हैं। जब ग्रह अपना-अपना प्रभाव राशियों पर समय के अनुसार दिखाते हैं, तो उसी को राशि परिवर्तन या फलादेश कहते हैं।
अब हम आपको वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के नियमानुसार फल जानना बताते हैं। सबसे पहले आपको यह देखना है कि किस ग्रह का आपको फल देखना है जैसे आपको गुरु के राशि परिवर्तन का फल देखना है तो आपको सबसे पहले यह देखना होगा की गुरु किस राशि में परिवर्तन कर रहा है। इसके बाद आपको गुरु का स्थान देखना होगा आपकी अपनी कुंडली में।
यह दोनों राशियों के आधार पर और अन्य ग्रहों के सम्बन्धों से आपको फल ज्ञात करना चाहिए। अगर आप इसमे माहिर नहीं है तो आपको किसी अच्छे ज्योतिषी या हमारे आचार्य जी से संपर्क करके अपना फलादेश समझना चाहिए। गुरु का राशि परिवर्तन ( गुरु राशि परिवर्तन 2022 ) बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए किसी भी तरह कि लापरवाही या नौशीखिए ज्योतिषी से संपर्क नहीं करना चाहिए अन्यथा बहुत बुरा होता देखा गया है ।
राशियों पर ग्रह का गोचर कितने समय तक होता है
वैदिक ज्योतिष शस्त्र के अनुसार होने वाले राशि परिवर्तन का समय बताया गया है, विद्वानों के मतानुसार सूर्य का राशि परिवतन एक महीने का होता है, शुक्र का राशि परिवर्तन भी एक महीने का होता है और बुध ग्रह का भी राशि परिवर्तन एक महीने लगभग चलता है। अब अगर चन्द्र ग्रह की बात करें तो इसका समय सवा दो दिन ( 2.25 दिन ) का होता है।
इसी प्रकार मंगल ग्रह का समय लगभग 57 दिन का होता है तथा गुरु के राशि परिवर्तन का समय 1 साल से 13 महीने तक होता है। यदि हम राहु-केतु की बात करें तो इनका समययान्तराल 1 साल 6 महीने ( इसे हम साधारण तरीके से डेढ़ साल कह सकते हैं ) का होता है। अब शनि जो सबसे धीमी गति है ग्रह है । इसका समयान्तराल सबसे लंबा चलता है यानि इसका समय 2 साल 6 महीने ( इसे हम साधारण तरीके से ढाई साल कह सकते हैं ) का होता है।
विभिन्न राशियों के लिए गुरु गोचर 2022 का फल
विभिन्न राशियों के लिए गुरु गोचर 2022 के उपाय
मेष राशि के उपाय
- पानी में हल्दी डालकर स्नान करने से सेहत अच्छी रहेगी।
- पीले वस्त्र धारण करना शुभ रहेगा।
- सीधे हांथ में कलावा बाँधें।
वृषभ राशि के उपाय
- सुबह नाश्ते में हल्दी वाला दूध पीना चाहिए।
- गुरु गोचर 2022 के दौरान पीले खाने का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए जैसे- कड़ी, वेसन आदि।
- इन उपायों के करने से गुरु ग्रह को मजबूती मिलती है।
मिथुन राशि के उपाय
- गुरु ( राशि परिवर्तन ) गोचर के दौरान क्रीम कलर के वस्त्र पहनना शुभ होगा।
- गुरु के मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरुवे नम: का 108 बार जाप करना चाहिए।
- गुरु को मजबूत बनाने के लिए पीली चीजों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
कर्क राशि के उपाय
- गुरुवार के दिन पीले वस्त्रों का दान करना आपके लिए शुभ होगा।
- यदि संभव हो तो पीले रंग से जुड़ी चीजों का ज्यादा से ज्यादा दान करें।
- पीले रंग का धागा पीपल के पेड़ में बाधना अच्छा होगा।
सिंह राशि के उपाय
- बृहस्पतिवार के दिन पके हुए केले का दान करना अच्छा होगा।
- सफ़ेद गाय को गुड़ खिलाने से गुरु की कृपा प्राप्त होगी।
- इस सामान्य उपायों को करने से गुरु प्रसन्न होते हैं।
कन्या राशि के उपाय
- पीली खिचड़ी का दान करना आपके लिए अच्छा होगा।
- कुवांरी लड़कियों को पीले वस्त्र दान करें।
- पीली चीजों का दान आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
तुला राशि के उपाय
- भगवान विष्णु का व्रत करना चाहिए।
- गुरु राशि परिवर्तन के दौरान भगवान विष्णु का मंत्र जाप करना अच्छा होता है।
- भगवान विष्णु को गुरु ग्रह का स्वामी माना जाता है।
वृश्चिक राशि के उपाय
- पंडितों को भोजन कराएं।
- गरीब को दान करने से लाभ मिलेगा।
- गुरु राशि परिवर्तन के समय केले का दान आपके लिए अच्छा होगा।
धनु राशि के उपाय
- गुरु गोचर के दौरान सुबह 6 बजे स्नान करना शुभ होगा।
- पूजा करते समय पीले रंग का आसान ग्रहण करें।
- विष्णु भगवान की प्रतिमा के सामने पवित्र होकर बैठें और गुरु के मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम: का जाप करें।
मकर राशि के उपाय
- पपीते के पेड़ में पीला धागा बंधे।
- पपीते की जड़ को पीले वस्त्र में बांधकर गले में पहने।
- इन उपायों से आपको गुरु के राशि परिवर्तन में राहत मिलेगी।
कुम्भ राशि के उपाय
- इस राशि के लोगों को बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
- गुरु गोचर 2022 के दौरान पीला फल दान करें।
- प्रतिदिन स्नान करने से पहले पानी में गंगाजल डालना अच्छा होगा।
मीन राशि के उपाय
- इस राशि के लोगों को खाने में पीले फलों का सेवन अधिक करना चाहिए।
- हल्दी की गांठ को पीले वस्त्र में लपेटकर हाथ या गले में पहनें।
- ये उपाय करने से आपको गुरु की कृपा मिलेगी।
आप इन उपायों को नियमित रूप से उपयोग करके गुरु राशि परिवर्तन 2022 से होने वाले दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं।