उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के उपाय। Uttara Phalguni Nakshatra Remedy
- इस नक्षत्र में जन्में जातकों के लिए सूर्य देव की आराधना बेहद फलदायी मानी जाती है क्योंकि ये इस नक्षत्र के देव हैं।
- यदि संभव हो तो प्रतिदिन सुबह स्नान करने के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आपको सकारात्मक्ता का अनुभव होगा।
- यदि आप ब्राह्मण हैं तो आप प्रतिदिन सुबह ताँबे के बर्तन में शुद्ध जल लेकर सूर्यदेव का नाम लें और उन्हे जल अर्पित करें।
- इस नक्षत्र के जातकों को अपने कुल देवता या जाति देवता का प्रथा के अनुसार पूजन करना चाहिए।
- आपको रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए यदि संभव हो तो भगवान सूर्य की प्रतिमा के सामने मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए।
- रविवार के दिन मंदिर में रहने वाले पुजारी को सूर्य ग्रह से संबन्धित वस्तुएँ दान करनी चाहिए जैसे- लाल कपड़ा, तांबे के बर्तन आदि।
- इस नक्षत्र में जन्में जातकों के लिए सबसे सरल और प्रभाव कारी उपाय यह है की तांबे की धातु से बना कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
- सूर्य देव इस नक्षत्र के कर्ताधर्ता हैं। इसलिए इनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपको सूर्य ग्रह शांति धूप का उपयोग करना चाहिए।
यदि जातक इस नक्षत्र के अशुभ प्रभावों को जल्दी और असरकारी मंत्र से करना चाहते हैं तो जातक को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के वैदिक मंत्र का जाप सच्चे मन से करना चाहिए। वैदिक मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करने से जातक को इस नक्षत्र के अशुभ प्रभाव कम करने में मदद मिलती है।
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उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का वैदिक मंत्र
ऊँ दैव्व्यावध्वर्यू आगत गूँ रथेन सूर्यत्वचा ।
मध्वायज्ञगूँ समजाथे तं प्रत्नथा यं वेनश्चित्रं देवानाम् ।।
ऊँ अर्यम्णे नम: ।।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र। Uttara Phalguni Nakshatra
इस नक्षत्र का राशि चक्र में 146 डिग्री 40 अंश से 160 डिग्री 00 अंश तक क्षेत्रफल होता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को अरब मंजिल में ” अल सरफ़ाह “, ग्रीक में ” डेनेबोला “, चीन सियु में ” येन ” कहा जाता है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के दो तारे होते हैं जिससे पलंग के दो पायो की आकृति बनकर तैयार होती है। इस नक्षत्र के अधिष्ठाता 12 आदित्यों में से एक आर्यमान हैं।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता अर्यमा, स्वामी ग्रह सूर्य और राशि सिंह 26 डिग्री 40 अंश से कन्या 10 डिग्री 00 अंश तक होती है। भारतीय आकाशीय पिंडों के आधार पर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को 12 वा ध्रुव संज्ञक नक्षत्र होता है। यह शुभ विघ्या दाता और राजसिक स्त्री नक्षत्र है। इस नक्षत्र की जाति क्षत्रिय, योनि गौ, योनि वैर व्याघ्र, गण मनुष्य और नाड़ी मध्य होती है। इस नक्षत्र को पूर्व दिशा का स्वामित्व प्राप्त है।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के नाम अक्षर। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र नामाक्षर
इस नक्षत्र के अनुसार जिस जातक का नाम आता है वह इस नक्षत्र के बताए गए गुण दोषों के समान होगा। उत्तरा फाल्गुनी के नामाक्षर कुछ इस प्रकार है-
इस नक्षत्र के प्रथम चरण का नाम अक्षर – ते
इस नक्षत्र के द्वितीय चरण का नाम अक्षर – तो
इस नक्षत्र के तृतीय चरण का नाम अक्षर – पा
इस नक्षत्र के चतुर्थ चरण का नाम अक्षर – पी